जिंदगी नेगेटिव और पॉजिटिव परिस्थितयों का मिला जुला रूप है | फिर भी कुछ लोग हर
परिस्थिति में पॉजिटिव रहते हैं और कुछ ज्यादातर में नेगेटिव | पॉजिटिव लोग हर
बुराई में भी कुछ अच्छाई ढूंढ लेते हैं और नेगेटिव हर अच्छाई में कुछ बुराई |
जाहिर हैं जो ज्यादा पॉजिटिव रहेगा वो
ज्यादा समय खुश व् उर्जा से भरा हुआ रहेगा | जिसके कारण अपने काम ज्यादा जोश व्
ऊर्जा से कर पायेगा , परिणाम स्वरुप सफलता की ऊँचाइयों को छुएगा | अब दुनिया में कौन है जो ज्यादा खुश , ज्यादा स्वस्थ और ज्यादा सफल नहीं होना चाहता | फिर भी हम में से बहुत से लोग
हैं जो अपनी परिस्थितियों को दोष देते रहते हैं | और कहते हैं हम प्रयास तो करते
हैं पॉजिटिव रहने का पर क्या करें नेगेटिविटी मेरे जीवन का हिस्सा बन गयी है |
पीछा ही नहीं छोडती |
जाल में फंस गए हैं और निकल ही नहीं पा रहे हैं | यहाँ इस लेख के माध्यम से मैं आप
को बताने जा रही हूँ कि नेगेटिव से पॉजिटिव कैसे बनें वो भी सिर्फ 5 स्टेप में | यानि …
सिर्फ 5 स्टेप्स चढ़ कर आप बन सकते हैं निगेटिव से पॉजिटिव
साथ – साथ चढ़े ये सीढियां ..
1)पॉजिटिव होने के लिए अपने आसपास के पांच लोगों को बदल दीजिये
एक
वैज्ञानिक तथ्य है की आप वैसे ही सोंचने लग जाते हैं जैसा आपके पांच सबसे करीबी
व्यक्ति सोंचते हैं | अगर उनका दुनिया को देखने का नजरिया दुःख व् निराशा से भरा
है तो आपका भी नज़रिय वैसा ही हो जाएगा |
अपनी पांच पक्की सहेलियों को भी कोचिंग के लिए कनविंस किया | मिताली उनके साथ
कोचिंग जाने लगी | मिताली ने शुरू में बहुत जोश से पढाई शुरू की | पर उसकी
सहेलियों का डॉक्टर बनने का कोई अरमान नहीं था | वो तो शौक में कोचिंग कर रही थी |
जैसा की आजकल चलन है हर बच्चा कोई न कोई कोचिंग तो करता है |बात – बात पर वो
मिताली से पढाई को बोरिंग कहती व् मेडिकल प्रोफेशन की १० बुराइयां गिनाती | अब
मिताली को भी लगने लगा ,” हां वास्तव में डॉक्टर बनना कोई बहुत अच्छी बात नहीं है ,
वास्तव में लम्बे समय तक पढना आसान नहीं है …. वो नहीं कर पायेगी | ये नहीं कर
पाएगी उसके दिमाग में इतना छा गया की वो डॉक्टर बनने की क्षमता और प्रतिभा होते
हुए भी मेडिकल की परीक्षा में फेल हो गयी | अगर आप सफल होना चाहते हैं आगे बढ़ना
चाहते हैं तो ऐसे लोगों को अपने से दूर कर दीजिये जो आपके मन में नकारात्मकता का जहर घोलते हों | फिर पांच लोगों को करीबी दोस्त बनाइये जो आपकी ही तरह जोश जूनून व् कठोर
परिश्रम करने वाले हों | फिर देखिये सफलता कैसे आपके कदम चूमेगी |
रहते हैं | उन्हें हर बात का दुःख होता है , देश के प्रधान मंत्री से लेकर घर की
काम वाली तक सब से उन्हें शिकायत रहती है |अगर आप पॉजिटिविटी की पहली सीढ़ी चढ़ना
चाहते हैं तो उनसे दूरी बना लें क्योंकि हर जीतने वाले , खुश रहने वाले व् सफल
होने वाले व्यक्तियों के सामने भी सैंकड़ों निगेटिव चीजे आती रहती हैं पर वो उनकी
तरफ ध्यान ही नहीं देते या उनका संमाधन निकाल लेते हैं |
