‘
मुंशी प्रेमचंद्र जी लिखते हैं कि सफलता में अतीव सजीवता होती है और विफलता में अत्यंत निर्जीवता | कौन है जो सफल नहीं होना चाहता परन्तु हर कोई सफल नहीं हो पाता , शायद कुछ कमी रह जाती है प्रयास में , जिस कारण सफलता नहीं मिल पाती |अधिकतर लोग असफलता को सहन नहीं कर पाते और निराशा में डूब जाते हैं , और प्रयास करना ही छोड़ देते हैं | यही समय आत्ममुल्यांकन का भी होता है | जो गहरे से असफलता के कारणों पर विचार करके दुबारा प्रयास करता है , वो अवश्य सफल होता है | आपको ऐसे अनेकों सफल व्यक्तियों के उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होंने सफलता से पहले अनेकों असफलताओं का सामना किया है |
मुंशी प्रेमचंद्र जी लिखते हैं कि सफलता में अतीव सजीवता होती है और विफलता में अत्यंत निर्जीवता | कौन है जो सफल नहीं होना चाहता परन्तु हर कोई सफल नहीं हो पाता , शायद कुछ कमी रह जाती है प्रयास में , जिस कारण सफलता नहीं मिल पाती |अधिकतर लोग असफलता को सहन नहीं कर पाते और निराशा में डूब जाते हैं , और प्रयास करना ही छोड़ देते हैं | यही समय आत्ममुल्यांकन का भी होता है | जो गहरे से असफलता के कारणों पर विचार करके दुबारा प्रयास करता है , वो अवश्य सफल होता है | आपको ऐसे अनेकों सफल व्यक्तियों के उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होंने सफलता से पहले अनेकों असफलताओं का सामना किया है |
असफलता की ईटों से अपनी सफलता की नींव रखें
सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलु हैं जो जिन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा उन्होंने ढेरों असफलताओं का सामना करके भी सफलता पायी | जिन्होंने प्रयास ही नहीं किया वो असफल लोगों से भी ज्यादा असफल हैं क्योंकि उन्होंने कुछ नया सीखा भी नहीं जो प्रयास के दौरान सीख सकते थे | अगर आप की हिम्मत असफलता के कारण टूट रही है तो याद रखे इन्हीं असफलता की ईटों से अपनी सफलता की नींव रखनी है |
(1) परीक्षा का रिजल्ट बालक के सम्पूर्ण
जीवन का पैमाना नहीं है
स्कूल में बालक की एक वर्ष में क्या प्रगति हुई? इस बात का उल्लेख उसके परीक्षा के रिजल्ट में होता
है परन्तु यह रिजल्ट इस बात की कतई गारंटी नहीं देता है कि बालक जीवन में सफल होगा
या असफल? हमारा मानना है कि बालक में केवल भौतिक ज्ञान की
वृद्धि हो जाये तथा उसका सामाजिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान न्यून हो जाये यह संतुलित स्थिति
नहीं है। जीवन में इसी असंतुलन के कारण आगे चलकर बालक का सम्पूर्ण जीवन असफल हो सकता
है। पूरे वर्ष मेहनत तथा मनोयोग से पढ़ाई करके स्कूल का रिजल्ट तो अच्छा बनाया जा सकता
है परन्तु सफल जीवन तो भौतिक, सामाजिक तथा
आध्यात्मिक तीनों शिक्षाओं के संतुलन का योग है।
है परन्तु यह रिजल्ट इस बात की कतई गारंटी नहीं देता है कि बालक जीवन में सफल होगा
या असफल? हमारा मानना है कि बालक में केवल भौतिक ज्ञान की
वृद्धि हो जाये तथा उसका सामाजिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान न्यून हो जाये यह संतुलित स्थिति
नहीं है। जीवन में इसी असंतुलन के कारण आगे चलकर बालक का सम्पूर्ण जीवन असफल हो सकता
