कुछ लोग अपने को बहुत बड़ा समझते हैं वो किसी की इज्ज़त
नहीं कर पाते | ऐसे लोगों की बेईज्ज़ती करके ही उन्हें सही राह दिखानी पड़ती है | पर
आज हम बात किसी व्यक्ति की नहीं देश की कर रहे हैं | जहाँ एक देश के लोग दूसरे देशों
को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते | जी हां , आप बिलकुल सही समझे ये वाकया तब
का है जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था | उस समय अंग्रेज भारतीयों को ब्लडी
इन्डियन , या कंगाल आदि जाने क्या –क्या कह कर संबोधित करते थे | आम भारतीय इस
अपमान का गरल चुपचाप पीते रहते थे | करते भी क्या बेचारे |
नहीं कर पाते | ऐसे लोगों की बेईज्ज़ती करके ही उन्हें सही राह दिखानी पड़ती है | पर
आज हम बात किसी व्यक्ति की नहीं देश की कर रहे हैं | जहाँ एक देश के लोग दूसरे देशों
को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते | जी हां , आप बिलकुल सही समझे ये वाकया तब
का है जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था | उस समय अंग्रेज भारतीयों को ब्लडी
इन्डियन , या कंगाल आदि जाने क्या –क्या कह कर संबोधित करते थे | आम भारतीय इस
अपमान का गरल चुपचाप पीते रहते थे | करते भी क्या बेचारे |
पर एक बार उनका पाला एक ख़ास आदमी से पड़ा | वो अपमान पर
चुप नहीं बैठा | उसने नहले पर दहला मारा | जानते हैं वो ख़ास आदमी कौन था | वो थे
महाराजा जय सिंह |
चुप नहीं बैठा | उसने नहले पर दहला मारा | जानते हैं वो ख़ास आदमी कौन था | वो थे
महाराजा जय सिंह |
Moral story on self esteem
बात तब की है जब महाराजा जय सिंह इंग्लैण्ड गए हुए थे |
वो सादे कपड़ों में शाम को लंदन में घूम रहे थे | वहां उन्होंने रोल्स रायस का शो
रूम देखा |और कार का भाव जानने अन्दर चले गए | शो के मालिक ने उन्हें कंगाल भारत
का कंगाल आदमी कह कर अपमानित किया और कार दिखाए बिना “GET OUT ” कह कर बाहर निकाल दिया |
वो सादे कपड़ों में शाम को लंदन में घूम रहे थे | वहां उन्होंने रोल्स रायस का शो
रूम देखा |और कार का भाव जानने अन्दर चले गए | शो के मालिक ने उन्हें कंगाल भारत
का कंगाल आदमी कह कर अपमानित किया और कार दिखाए बिना “GET OUT ” कह कर बाहर निकाल दिया |
अपमानित हो कर माहाराज होटल लौट आये और उसी शो रूम में फोन
लगवाया कि अलवर के महाराज रोल्स रायस देखना चाहते हैं | कुछ समय बाद महाराज अपनी
राजसी पोशाक में पूरे दल बल के साथ उसी शो रूम में पहुंचे | तब तक उनके स्वागत के
लिए वहां रेड कारपेट बिछाया जा चुका था |
लगवाया कि अलवर के महाराज रोल्स रायस देखना चाहते हैं | कुछ समय बाद महाराज अपनी
राजसी पोशाक में पूरे दल बल के साथ उसी शो रूम में पहुंचे | तब तक उनके स्वागत के
लिए वहां रेड कारपेट बिछाया जा चुका था |
महाराज ने 6 रोल्स रायस खरीदी | वापस देश आने पर उन्होंने
वो गाड़ियां नगर महापालिका को कूडा उठवाने
के लिए दे दी | अब उन पर दिन भर अलवर राज्य का कूडा उठवाया जाता |
वो गाड़ियां नगर महापालिका को कूडा उठवाने
