मल्टी टेलेंटेड होना बहुत ख़ुशी की बात है पर मल्टी टेलेंटेड लोग सफल नहीं होते | उनसे कम टेलेंटेड लोग ज्यादा सफल हो जाते हैं | ऐसा क्यों होता है ? अगर आप भी मालती टेलेंटेड हैं और सफलता के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो ये लेख आपके लिए है |
क्या आप भी मल्टी टेलेंटेड हैं ?
मन्नू एक प्रतिभाशाली लड़की है | ईश्वर जब प्रतिभाएं बाँट रहा था तो उसकी तरफ न जाने क्यों ज्यादा मेहरबान हो गया | मन्नू बहुत अच्छा गाती है , जब सुर लगाती है तो लगता है कि सरस्वती साक्षात् उसके गले में प्रवेश कर गयीं है , सुनने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते | जब चित्र बनती तो चित्र बोल पड़ते | अभी कुछ दिन पहले गुलाब का फूल बनाया था , ऐसा लग रहा था ताज़ा डाली पर खिला है , बस अभी तोड़ लें | इसके आलावा मन्नू का फेशन सेन्स भी जबरदस्त है | कोई कपडा मिले उसे नया लुक कैसे देना है ये उसके दिमाग में तुरंत आ जाता और फिर शुरू हो जाता कपडे को उस आकार में डालने की कवायद | जो भी उसके सिले हुए कपडे देखता वो कह उठता … मन्नू तुम से बेहतर फैशन डिजाइनर तो कोई हो ही नहीं सकता |
अक्सर लोग मन्नू से रश्क करते , उन्हें लगता मन्नू इतनी प्रतिभाशाली है , वो तो अपनी प्रतिभा के बलबूते पर खूब नाम और पैसा कमा लेगी | ऐसे बातें सुन कर मन्नू के पाँव जमीन पर नहीं पड़ते थे | उसे लगता था वो बड़ी होकर अपने हर हुनर को प्रोफेशन बनाएगी | जैसे ही उसने 12 th किया तो उसने गायकी में आगे बढ़ने की सोची | शुरू में तो उसे बहुत अच्छा लगा | लेकिन धीरे -धीरे उसे लगने लगा कि ये क्षेत्र उसके लिए नहीं है | घंटों रियाज के कारण वो पेंटिंग या फैशन डिजाइनिंग तो कर ही नहीं पाती | उसका मन उसे पेंटिंग की और खींचने लगा | कुछ दिन पेंटिंग के बाद भी वो बोर हो गयी उसे लगा इससे तो अच्छा फैशन डिजाइनिंग थी | उसने फिर अपना कोर्स बदला और फैशन डिज़ानिंग में आ गयी | ये सब करते -करते चार साल बीत गए थे | मन्नू की सहेलियाँ जॉब करने लगीं थीं | कुछ जो उससे कम अच्छा गाती या , पेंटिंग करती थीं उन्होंने भी कहीं न कहीं पैर जमा लिए थे , वहीँ मन्नू एक कोर्स से दूसरे कोर्स की और भटक रही थी | मन्नू अवसाद से घिर गयी | उसे लगा वो जीवन में कुछ नहीं कर पाएगी | एक मल्टी टेलेंटेड लड़की जिससे बहुत आशाएं थी … कुछ न कर सकी |
ये बात सिर्फ मन्नू की ही नहीं है …. बहुत सारे प्रतिभाशाली लोग अपनी तमाम प्रतिभाओं में से चुन नहीं पाते हैं कि वो किसे अपना कैरियर बनाएं | वो इधर से उधर भटकते रहते हैं लिहाजा किसी चीज में सफल नहीं होते हैं , और अवसाद का शिकार होते हैं | इससे बचने के लिए मल्टी टेलेंटेड लोगों को शुरू से ही बहुत ध्यान देना होता है|
चुनिए वो गुण जिसे आपको कैरियर बनाना है –
माना की आप के पास कई तरह की प्रतिभाएं हैं पर आपको उनमें से एक चुनना हो होगा | ये काम बचपन में जितनी जल्दी हो जाए उतना ही अच्छा ताकि आप उस विधा में महारथ हासिल कर सकें | अब मान लीजिये कोई लड़की है जो इंजीनियर बनना चाहती है व् उसे खाना बनाने का भी बहुत शौक है तो वो एक शेफ व् इंजीनियर दोनों नहीं बन सकती | उसे बचपन में ही तय करना होगा कि दोनों प्रतिभाओं में से उसे किसे प्रोफेशन बनाना है और किसे हॉबी | प्रोफेशन वो है जिसे हम रोज ८ से १० घंटे आराम से कर सकते हैं | ऐसा नहीं है कि जिसे हमने प्रोफेशन के लिए चुना है उसमें हम ऊबते नहीं है …. ऊबते हैं पर बनस्पत कम ऊबते हैं | हॉबी वो है जिसे करने में हमें अच्छा लगता है पर उसे रोज घंटों नहीं कर सकते | जैसे लेखन मेरा प्रोफेशन है और बुनाई मेरी हॉबी या टीचिंग मेरा प्रोफेशन है और लेखन मेरी हॉबी |