है। पूरे वर्ष मेहनत तथा मनोयोग से पढ़ाई करके स्कूल का रिजल्ट तो अच्छा बनाया जा सकता
है परन्तु सफल जीवन तो भौतिक, सामाजिक तथा
आध्यात्मिक तीनों शिक्षाओं के संतुलन का योग है।
(2) परीक्षा का रिजल्ट तो केवल विभिन्न
विषयों के भौतिक ज्ञान का आईना मात्रः-
आज स्कूल वाले बच्चों की पढ़ाई की तैयारी इस प्रकार
से कराते हैं ताकि बालक अच्छे अंकों से परीक्षा में उत्तीर्ण हो जायें। माता-पिता का
भी पूरा ध्यान अपने प्रिय बालक के अंकों की ओर ही होता है। समाज के लोग भी मात्र यह
जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि बालक ने सम्बन्धित विषयों में कितने अंक प्राप्त किये
हैं। किसी का भी इस बात की ओर ध्यान नहीं जा रहा है कि बालक को सामाजिक एवं आध्यात्मिक
गुणों को बाल्यावस्था से ही विकसित करना भी उतना ही आवश्यक है जितना उसको पुस्तकीय
ज्ञान देना। मुझे करना है इसलिए मैं कर सकता हूँ।
से कराते हैं ताकि बालक अच्छे अंकों से परीक्षा में उत्तीर्ण हो जायें। माता-पिता का
भी पूरा ध्यान अपने प्रिय बालक के अंकों की ओर ही होता है। समाज के लोग भी मात्र यह
जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि बालक ने सम्बन्धित विषयों में कितने अंक प्राप्त किये
हैं। किसी का भी इस बात की ओर ध्यान नहीं जा रहा है कि बालक को सामाजिक एवं आध्यात्मिक
गुणों को बाल्यावस्था से ही विकसित करना भी उतना ही आवश्यक है जितना उसको पुस्तकीय
ज्ञान देना। मुझे करना है इसलिए मैं कर सकता हूँ।
(3) कामयाब व्यक्ति भी अपने जीवन में
कभी नाकामयाब हुए थे
अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन 32 बार छोटे-बड़े चुनाव जीतने में नाकामयाब रहे थे।
वह 33 वीं बार के प्रयास में कामयाब हुए और राष्ट्रपति
के सर्वोच्च पद पर असीन हुए। वह पूरे विश्व के सबसे लोकप्रिय अमरीका के राष्ट्रपति
बने। इंग्लैण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल अपने स्कूली दिनों में एक बार
भी परीक्षा में सफल नहीं रहे। वह परीक्षा में बार-बार फेल होने से कभी भी निराश नहीं
हुए और बाद में अपने आत्मविश्वास के बल पर वह इंग्लैण्ड के लोकप्रिय प्रधानमंत्री बने।
उन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। किसी ने सही ही कहा है कि असफलता
यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया।
वह 33 वीं बार के प्रयास में कामयाब हुए और राष्ट्रपति
के सर्वोच्च पद पर असीन हुए। वह पूरे विश्व के सबसे लोकप्रिय अमरीका के राष्ट्रपति
बने। इंग्लैण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल अपने स्कूली दिनों में एक बार
भी परीक्षा में सफल नहीं रहे। वह परीक्षा में बार-बार फेल होने से कभी भी निराश नहीं
हुए और बाद में अपने आत्मविश्वास के बल पर वह इंग्लैण्ड के लोकप्रिय प्रधानमंत्री बने।
उन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। किसी ने सही ही कहा है कि असफलता
यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया।
(4) मन के हारे हार है मन की जीते जीत
:-
एडिसन बल्ब का आविष्कार करने के दौरान 10,000 बार असफल हुए थे। इसके बावजूद भी एडिसन ने आशा