के लिए दे दी | अब उन पर दिन भर अलवर राज्य का कूडा उठवाया जाता |
विश्व की नंबर वन मानी जाने वाली रोल्स रायस कार का इस
तरह कूडा उठवाने में उपयोग होने का समाचार विश्व भर में फ़ैल गया | अब कोई रोल्स रायस खरीदने की सोंचता तो लोग हंस कर
कहते की अच्छा , अच्छा वही रोल्स रायस जिससे इंडिया में कूड़ा उठवाया जाता है | रोल्स रायस की बहुत बदनामी
होने से उसकी बरसों की बनायीं इज्ज़त तार – तार होने लगी |कारों की बिक्री घट गयी |मालिकों को बहुत ज्यादा आर्थिक नुक्सान होने लगा |
तरह कूडा उठवाने में उपयोग होने का समाचार विश्व भर में फ़ैल गया | अब कोई रोल्स रायस खरीदने की सोंचता तो लोग हंस कर
कहते की अच्छा , अच्छा वही रोल्स रायस जिससे इंडिया में कूड़ा उठवाया जाता है | रोल्स रायस की बहुत बदनामी
होने से उसकी बरसों की बनायीं इज्ज़त तार – तार होने लगी |कारों की बिक्री घट गयी |मालिकों को बहुत ज्यादा आर्थिक नुक्सान होने लगा |
चारो तरफ हुई किरकिरी से घबरा कर रोल्स रायस के मालिक के महाराजा को तार भेज कर
माफ़ी मांगी व् उनसे अनुरोध किया की वो
इसका उपयोग कूड़ा उठाने में न करें | इसके एवज उसने उन्हें ६ नयी रोल्स रोयस कारे
भेजीं |
माफ़ी मांगी व् उनसे अनुरोध किया की वो
इसका उपयोग कूड़ा उठाने में न करें | इसके एवज उसने उन्हें ६ नयी रोल्स रोयस कारे
भेजीं |
महाराजा को जब विश्वास हो गया की उन्हें सबक मिल गया है तो उन्होंने कारों से कूडा उठवाना बंद कर दिया | इस तरह उन्होंने अपमान का जवाब नहेले पर दहला मार कर दिया | और दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं |
कोई किसी से कम नहीं
दोस्तों , महाराजा को छोटा समझ कर उनका अपमान करने की जो भूल रोल्स रायस के शो रूम के मैनेजर ने की थी | उसका दंड उसे भारी आर्थिक नुक्सान व् अपनी साख खो कर चुकाना पड़ा | माहाराज ने उसको जाता दिया की हम किसी से कम नहीं |
लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं हैं | ये कहानी प्रेरणा देती है की जरूरी है की हम सबका सम्मान करे किसी की आर्थिक , शारीरिक या मानसिक कमी के कारण उसका मजाक न उडाये |
अब यहाँ आप कह सकते हैं की वो तो महाराजा थे | वास्तव में अमीर थे | वो तो केवल सादे कपड़ों में जाने के कारण अपमानित हुए थे | उनके पास तो बहुत पैसा था इसलिए उन्होंने अपने अपमान का बदला ले लिया | आम आदमी के अपमान का बदला कौन लेगा |
तो मैं यहाँ ये कहना चाहूंगी कि आम आदमी के अपमान का बदला समय लेगा | समय किसी का एक समान नहीं रहता | हो सकता है आज जिसे आप कमजोर समझ कर अपमानित कर रहे हैं कल को वो या उसके बच्चे बहुत ताकतवर बन कर आपके सामने आये | और आप को दिखा दें की हम किसी से कम नहीं | फिर आपके पास मुँह छिपाने का भी मौका नहीं होगा | बेहतर है समय रहते समझ लें की “कोई किसी से कम नहीं ” | इसलिए किसी का भी शारीरिक , मानसिक या आर्थिक कमी के कारण अपमान न करें |
दीप्ति दुबे
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