आज बहुत दिनों बाद कुछ लिखा रही हूँ | दरअसल लिखने की तो इच्छा मन में चल रही थी पर आज , कल -आज कल में टल रहा था | जब भी लिखने का मन बनता सोचती चलो थोड़ी देर गप्प मार लेते हैं फिर लिखेंगे , या एक कप कॉफ़ी पी लेते हैं फिर लिखूँगी | मूड बनाने के चक्कर में कई बार किसी और काम में अटक जाती और जिस विचार पर लिखना चाहती वो टाटा … बाय -बाय करके चला जाता | धीरे -धीरे फ्रस्टेशन बढ़ने लगा | लगा कि लगता है अब लिख ही नहीं पाऊँगी | तभी मेरे हाथ लगा एक इंटरव्यू जो, मेल रॉबिन्स का था , जिसमें उन्होंने ५ सेकंड रूल के बारे में बताया था | ये रुल मुझे इतना प्रभावी लगा की मैंने इसी विषय पर लिखने का मन बना लिया ताकि मेरे साथ -साथ आप का भी काम सुचारू रूप से चले |
जानते हैं समय पर काम शुरू करवाने वाले 5 second rule के बारे में
मित्रों मेरी तरह आप के साथ भी ऐसा कई बार होता होगा कि आप कोई काम शुरू करना चाहते हैं पर शुरू नहीं कर पाते | काम आजकल में टालता रहता है | मसलन …
1)सहेली की सासू माँ बीमार हैं देखने जाना है पर हफ्ता बीत गया सोचते -सोचते घर से निकल ही नहीं पाए |
2) क्लास में ही सोच लिया था कि गणित का ये चैप्टर आज ही खत्म करना है पर आज कल करते हुए एग्जाम ही आ गए अब तो मर -खप के करना ही है |
3) कई रोज पहले माँ ने कहा था कमरा ठीक करने को , आज माँ ने खुद ही कर दिया , तबियत ख़राब होने के बावजूद |
ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं पर सबसे महत्वपूर्ण है कि हम सोचते तो हैं कि ये काम करना है , उसे शुरू करने का संकल्प भी लेते हैं पर काम शुरू ही नहीं करते , टालते जाते हैं और समय बर्बाद करते जाते हैं ,इतना कि जीवन ही हाथ से निकल जाता है | क्या आप को पता है कि ऐसा करने के पीछे हमारे दिमाग का अहम् रोल होता है |
काम को टालने की आदत का साथी है हमारा दिमाग
हमारा दिमाग जिस पर हम इतना गर्व करते हैं वो ही काम को टालने की आदत के लिए जिम्मेदार है | आप जरूर जानना चाहेंगे कि कैसे ?
दरसल हमारा दिमाग जब आराम कर रहा होता है या कुछ मनपसंद काम कर रहा होता है तो उसमें से एक केमिकल रिलीज होता है जिसे डोपामीन कहते हैं , इसके निकलते ही व्यक्ति ख़ुशी की अवस्था में आ जाता है |
उससे वो किसी दूसरी अवस्था में जाने से इनकार कर देता है | इसे कम्फर्ट ज़ोन के तरीके से भी समझ सकते हैं | इसलिए जब कोई काम दिमाग में आता है , थोड़ी ही देर में दिमाग दलील देना शुरूकर देता है … अरे अभी क्या जरूरत है , थोड़ी देर में कर लेंगे | ये थोड़ी देर और थोड़ी देर , और थोड़ी देर और फिर इतनी देर में बदल जाती है कि काम शुरू करने की इच्छा ही खत्म हो जाती है |
हम काम कैसे करते हैं
५ सेकंड रुल को जानने से पहले जरूरी है कि हम जान लें कि हमारा दिमाग काम कैसे करता है | दरअसल हमारा दिमाग दो तरह से काम करता है |
पहला वो काम हैं जिन्हें हम रोज करते हैं …. वो ऑटो पायलट मोड में आ चुके होते हैं | जैसे स्कूल जाने के लिए तैयार होना , स्कूल या ऑफिस जाना , खाना बनाना या अन्य रोजमर्रा के काम जिन्हें हम सुबह उठ कर यंत्रवत करते जाते हैं |
दूसरे श्रेणी में वो काम आते हैं जिन्हें हमें शुरू करना है , जिसके लिए हमें खुद को धक्का लगना पड़ता हैं | जैसे वजन कम करने के लिए जिम जाना शुरू करना है , नयी किताब शुरू करनी है या नया लेख लिखना शुरू करना है आदि -आदि |
दूसरी श्रेणी के कामों को पहली श्रेणी में लाने के लिए हमें उन कामों को कई दिन तक लगातार एक ही समय पर करना होता है जिससे वो ऑटो पायलट मोड में आ जाएँ ताकि हम उन्हें रोज आसानी से कर सकें |
क्या है 5 second rule
मेल रॉबिन्स के अनुसार जैसे ही आप के दिमाग में कोई काम करने का विचार आता है ठीक पांच सेकंड बाद दिमाग बहाने गढ़ना शुरू कर देता है कि थोड़ी देर बाद कर लेंगे , कल कर लेंगे आदि -आदि | यानी कि हमारे पास केवल 5 सेकंड होते हैं जिसमें हम वो काम शुरू कर दें तो दिमाग बहाना बना कर हमें रोक नहीं पायेगा |
जैसे गणित का चैप्टर शुरू करना है तो तुरंत उठो और शुरू कर दो |
जैसे कुछ सामन लेने ४ बजे जाना है , चार बजते ही निकल जाओ |
जिम जाना है , समय होते ही पांच सेकंड के अन्दर निकल जाओ |
आप देखेंगे की इससे आपके सोचे हुए सब काम होने लगेंगे | मैंने स्वयं इस रुल को अपनाया , जैसे ही मेरा मन किया कि मैं इस विषय पर लिखूं मैं ५ सेकंड के अन्दर उठ कर लैपटॉप खोल कर लिखने लगी | अब देखिये लेख भी पूरा होने वाला है |
आपने पढ़ा होगा की ज्यादातर सफल लोग जिस काम को सोचते हैं उसे उसी दिन शुरू कर देते हैं | यही उनकी सफलता का राज है
तो फिर शुरू करिए काउंट डाउन
आपने कभी राकेट को देखा है जब वो अन्तरिक्ष में जाता है तो काउंट डाउन शुरू हो जाता है | ऐसे ही जब आप के दिमाग में कोई काम आये तो काउंट डाउन शुरू कर दीजिये | वो काउंट डाउन ५ सेकंड का होना चाहिए … ५ ..४ .. ३ … २ .. और १ और बस इतनी ही देर में आप काम शुरू कर दीजिये |
अपने जेवण में इस 5 second rule को आजमाइए और देखिये कैसे आप के सब काम समय पर पूरे होते हैं |
नीलम गुप्ता
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