नहीं छोड़ी उन्होंने एक और कोशिश की और इस बार वह बल्ब का आविष्कार करने में सफल हुए।
महात्मा गांधी अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान थर्ड डिवीजन में हाई स्कूल परीक्षा पास हुए
थे। महात्मा गांधी अपनी मेहनत, लगन एवं ईश्वर
पर अटूट विश्वास के बलबूते जीवन में एक कामयाब व्यक्ति बने और अपने जनहित के कार्यो
के कारण सदा-सदा के लिए अमर हो गये। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नहीं छोड़ी उन्होंने एक और कोशिश की और इस बार वह बल्ब का आविष्कार करने में सफल हुए।
महात्मा गांधी अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान थर्ड डिवीजन में हाई स्कूल परीक्षा पास हुए
थे। महात्मा गांधी अपनी मेहनत, लगन एवं ईश्वर
पर अटूट विश्वास के बलबूते जीवन में एक कामयाब व्यक्ति बने और अपने जनहित के कार्यो
के कारण सदा-सदा के लिए अमर हो गये। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
(5) असफलता किसी काम को फिर से शुरू
करने का मौका देती हैं
हमेशा बड़ा लक्ष्य लेकर चले और अच्छी बातों का स्मरण
करे। सब अच्छा ही होगा। ज्यादातर लोग बहुत सीमित दायरों में रहकर ही सोचते हैं और ज्यादा
आगे नहीं बढ़ पाते। जहाँ तक हो सके अपनी रूचि के अनुसार ही काम चुने क्योंकि ऐसा करने
से हम उसमें अपना सौ प्रतिशत समय दे सकते हैं। हमें जीवन में कई तरह की मुश्किलों का
सामना करना पड़ता हैं जो घर और बाहर दोनों स्तर का हो सकता हैं। ऐसे में हमें चाहिए
की हम अपना संतुलन बना के रखे। यही हमारी सफलता का आधार हैं। असफलता किसी काम को फिर
से शुरू करने का मौका देती हैं। उसी काम को और भी बेहतर तरीके से किया जाये इसलिए सफलता
असफलता की चिंता किये बिना पूरे मन से काम करे।
करे। सब अच्छा ही होगा। ज्यादातर लोग बहुत सीमित दायरों में रहकर ही सोचते हैं और ज्यादा
आगे नहीं बढ़ पाते। जहाँ तक हो सके अपनी रूचि के अनुसार ही काम चुने क्योंकि ऐसा करने
से हम उसमें अपना सौ प्रतिशत समय दे सकते हैं। हमें जीवन में कई तरह की मुश्किलों का
सामना करना पड़ता हैं जो घर और बाहर दोनों स्तर का हो सकता हैं। ऐसे में हमें चाहिए
की हम अपना संतुलन बना के रखे। यही हमारी सफलता का आधार हैं। असफलता किसी काम को फिर
से शुरू करने का मौका देती हैं। उसी काम को और भी बेहतर तरीके से किया जाये इसलिए सफलता
असफलता की चिंता किये बिना पूरे मन से काम करे।
(6) नए विचारों और योजनाओं से डरे नहीं
कुछ लोग लक्ष्य तो तय कर लेते हैं लेकिन उसके अनुसार
काम नहीं करते। वास्तव में सफलता पाने के लिए अपने लक्ष्य के अनुसार मेहनत करना चाहिए।
आपके जीवन में कई ऐसे लोग आएँगे जिनका व्यवहार आपसे विपरीत होगा। इसके लिए जरूरी हैं
की आप उससे दूरी बनाकर रखे और विवादों से सदैव बचने की कोशिश करे। जब भी हम कोई काम
करते हैं तो हम अपने आप से बात अवश्य करते हैं। इस समय हमें हमेशा अपनी आत्मा की आवाज
सुनकर ही अपने निर्णय पर पहुँचना चाहिए। हमारा मानना है कि नए विचार हमेशा नयी क्रांति
को जन्म देते हैं इसलिए विचारों के प्रवाह को रोके नहीं बल्कि मन में अच्छे और नए विचार