एक लक्ष्य निर्धारित कर के उसे निखारिये
किसी भी क्षेत्र में ज्ञान असीमित है | इसलिए जरूरी है कि अप एक लक्ष्य निर्धारित करके उसे निखारने का प्रयास करें | जैसे आपने गायन को प्रोफेशन के लिए चुना है तो आप निर्धारित करिए कि आप कम से कम रोज चार घंटे अभ्यास करेंगे | इंजिनीयरिंग को चुना है तो रोज चार घंटे गणित व् विज्ञानं पढ़िए | आप जितनी गहराई में जायेंगे उतना स्पष्ट होते जायेंगे | अर्जुन ने हर रोज तीर चलाने का ही अभ्यास किया था … भाला फेंकने व् गदा चलाने का अभ्यास उतना ही किया जितना जरूरी था पर तीर चलाने का अभ्यास उसने रात में जग -जग कर किया , क्योंकि उसे धनुर्धर बनना था | आप को भी जो बनना है पहला फोकस उसी पर होना चाहिए | जैसे कि कोई अपना परिचय देता है कि , ” मैं एक डॉक्टर हूँ , पर मैं लिखता भी हूँ , मेरे दो उपन्यास आ चुके हैं |
अपने प्रोफेशन की गहराई में एक छोटा क्षेत्र चुनिए
जब आपने ये निर्णय कर लिया है कि आपको क्या करना है या कौन सा प्रोफेशन चुनना है तो उसकी गहराई में जाकर उसका एक हिस्सा चुनिए | याद रखिये लेजर शार्प फोकस हीरे को काट देता है | इस लेजर शार्प फोकस के लिए क्षेत्र को छोटे से छोटा होना जरूरी है ताकि पूरी उर्जा उसमें लगायी जा सके | जैसे अगर आप गाते हैं तो आप को चुनना पड़ेगा कि आप स्टेज परफ़ॉर्मर बनेगे या पार्श्व गायन में जायेंगे | आप मूर्त या अमूर्त कैसे चित्रकार बनना चाहते हैं | आप लेखक है तो क्या लिखना चाहते हैं…कवितायें , कहानियाँ , व्यंग या फिर कंटेंट रराइटिंग में जाना चाहते हैं | शुरू में ये सब लिख सकते हैं पर जैसे -जैसे आप आगे बढ़ेंगे आप को एक चुनना होगा | स्त्री , दलित , या अन्य विमर्श में जाने वाले लेखक चाहें सब कुछ लिख सकते हों पर उन्हें प्रमुखता से वो ही लिखना चाहिए जिसमें उन्हें पहचान बनानी है | ऐसा इसलिए जब आप अपने प्रोफेशन के एक क्षेत्र विशेष पर ध्यान केन्द्रित करते हैं तो आप उसमें महारत जल्दी हासिल कर पाते हैं |
बाद में अपना सकते हैं दूसरा शौक
सिलसिला फिल्म का अमिताभ बच्चन द्वारा गया गया गीत , ” कीन्हे मारी पिचकारी ” बहुत लोकप्रिय हुआ | इसका कारण ये भी था कि वो गीत अमिताभ बच्चन ने गाया था | वो पहले से ही प्रसिद्द थे तो उनका गायन प्रसिद्द होना आसान हो गया | इसलिए अगर आप भी अपनी दूसरी प्रतिभा में भी नाम कमाना चाहते हैं तो ये न तो गलत है न असंभव | जरूरी है पहले अपना कैरियर बनाइये | जब आप स्थापित हो जाएँ तो दूसरी दिशा में भी हाथ अजमा सकते हैं | जैसे बहुत सारे डॉक्टर , इंजिनीयर बाद में अभिनय के क्षेत्र में भी गए | कई अभिनेता /अभिनेत्री आदि ने बाद में गायन या इंटीरियर डेकोरेशन में हाथ आजमाया | लेकिन अगर शुरू से उन्होंने दोनों काम साथ -साथ करे होते तो निश्चित तौर पर दोनों में असफल हुए होते |
मल्टी टास्किंग या मल्टी टेलेंटेड होना बहुत अच्छी बात है , पर ये कई बार आपको बहुत मुश्किल में डाल देता है | मान लीजिये अभी तक आपने अपना समय हर पैशन को अजमाने में व्यर्थ भी कर दिया है तो भी निराश होने की जरूरत नहीं है | जब तक जिन्दगी है हर दिन आप नया फैसला ले कर इसकी धारा बदल सकते हैं , पर याद रखिये शुरू में एक को ही चुनिए | एक पुरानी कहावत है ” एके साधे सब सधे सब साधे सब जाए ” जीवन का कोई भी क्षेत्र हो अगर आप किसी एक चीज को साध लेते हैं तो सफलता निश्चित है |
वंदना बाजपेयी
यह भी पढ़ें …
keywords: positive thinking , be positive, multi talented,
बहुत ही उपयोगी आलेख है यह .. बधाई वंदना जी
धन्यवाद किरण जी
सही सलाह ,उपयोगी जानकारी
धन्यवाद स्मिता जी
Like always, great content, Keep up the good work!