४ जनवरी १९२५ को इटावा में जन्मे हर दिल अजीज गीत सम्राट गोपाल दास सक्सेना “नीरज ” …. जिन्हें हम सब कवि नीरज के नाम से जानते हैं १९ जुलाई २०१८ को हमें अपने शब्दों की दौलत थमा कर अपना कारवाँ ले कर उस लोक की महफ़िल सजाने चले गए | उनके जाने से साहित्य जगत शोकाकुल है | हर लब पर इस समय कविवर “नीरज “के गीत हैं | भले ही आज ‘नीरज ‘जी हमारे बीच नहीं हैं पर अपने शब्दों के माध्यम से वो अमर हैं |
गीत सम्राट कवि नीरज जी के प्रति श्रद्धांजलि
हायकू
गीत सम्राट
अनंत ओर चले
विवश मन।
गीत रहेंगे
सबके हृदय में
मीत बनेंगे।
मृत्यु सत्य है
मत अश्रु बहाना
करना याद।
तुम्हारे गीत
साहित्य प्रेमियों को
भेंट अमूल्य।
जीवित सदा
साहित्य से अपने
रहोगे तुम।
..सादर नमन।
..डा० भारती वर्मा बौड़ाई
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०२—छोड़ सभी कुछ जाना होगा
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नियत समय जब भी आयेगा
छोड़ सभी कुछ जाना होगा,
पृथ्वी-कर्म सब पूरे कर अपने
स्वर्ग प्रयाण कर जाना होगा
अब यह तो अपने ही वश है
कैसे क्या-क्या कर्म करें हम
सूखे पात से गिर कर बिखरें
या हृदय से बन प्रीत झरें हम!
……….स्मृति शेष नीरज जी की स्मृति को शत-शत नमन।
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डा०भारती वर्मा बौड़ाई
चित्र विकिपीडिया से साभार
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