लाये ताकि योजनाएँ भी उसी के अनुरूप बने। हमारे मन में यह भरोसा जरूर होना चाहिए की
मैंने अपने लक्ष्य को साधने के लिए जो सपने देखे हैं, उन्हें मैं पूरा कर सकता हूँ। निराशा आपके काम में
बाधा डाल सकती हैं इसलिए हमेशा निराशाजनक बातों से खुद को दूर रखे।
काम नहीं करते। वास्तव में सफलता पाने के लिए अपने लक्ष्य के अनुसार मेहनत करना चाहिए।
आपके जीवन में कई ऐसे लोग आएँगे जिनका व्यवहार आपसे विपरीत होगा। इसके लिए जरूरी हैं
की आप उससे दूरी बनाकर रखे और विवादों से सदैव बचने की कोशिश करे। जब भी हम कोई काम
करते हैं तो हम अपने आप से बात अवश्य करते हैं। इस समय हमें हमेशा अपनी आत्मा की आवाज
सुनकर ही अपने निर्णय पर पहुँचना चाहिए। हमारा मानना है कि नए विचार हमेशा नयी क्रांति
को जन्म देते हैं इसलिए विचारों के प्रवाह को रोके नहीं बल्कि मन में अच्छे और नए विचार
लाये ताकि योजनाएँ भी उसी के अनुरूप बने। हमारे मन में यह भरोसा जरूर होना चाहिए की
मैंने अपने लक्ष्य को साधने के लिए जो सपने देखे हैं, उन्हें मैं पूरा कर सकता हूँ। निराशा आपके काम में
बाधा डाल सकती हैं इसलिए हमेशा निराशाजनक बातों से खुद को दूर रखे।
(7) महापुरूषों के कुछ प्रेरणादायी विचार
बिल कोसबाई- अगर आपको सफलता चाहिए तो जीतने के लिए
आपका जज्बा, आपके हारने के डर से ज्यादा होना चाहिए। स्वामी
विवेकानंद- एक विचार लें उस विचार को अपनी जिंदगी बना लें। उसके बारे में सोचिये, उसके सपने देखिये, उस विचार को लिए। आपका मन, आपकी मांसपेशिया, आपके शरीर
का हर एक अंग, सभी उस विचार से भरपूर हो और दूसरे सभी विचारों
को छोड़ दे। यही सफलता का तरीका हैं। श्रीराम शर्मा आचार्य- असफलता यह सिद्ध करती है
कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया। डेविड ब्रिन्कलि- एक सफल व्यक्ति वो
होता हैं जो उसके ऊपर फेकी गयी विरोध की इंटों से अपनी सफलता की नींव रखता हैं।
आपका जज्बा, आपके हारने के डर से ज्यादा होना चाहिए। स्वामी
विवेकानंद- एक विचार लें उस विचार को अपनी जिंदगी बना लें। उसके बारे में सोचिये, उसके सपने देखिये, उस विचार को लिए। आपका मन, आपकी मांसपेशिया, आपके शरीर
का हर एक अंग, सभी उस विचार से भरपूर हो और दूसरे सभी विचारों
को छोड़ दे। यही सफलता का तरीका हैं। श्रीराम शर्मा आचार्य- असफलता यह सिद्ध करती है
कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया। डेविड ब्रिन्कलि- एक सफल व्यक्ति वो
होता हैं जो उसके ऊपर फेकी गयी विरोध की इंटों से अपनी सफलता की नींव रखता हैं।
(8) असफलता अन्त नही हैं
निपोलियन हिल- बोलने से पहले आपको दो बार सोचना
चाहिए क्योंकि आपके शब्द, किसी के मन
में सफलता या असफलता के बीज बों सकते हैं। चर्चिल- सफलता अंत नहीं हैं, और असफलता आपका भाग्य नहीं हैं। ये आपका धैर्य ही
हैं, जो महत्व रखता हैं। सफलता का एक पहलु ये भी हैं
की आपको कई बार एक असफलता से दूसरी असफलता की ओर जाना पड़ता हैं। एम0 जार्डन- मैं अपनी जिंदगी में कई बार असफल हुआ हूँ, इसलिए आज मैं सफल हूँ। बिल कोसबाई- मैं सफलता की
चाबी तो नहीं जानता, पर असफलता
की चाबी दूसरों को प्रसन्न करने में लगे रहने में ही हैं। अब्राहीम लिंकन- ये हमेशा