निगेटिविटी से बचने के लिए घर के बाहर ज्यादा से ज्यादा ऐसे दोस्त बानाइये जो
पॉजिटिव हो व् न सिर्फ घवालों की निगेटिविटी को काउंटर एक्ट करें बल्कि आपको पॉजिटिविटी की और ले चलें |
आप समझ गए होने की निगेटिविटी से पाजिटिविटी
की और चलने के लिए आपको अपने करीब के पाँच लोगों का सर्किल बदलना होगा |और दोस्ती कीजे जान कर की पुरानिखाव्त पर चलना होगा |
निगेटिव लोगों की बहस से बचें
आम जिंदगी
में अक्सर ऐसा होता है आप बड़े ही खुश मन से ऑफिस या कॉलेज गए | वहां दो लोग झगड़ रहे
हैं | आपका उनसे कोई मतलब नहीं है और आप बेवजह पहुँच गए बहस में उलझने |वो क्या है न बहस करने में हारमोंस थोडा बढ़ जाते हैं और ऐडवेंचर का मजा आता है | आपको थोडा मजा जरूर आया होगा पर असल में हुआ
क्या उनकी बहस तो शांत नहीं हुई सारी निगेटिविटी हमने अपने ऊपर उड़ेल ली | आप उस परिस्थिति
से बच सकते थे | लेकिन नहीं आ बैल मुझे मार की तर्ज पर पहुँच गए आग में घी डालने |
इससे बचने का आसन तरीका है फ़ालतू की बहस
में न पड़ें | बहस का कभी अंत नहीं होता | क्योंकि बहस लोग अपने ईगो से जोड़ लेते
हैं |
अब मान लीजिये मोदी समर्थक व् विरोधी आपस में झगड़ रहे हैं और आप पहुँच गए बीच में टांग अड़ाने | आप को दोनों की
कुछ बात सही व् गलत लगती है | और आप खुले दिल से कह देते हैं | फिर क्या मोदी
समर्थक आपको वामपंथी व् विरोधी आपको अंध भक्त
घोषित कर देते हैं | फिर क्या , आप सारी निगेटिविटी सर पर ढोते हुए घर वापस
आते हैं | और वो निगेटिविटी घर में फैलाते हो | वैसे हमारे देश में लोगों को बेकार की बहस का बहुत शौक है | ये एक तरह
का नेशनल गेम बन चुकी है पर अगर आप जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो आप को पाजिटिविटी की ये दूसरी स्टेप चढ़नी ही पड़ेगी और इस
निगेटिविटी से दूर रहना पड़ेगा |
पॉजिटिव रहना है तो दूसरे का नजरिया भी समझें
क्योंकि ह्म दूसरे का नजरिया समझे बिना ही उसे गलत करार दे देते हैं | उसे ऊल जलूल कहते हैं और दुनिया भर की
निगेटिविटी अपने अंदर भर लेते हैं | एक बार की बात है हम लोग गाडी से इडिया गेट घूमने जा रहे थे
| पीछे वाली गाडी बार – बार हॉर्न बजा रही थी | हमें बहुत गुस्सा आया की ये भी कोई
तरीका है … गाडी चलाने का, हमने उसे साइड दे दी | वो तेजी से गाडी आगे बढाता हुआ
आगे निकल गया | निकलते समय हमने उसे एक बुरा सा लुक दिया और इंडिया गेट तक का
बाकी का सफ़र उसे भला बुरा कहते हुए निकाला | भाग्य से हमने जहाँ अपनी गाड़ी रोकी
वहीँ उसकी गाडी खड़ी थी | मेरे हसबैंड से रहा न गया | उन्होंने उस गाडी वाले से तंज
के स्वर में कहा ,” जब आपको इंडिया गेट घूमने ही आना था तो इतनी जल्दी क्या थी
आगे निकलने की | जवाब में वो सज्जन बोले ,” दरसल हम तो फॅमिली पिकनिक पर आये थे |मेरी और मेरे मित्र की फॅमिली आई थी | घूम कर हम वापस जा रहे थे की देखा हमारा चार साल का छोटा बच्चा
तो गाडी में चढ़ा नहीं है | शायद वो चढ़ कर उतर गया होगा | हमने तुरंत गाडी बैक
