everything is temporary – motivational story in Hindi
जीवन सुख दुःख से मिलकर बना है | हम सब ये जानते हैं | फिर भी दुखी
कौन रहना चाहता है | पर ऐसा होता नहीं | लगता है ऐसा कोई एक मंत्र मिल जाए जिससे हमेशा खुश रहे | आज मैं एक ऐसा ही
एक मंत्र आप सब के साथ शेयर करने जा रही हूँ | ये मंत्र मेरा बनाया हुआ नहीं है |
दरसल इस मंत्र के पीछे एक कहानी है |
बहुत पहले की बात है | एक राजा था भी हमारी तरह लगता था की वो हमेशा रहे | अब होता ये की जब वो वास्तव में खुश होता
तो उसे डर लगा रहता की कहीं बड़ा सा दुःख न आ जाए और सारी खुशियाँ खत्म कर दे | जब
वो दुखी होता तो उसे लगता ये समय तो कभी खत्म ही नहीं होगा | ये तो चलता जा रहा
है | चलता जा रहा है | उसने सोंचा की खुशियों के साथ थोडा सा दुःख हो और दुखों के
साथ थोड़ी सी ख़ुशी हो तो शायद सामंजस्य बन जाए | उसने कोशिश करी पर यह संभव नहीं हुआ
| अब तो राजा बहुत बेचैन रहने लगा | उसने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी की जो कोई
उसकी इस समस्या का समाधान कर देगा उसे बहुत बड़ा इनाम मिलेगा | पर कोई उसकी समस्या
का समाधान नहीं कर पाया | तभी राज्य में दूसरे राज्य का एक विद्वान व्यक्ति आया
उसने राजा के पास संदेश भिजवाया की वो उसकी समस्या का समाधान कर देगा | राजा ने उसे पूरे आदर के साथ राजमहल में
बुलवाया |
तो उसे डर लगा रहता की कहीं बड़ा सा दुःख न आ जाए और सारी खुशियाँ खत्म कर दे | जब
वो दुखी होता तो उसे लगता ये समय तो कभी खत्म ही नहीं होगा | ये तो चलता जा रहा
है | चलता जा रहा है | उसने सोंचा की खुशियों के साथ थोडा सा दुःख हो और दुखों के
साथ थोड़ी सी ख़ुशी हो तो शायद सामंजस्य बन जाए | उसने कोशिश करी पर यह संभव नहीं हुआ
| अब तो राजा बहुत बेचैन रहने लगा | उसने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी की जो कोई
उसकी इस समस्या का समाधान कर देगा उसे बहुत बड़ा इनाम मिलेगा | पर कोई उसकी समस्या
का समाधान नहीं कर पाया | तभी राज्य में दूसरे राज्य का एक विद्वान व्यक्ति आया
उसने राजा के पास संदेश भिजवाया की वो उसकी समस्या का समाधान कर देगा | राजा ने उसे पूरे आदर के साथ राजमहल में
बुलवाया |
युवक बोला , “ महाराज कोई भी परिस्तिथि हो आप जब भ्रमित हो तो यह
मंत्र बोलिये ,” यह भी गुज़र जाएगा “ | राजा ने ऐसा ही करने का निश्चय किया | अब जब
ख़ुशी आई तो राजा ने यही मंत्र कहा ,” यह भी गुज़र जाएगा “ | अब राजा ने सोंचा यह
समय तो गुज़र जाएगा | कल को ख़ुशी रहे न रहे तो क्यों न इसमें खुल के जी लें | और खुल के खुश हो
लें | राजा ने ऐसा ही किया | वो बहुत खुश हुआ | कुछ समय बाद दुःख आया | राजा का मन
घबरा गया | फिर उसने जोर – जोर से व्ही मंत्र कहना शुरू किया ,” यह भी गुज़र जाएगा “
| राजा का मन बड़ा हल्का हो गया | अरे ये दुःख स्थायी तो है नहीं | फिर क्यों इसको
इतना महत्व दें | अपना काम अच्छे से करते रहे | क्योंकि ये तो एक न एक दिन जाना ही
है |
मंत्र बोलिये ,” यह भी गुज़र जाएगा “ | राजा ने ऐसा ही करने का निश्चय किया | अब जब
ख़ुशी आई तो राजा ने यही मंत्र कहा ,” यह भी गुज़र जाएगा “ | अब राजा ने सोंचा यह
समय तो गुज़र जाएगा | कल को ख़ुशी रहे न रहे तो क्यों न इसमें खुल के जी लें | और खुल के खुश हो
लें | राजा ने ऐसा ही किया | वो बहुत खुश हुआ | कुछ समय बाद दुःख आया | राजा का मन
घबरा गया | फिर उसने जोर – जोर से व्ही मंत्र कहना शुरू किया ,” यह भी गुज़र जाएगा “
| राजा का मन बड़ा हल्का हो गया | अरे ये दुःख स्थायी तो है नहीं | फिर क्यों इसको
इतना महत्व दें | अपना काम अच्छे से करते रहे | क्योंकि ये तो एक न एक दिन जाना ही
है |
मित्रों यही सदा सुखी रहने का मूल मंत्र है | जब सब कुछ अस्थायी है तो
सुख या दुःख से चिपकना कैसा | जब ख़ुशी का समय हो तो उन्मुक्त आनंद लो क्योंकि वो हमेशा रहने वाला नहीं है | और जब
दुःख का समय हो तो घबराओं नहीं क्योंकि “यह भी गुज़र जाएगा “ |
सुख या दुःख से चिपकना कैसा | जब ख़ुशी का समय हो तो उन्मुक्त आनंद लो क्योंकि वो हमेशा रहने वाला नहीं है | और जब
दुःख का समय हो तो घबराओं नहीं क्योंकि “यह भी गुज़र जाएगा “ |
सुबोध मिश्रा
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बहुत अच्छी बात बताई अपने इस कहानी के द्वारा। यह भी गुज़र जायेगा. आप हमारे साइट पे जरूर आये हमे बहुत ख़ुशी होगी।
धन्यवाद