याद रखे की जीतने के लिए आपकी आकांक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। आइसि्ंटन- सफल
आदमी बनने के बजाय एक महत्वपूर्ण आदमी बनने की सोचिये। हेनरी फोर्ड- साथ आना शुरूआत
होती हैं; साथ रहने से प्रगति होती हैं; और साथ काम करने से सफलता मिलती हैं।
चाहिए क्योंकि आपके शब्द, किसी के मन
में सफलता या असफलता के बीज बों सकते हैं। चर्चिल- सफलता अंत नहीं हैं, और असफलता आपका भाग्य नहीं हैं। ये आपका धैर्य ही
हैं, जो महत्व रखता हैं। सफलता का एक पहलु ये भी हैं
की आपको कई बार एक असफलता से दूसरी असफलता की ओर जाना पड़ता हैं। एम0 जार्डन- मैं अपनी जिंदगी में कई बार असफल हुआ हूँ, इसलिए आज मैं सफल हूँ। बिल कोसबाई- मैं सफलता की
चाबी तो नहीं जानता, पर असफलता
की चाबी दूसरों को प्रसन्न करने में लगे रहने में ही हैं। अब्राहीम लिंकन- ये हमेशा
याद रखे की जीतने के लिए आपकी आकांक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। आइसि्ंटन- सफल
आदमी बनने के बजाय एक महत्वपूर्ण आदमी बनने की सोचिये। हेनरी फोर्ड- साथ आना शुरूआत
होती हैं; साथ रहने से प्रगति होती हैं; और साथ काम करने से सफलता मिलती हैं।
(9) जीवन यापन के लिए भौतिक शिक्षा अति
आवश्यक है
यह सोचना
उचित नहीं है कि रिजल्ट अच्छा आ गया हो तो जीवन में सफल हो गये या रिजल्ट खराब हो गया
तो जीवन में असफल हो गये। जीवन में संतुलन जरूरी है। रिजल्ट कार्ड भौतिक ज्ञान की उपलब्धियों
का पुरस्कार है। रोटी कमाने के लिए भौतिक शिक्षा भी जरूरी है। मनुष्य पढ़-लिखकर अर्थात
भौतिक ज्ञान अर्जित करके मेहनत से रोटी कमायेगा। यदि वह यह नहीं करेगा तो चोरी करेगा
या भीख मांगने का रास्ता अपनाएगा। आज के समय में व्यापार करने के लिए भी विभिन्न तरह
के फार्म आदि भरने पड़ते हैं अर्थात व्यापार में पढ़ा-लिखा व्यक्ति ज्यादा तेजी से तरक्की
करता है। आज कम्प्यूटर के ज्ञान के बिना पढ़ाई भी बेकार है।
उचित नहीं है कि रिजल्ट अच्छा आ गया हो तो जीवन में सफल हो गये या रिजल्ट खराब हो गया
तो जीवन में असफल हो गये। जीवन में संतुलन जरूरी है। रिजल्ट कार्ड भौतिक ज्ञान की उपलब्धियों
का पुरस्कार है। रोटी कमाने के लिए भौतिक शिक्षा भी जरूरी है। मनुष्य पढ़-लिखकर अर्थात
भौतिक ज्ञान अर्जित करके मेहनत से रोटी कमायेगा। यदि वह यह नहीं करेगा तो चोरी करेगा
या भीख मांगने का रास्ता अपनाएगा। आज के समय में व्यापार करने के लिए भी विभिन्न तरह
के फार्म आदि भरने पड़ते हैं अर्थात व्यापार में पढ़ा-लिखा व्यक्ति ज्यादा तेजी से तरक्की
करता है। आज कम्प्यूटर के ज्ञान के बिना पढ़ाई भी बेकार है।
(10) बालक को स्मार्ट के साथ ही साथ गुड
भी बनायें
स्कूलों में मिलने वाला रिजल्ट तो मात्र बालक के
जीवन का एक हिस्सा मात्र है। भौतिक शिक्षा बालक को रोटी कमाने के लिए तैयार करने में
तो सहायक है किन्तु जीवन को सुखी बनाने के लिए उसे भौतिक के साथ ही साथ सामाजिक तथा
आध्यात्मिक शिक्षा देने की भी आवश्यकता है। बालक को स्मार्ट के साथ ही साथ गुड भी बनाना
जरूरी है। गुड अर्थात अच्छे हृदय का बालक। ऐसा बालक अपने जीवन की किसी भी परिस्थितियों