की और जल्दी से जल्दी यहाँ आये | भगवान् का शुक्र है वो यहीं खड़ा रो रहा था | क्या
पता हमें आने में देर होती तो वो कहीं और चला जाता |
उनकी बात सुन
कर हमें लगा की हमने बेकार ही में गुस्सा किया और निगेटिविटी पाली | उनकी इतनी बड़ी
जरूरत थी | ऐसे ही क्या हम अनेक बार बिना वजह दूसरे का नजरिया जाने बिना
निगेटिविटी नहीं पाल लेते | अगर पॉजिटिव रहना है तो कम से कम बेनिफिट ऑफ़ डाउट देना
तो सीखना ही पड़ेगा |
समझे क्या – क्या बातें आपकी जिंदगी में निगेटिविटी घोल रही हैं
1) जैसे sad songs, अगर आप को लगता है की सैड सोंग्स आप को निगेटिविटी में ले जाते हैं तो उन्हें सुनना बंद कर दीजिये |खासकर जब आप लो फील कार रहे हों |
2 ) टी . वी . के ऐसे प्रोग्राम , किताबें वेबसाईट या यू ट्यूब चैनल को फॉलो करना छोड़ दीजिये जो आपको नकारात्मकता की ओर ले जाता है |
3) कुछ लोगों को हैवी खाने के बाद नकारात्मकता घेरती है | तो बेहतर हैं आप हैवी या हाई कैलोरी वाला खाना अवॉयड करें या कम मात्रा में खाएं |
4) अगर आप को लगता है की आप घर में अकेले होते हैं तो आप को नकारात्मकता घेरती हैं तो आप जब अकेले हो , टी वी चला ले , या लो वोल्यूम पर कोई म्यूजिक चला लें |
5) फेसबुक , ट्विटर , इन्स्टा पर अपने उन मित्रों को ब्लॉक करें जो आपको बार – बार बहस में उलझाते हों या निगेटिव बातें करते हों |
ये तो एक सूची उदाहरण के तौर पर बनायी गयी है | आप अपनी सूची खुद बना सकते हैं | बस आपको ध्यान रखना है उन बातों का जो आपको निगेटिविटी की ओर धकेल रही हैं |
रोज लें हिम्मत की डोज और बनें पॉजिटिव
हम अपने शरीर को चलाने का कितना धयान रखते हैं | सही समय पर खाना , पानी फल दूध , व्यायाम सन कुछ समय पर करते हैं | जब हम अपने शरीर को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे होते हैं तो रोज टॉनिक लेते हैं | क्योंकि हम जानते हैं स्वस्थ शरीर के लिए हर काम नियम से समय पर करना होता है |
लेकिन जब मन की या दिमाग की या विचारों की बात आती है तो हम सोंचते हैं की अभी पिछले हफ्ते ही तो देखा था पॉजिटिव थिंकिंग का वीडियो , आभी पिछले महीने ही तोपधि थी ऐसी किताब , अभी पिछले …. विचारों का ख्याल रखने में क्यों हम रोज का नियम नहीं बनाते |
मानसिक स्वास्थ्य के लिए पॉजिटिव थिंकिंग की डोज भी रोज जरूरी है | ये डोज हमें मजबूत बनाये रखती है | आपने निक व्युजेसिक व् स्टीफन हॉकिंग आदि की न जाने कितनी कहानियाँ सुनी होंगी | जिन हालातों में इन्होने अपने जूनून को बनाये रखा | शायद मुझे आपको उसके 5 % से भी न गुजरना पड़ा हो | पर इस हद तक पॉजिटिव बनने के लिए इन लोगों ने रोज हिम्मत की डोज ली | बस आपको भी रोज कुछ अच्छा , पढना , सुनना या करना है जिससे आप पॉजिटिव महसूस करें |
तो मित्रों ये हैं पांच स्टेप्स बहुत छोटे , छोटे | बस इनपर चढ़ते जाइए और फिर आप खुद में परिवर्तन महसूस करेंगे | आप महसूस करेंगे की आप बन गए हैं निगेटिव से पॉजिटिव |
नीलम गुप्ता
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