बच्चों के मन से परीक्षा का डर कैसे दूर करें
भारत के इतिहास में पहली बार माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बच्चों के मन से परीक्षा का डर दूर करने के लिए देश भर के बच्चों न केवल सम्बोधित किया बल्कि काफी हद तक वे बच्चों के मन से परीक्षा का डर निकालने में सफल भी रहें।आइये उन्हीं अबातों की विस्तृत चर्चा करते हैं
(1) अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं हैंः-
इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी नेे कहा कि वर्तमान में जीने की आदत एकाग्रता के लिए एक रास्ता खोल देती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप खुद के साथ स्पर्धा कीजिए कि मैं जहां कल था उससे 2 कदम आगे बढ़ा क्या, अगर आपको ऐसा लगता है कि आप आगे बढ़े हैं तो यही आपकी विजय है। इसलिए कभी भी किसी दूसरे के साथ कम्पटीसन नहीं बल्कि खुद के साथ कम्पटीसन कीजिए क्योंकि अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं हैं।
(2) आत्मविश्वास के बिना किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कि जा सकती
बच्चों की मेहनत में कोई कमी नहीं होती है। छात्र के साथ उसके माता-पिता और शिक्षक भी तैयारी करते हैं, लेकिन अगर छात्र में आत्मविश्वास नहीं है तो परीक्षा देना मुश्किल हो जाता है। पेपर जब हाथ में आता है तो छात्र सब पढ़ा-पढ़ाया भूल जाता है। इस तरह आत्मविश्वास के बिना किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कि जा सकती, इसलिए आत्मविश्वास का होना बेहद जरूरी है। अगर आत्मविश्वास नहीं तो 33 करोड़ देवी-देवता भी कुछ नहीं कर सकते।
आखिर क्यों 100 %के टेंशन में पिस रहे हैं बच्चे
(3) आत्मविश्वास कैसे हासिल किया जाए
आत्मविश्वास कोई जड़ी-बूटी नहीं है, जो खाने से आ जाएगी। ना ही मां द्वारा दी गई कोई दवाई है जो परीक्षा के समय मिल जाए तो काम आ जाएगी। यह तो तभी संभव है जब छात्र खुद को परीक्षा की कसौटी पर कसे। तभी जीत हासिल हो सकती है। आप खुद के साथ प्रतिस्पर्धा कीजिए कि मैं कल जहां था उससे दो कदम आगे बढ़ा क्या? अगर आपको ऐसा लगता है तो यही आपकी विजय है। कभी भी दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा मत कीजिए, खुद के साथ अनु-स्पर्धा कीजिए।
(4) किताबों से सिर्फ बुद्धि ही नहीं मन को भी जोड़ेः
एकाग्रता के सवाल पर पीएम ने कहा एकाग्रता के लिए किसी एक्टिविटी की जरूरत नहीं है। आप खुद को जांचिए परखिए। बहुत से लोग कहते हैं कि मुझे याद नहीं रहता है लेकिन यदि आपको कोई बुरा कहता है तो 10 साल बाद भी आपको वह बातें याद रहती है। इसका मतलब है कि आपकी स्मरण शक्ति में कोई कमी नहीं है। जिन चीजों में सिर्फ बुद्धि नहीं आपका मन भी जुड़ जाता है, वह जिंदगी का हिस्सा बन जाती है। वर्तमान में जीने की आदत एकाग्रता के लिए एक रास्ता खोल देती है।
(5) यह सोच कर परीक्षा में बैठें कि आप ही अपना भविष्य तय करेंगे:
छात्रों को ध्यान देना चाहिए कि कौन सी बातें उनका ध्यान भटका रही हैं। इसके लिए खुद को जांचना और परखना जरूरी है, ताकि उन्हें अपनी कमियों का एहसास हो सके और वे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर सकें। ‘स्कूल जाते समय यह बात दिमाग से निकाल दीजिए कि कोई आपका एग्जाम ले रहा है। कोई आपको अंक दे रहा है। इस बात को दिमाग में रखिए कि आप खुद का एग्जाम ले रहे हैं। इस भाव के साथ बैठिए की आप ही अपना भविष्य तय करेंगे।
चेतन भगत की स्टूडेंट्स के लिए स्टडी टिप्स
(6) आप खुद ऐसा बनें कि दूसरे आपसे प्रतिस्पर्धा करें:
युद्ध और खेल के विज्ञान दोनों में एक नियम है कि आप अपने मैदान में खेलिए। जब आप अपने मैदान में खेलते हैं तो आपकी जीत के अवसर बढ़ जाते हैं। दोस्तों के साथ कम्प्टीशन में आपको उतरना ही क्यों है। आपके दोस्त की परवरिश, खेल और रुचि सभी अलग हैं। इसलिए किसी से किसी की तुलना नहीं है। पहले खुद को अपने दायरे में रहकर सोचें। छात्रों और उनके माता-पिता को वर्तमान में जीने की आदत डालनी चाहिए। इससे ही भविष्य में एकाग्रता और सक्सेस के रास्ते खुलेंगे। आप खुद ऐसा बनें कि दूसरे आपसे प्रतिस्पर्धा करें।
(7) अभिभावक दूसरे बच्चों से अपने बच्चों की तुलना न करें:
भारत का बच्चा जन्मजात राजनेता होता है, क्योंकि ज्वाइंट फैमिली में उसे पता होता है कि उसे कौन सा काम किससे करवाना है। अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि वे दूसरे बच्चों से अपने बच्चों की तुलना न करें। आपके बच्चे के अंदर जो सामथ्र्य है, उसी के अनुसार उससे उम्मीद करें। अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं हैं इसलिए हर वक्त बच्चे के भविष्य और करियर की चिंता करना ठीक नहीं है। एक खुला और तंदरुस्त वातावरण बच्चों को दिया जाना चाहिए। केवल एग्जाम के वक्त ही नहीं बल्कि हमेशा। और आप विश्वास करिये आपका बच्चा अपने आपको केवल स्कूली परीक्षा को ही सर्वोच्च अंकों के साथ ही पास नहीं करेंगा बल्कि अपने आपको सम्पूर्ण जीवन की परीक्षा के लिए भी तैयार कर लेगा।
——
संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ
यह भी पढ़ें …
अच्छी बातें लिखी हैं आपने …
बच्चों को इस तनाव से दूर रखना बहुत ही ज़रूरी हो गया है आज …
very interesting , good job and thanks for sharing such a good blog.