आदतें बदलें,जिन्दगी बदल जाएगी
आदतें चाहे अच्छी हों या बुरी, हमारी जिंदगी में इनका असर बहुत पड़ता है। कुछ आदतें ऎसी भी होती हैं, जो हमारे अंदर सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। ऎसी आदतों को हमें विकसित करने की जरूरत होती है, क्योंकि यह तो सत्य है कि गंदी आदतें तुरंत पड़ जाती हैं और अच्छी आदतों के लिए हमें मशक्कत करनी पड़ती है। अगर आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है तो अपने अंदर अच्छी आदतें विकसित
करनी ही पड़ेंगी.
करनी ही पड़ेंगी.
प्राथमिकता सोच लें
कई बार आप अपने लक्ष्य को प्राप्त इसलिए भी नहीं कर पाते हैं कि आप अपना यह निर्णय ही नहीं कर पाते कि जिंदगी में आपकी प्राथमिकता क्या है? इसलिए कई बार आप भ्रमित भी हो जाते हैं कि आपको कौन से समय में क्या करना है. प्राथमिकता तय करने के बाद लक्ष्य प्राप्त आसान होगी।
कई बार आप अपने लक्ष्य को प्राप्त इसलिए भी नहीं कर पाते हैं कि आप अपना यह निर्णय ही नहीं कर पाते कि जिंदगी में आपकी प्राथमिकता क्या है? इसलिए कई बार आप भ्रमित भी हो जाते हैं कि आपको कौन से समय में क्या करना है. प्राथमिकता तय करने के बाद लक्ष्य प्राप्त आसान होगी।
चुनौती का सामना करें
यह व्यक्तिगत दृष्ठिकोण है ,अर्थात अपनी सोच तथा कार्यो के लिए स्वयम उत्तरदायी हों,उत्तरदायित्व स्वीकार करें.पहल करें तथा कार्य करने की जिम्मेदारी उठाये.
यह व्यक्तिगत दृष्ठिकोण है ,अर्थात अपनी सोच तथा कार्यो के लिए स्वयम उत्तरदायी हों,उत्तरदायित्व स्वीकार करें.पहल करें तथा कार्य करने की जिम्मेदारी उठाये.
जल्दी उठने की आदत डालें
रोजाना देर से उठना यानी जरूरी कार्यो के लिए कम समय। यदि आप रोजाना दस मिनट जल्दी उठते हैं तो ये दस मिनट बहुत उपयोगी साबित होते हैं। इनमें आप ऎसी चीजें कर सकते हैं जो देखने में छोटी लगती हैं लेकिन बहुत खुशी और
संतोष देती हैं।
रोजाना देर से उठना यानी जरूरी कार्यो के लिए कम समय। यदि आप रोजाना दस मिनट जल्दी उठते हैं तो ये दस मिनट बहुत उपयोगी साबित होते हैं। इनमें आप ऎसी चीजें कर सकते हैं जो देखने में छोटी लगती हैं लेकिन बहुत खुशी और
संतोष देती हैं।
खुद को समझें
इससे पहले कि लोग आप को समझें,आप खुद को समझें.दूसरो की बात सुनने और समझने का कौशल विकसित करें.
इससे पहले कि लोग आप को समझें,आप खुद को समझें.दूसरो की बात सुनने और समझने का कौशल विकसित करें.
आरी की धार तेज करते रहें
आप अपने सद्गुणों को निरंतर निखारते रहें.स्व का संरक्षण तथा संवर्धन आपका प्रथम कर्तव्य है.अपनी शारीरिक,मानसिक सामाजिक और भावनात्मक क्षमताओ को निरंतर बढ़ाते रहें.
आप अपने सद्गुणों को निरंतर निखारते रहें.स्व का संरक्षण तथा संवर्धन आपका प्रथम कर्तव्य है.अपनी शारीरिक,मानसिक सामाजिक और भावनात्मक क्षमताओ को निरंतर बढ़ाते रहें.
ज़माने को नहीं ,खुद को बदले
लोगो को बदलने में अपना समय और उर्जा बर्बाद न करें.जंहा जरूरत हो ,लोगो को बदलने के बजाय खुद को बदलने की कोशिश करें.
लोगो को बदलने में अपना समय और उर्जा बर्बाद न करें.जंहा जरूरत हो ,लोगो को बदलने के बजाय खुद को बदलने की कोशिश करें.
दूसरो से नहीं ,खुद से तुलना करें
तुलना करना मानव स्वभाव का अभिन्न अंग है ,लेकिन स्वयं की दूसरो लोगो से कदापि तुलना न करें.खुद की खुद से तुलना करें
तुलना करना मानव स्वभाव का अभिन्न अंग है ,लेकिन स्वयं की दूसरो लोगो से कदापि तुलना न करें.खुद की खुद से तुलना करें
वचन निभाने की आदत
सफलता के लिए यह बेहद जरूरी है कि लोग आप पर विश्वास करें और आप यह विश्वास तभी अर्जित कर पाएंगे,जब वचन निभाने की आदत डालेंगे,वचन,रिश्ते और विश्वास बनाये रखें.
सफलता के लिए यह बेहद जरूरी है कि लोग आप पर विश्वास करें और आप यह विश्वास तभी अर्जित कर पाएंगे,जब वचन निभाने की आदत डालेंगे,वचन,रिश्ते और विश्वास बनाये रखें.
न कहने की और न सुनने की आदत डालें
अगर आप सफलता चाहते हैं,तो असहमति व्यक्त करने की आदत जरूर डाले.जिस बात से असहमत हों,वंहा न कहें और यदि कोई आपको न कहे तो उसे भी धैर्यपूर्वक स्वीकार करे.
अगर आप सफलता चाहते हैं,तो असहमति व्यक्त करने की आदत जरूर डाले.जिस बात से असहमत हों,वंहा न कहें और यदि कोई आपको न कहे तो उसे भी धैर्यपूर्वक स्वीकार करे.
अच्छी आदतों को डालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।यदि आप 21 दिन तक कोई अच्छा या बुरा कार्य करते हैं तो वह आपकी आदत बन जाती है. इसलिए आप अगर अंदर सकारात्मक बदलाव चाहते हैं तो एक हफ्ते से लेकर
तीन हफ्ते तक अपने लिए एक टार्गेट फिक्स कर दें। हर बार जब आप अपना टार्गेट पूरा कर लें तो आप खुद को इनाम दें। इससे आप खुद को मोटीवेट भी कर पाएंगे।एक बार जब आप एक अच्छी आदत अपने अंदर विकसित कर लेते हैं तो फिर इसके बाद कोई अन्य आदत विकसित करने का टार्गेट रखें।
तीन हफ्ते तक अपने लिए एक टार्गेट फिक्स कर दें। हर बार जब आप अपना टार्गेट पूरा कर लें तो आप खुद को इनाम दें। इससे आप खुद को मोटीवेट भी कर पाएंगे।एक बार जब आप एक अच्छी आदत अपने अंदर विकसित कर लेते हैं तो फिर इसके बाद कोई अन्य आदत विकसित करने का टार्गेट रखें।
ओमकार मणि त्रिपाठी
atoot bandhan .…..फेस बुक पेज पर भी पधारे