मकान नंबर 13

 प्रतिभा  पांडे 


उस  पॉश  कॉलोनी   के ब्लाक 2  मकान नंबर 13  में आज सुबह से ही मीडिया वालों और पुलिस का
आना जाना लगा था
I
 
ब्लाक 2 के बाकी  सारे मकानों में आज सन्नाटा था
 
,
चिड़िया भी बाहर
नहीं दिख  रही थी
I
पार्क  में
भी सन्नाटा  था
I
और दिनों इसका
उल्टा होता था
I
इस ब्लाक में
सुबह से रौनक हो जाती थी
I
 
कारें
 धुलती थीं
,पार्क में योग, ध्यान,
जॉगिंग और मंदिर
में भजन चलते रहते थे
,
 
और मकान न
 
13
में सन्नाटा
 रहता था
I

एक महीने पहले
इस मकान में  कोई लोग रहने आये थे
I  पेपर वाला, दूध वाला  या  बाई ,कोई नहीं आता  था इस घर में I  पार्क में , मंदिर में   लोगों के  बीच   मकान  न  13  को  लेकर  सुगबुगाहट  और
कानाफूसियाँ  तो  होती रहती थीं
, पर  संभ्रांत  लोगों की कॉलोनी थी ,कोई पचड़े  में क्यों  पड़ता
I

और  ये
 आज का दिन  
,
गुप्ता  जी
ने  फ़ोन लगाया  शर्मा जी को
,

देखा
 तुमने  
T,V,
में ? एक महीने  से  बंद  कर रखा था
 बेचारी उस  नाबालिग  बच्ची को इन गुंडों ने  उस मकान
 में
I
क्या क्या
 किया  होगा  बेचारी के साथ
I दम  तोड़ दिया  बेचारी ने अस्पताल में I  यार  सोचता  हूँ क्या होगा इस देश
का
I
 
अरे  छोड़
 ये
,
और बता , वो जो अगले  हफ्ते से आध्यात्म
 शिविर  लगने वाला है
, उसमे  नाम  लिखवा  लिया ना ?”
और  
 संभ्रांत  लोगों  की  बात चीत  चलती रही………

मकान  न
 
13
 
को  पुलिस
 ने सील  कर  दिया
, और  वहां फिर से  सन्नाटा  हो गया

प्रतिभा  पांडे
 

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