फोन का बिल

शरद जैन उज्जैन
एक माह जब घर का टेलीफोन का बिल बहुत आया तो परिवार के मुखिया ने घर के सब लोगों को बुलाया।
मुखिया : यह तो हद हो गई। इतना ज़्यादा बिल!…
मैं तो घर का फ़ोन यूज़ ही नहीं करता… सारी बातें ऑफ़िस के फ़ोन से करता हूँ।
माँ: मैं भी ज़्यादातर ऑफ़िस का ही फ़ोन यूज़ करती हूँ। सहेलियों के साथ इतनी सारी बातें घर के फ़ोन से करूंगी तो कैसे चलेगा


बेटा: माँ आपको तो पता ही है कि मैं सुबह सात बजे घर से ऑफ़िस के लिए निकल जाता हूँ। जो बात करनी होती है ऑफ़िस के फ़ोन से करता हूँ।
बेटी: मेरी कम्पनी ने मेरी डेस्क पर भी फ़ोन दिया हुआ है..मैं तो सारी कॉल्स उसी से करती हूँ। फिर ये घर के फ़ोन का बिल इतना आया
कैसे?
घर की नौकरानी चुपचाप खड़ी सुन रही थी। सबकी प्रश्न भरी निगाहें नौकरानी की ओर उठीं…
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नौकरानी बोली: “तो और क्या… आप सब भी तो अपने काम करने की जगह का फ़ोन इस्तेमाल करते हैं…मैंने भी वही किया तो क्या?”

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