में सदैव दूसरों को सुख ही पहुँचायेगा और विश्व का प्रकाश बन जायेगा। अपने बालक को
‘विश्व का प्रकाश’ बनाने के
लिए बालकों को संतुलित शिक्षा देने के अभियान में अभिभावकों को स्कूल के साथ पूरा सहयोग
करना चाहिए।
जीवन का एक हिस्सा मात्र है। भौतिक शिक्षा बालक को रोटी कमाने के लिए तैयार करने में
तो सहायक है किन्तु जीवन को सुखी बनाने के लिए उसे भौतिक के साथ ही साथ सामाजिक तथा
आध्यात्मिक शिक्षा देने की भी आवश्यकता है। बालक को स्मार्ट के साथ ही साथ गुड भी बनाना
जरूरी है। गुड अर्थात अच्छे हृदय का बालक। ऐसा बालक अपने जीवन की किसी भी परिस्थितियों
में सदैव दूसरों को सुख ही पहुँचायेगा और विश्व का प्रकाश बन जायेगा। अपने बालक को
‘विश्व का प्रकाश’ बनाने के
लिए बालकों को संतुलित शिक्षा देने के अभियान में अभिभावकों को स्कूल के साथ पूरा सहयोग
करना चाहिए।
(11) बच्चे ही हमारी असली पूँजी हैं
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी भी प्रति
बढ़ती जाती है। अतः यदि आप अपने बच्चे को बाल्यावस्था में नैतिक संस्कार-व्यवहार को
विकसित होने के लिए स्वस्थ वातावरण नहीं देते हैं तो युवावस्था में गुणों के अभाव में
उसे जीवन की परीक्षा में सफल होने में कठिनाई होती है। अभिभावक उस समय उसके आस-पास
नहीं होते हैं। गुणों को विकसित करने की सबसे अच्छी अवस्था बचपन की होती है।
बढ़ती जाती है। अतः यदि आप अपने बच्चे को बाल्यावस्था में नैतिक संस्कार-व्यवहार को
विकसित होने के लिए स्वस्थ वातावरण नहीं देते हैं तो युवावस्था में गुणों के अभाव में
उसे जीवन की परीक्षा में सफल होने में कठिनाई होती है। अभिभावक उस समय उसके आस-पास
नहीं होते हैं। गुणों को विकसित करने की सबसे अच्छी अवस्था बचपन की होती है।
(12) बच्चों के जीवन निर्माण में परिवार, समाज और स्कूल का एकताबद्ध प्रयास
जरूरी है
बच्चों के जीवन निर्माण में परिवार, समाज और स्कूल को एकताबद्ध होकर सकारात्मक वातावरण
विकसित करना होगा। इसके लिए परिवार, समाज और स्कूल
को बच्चों के परीक्षा के रिजल्ट को उनके जीवन की सफलता का पैमाना न बनाते हुए प्रत्येक
बालक को जीवन की परीक्षा के लिए तैयार करना होगा। प्रत्येक बालक को सर्वश्रेष्ठ भौतिक
शिक्षा के साथ ही सामाजिक एवं
विकसित करना होगा। इसके लिए परिवार, समाज और स्कूल
को बच्चों के परीक्षा के रिजल्ट को उनके जीवन की सफलता का पैमाना न बनाते हुए प्रत्येक
बालक को जीवन की परीक्षा के लिए तैयार करना होगा। प्रत्येक बालक को सर्वश्रेष्ठ भौतिक
शिक्षा के साथ ही सामाजिक एवं
आध्यत्मिक शिक्षा देकर उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना होगा। इस प्रकार
संतुलित एवं उद्देश्यपूर्ण शिक्षा के माध्यम से निर्मित प्रत्येक बालक सम्पूर्ण जीवन
की परीक्षा के लिए तैयार होगा और ऐसी ही पीढ़ी के द्वारा विश्व में एक सुन्दर एवं सुरक्षित
समाज की स्थापना भी हो जायेगी। किसी ने सही ही कहा है कि नाविक क्यों निराश होता है।
यदि तू हृदय उदास करेगा, तो जग तेरा
उपहास करेगा, यदि तूने खोया साहस तो, यह जग और निराश करेगा, अरे क्षितिज के पार साहसी, नव प्रभात होता है, नाविक क्यों निराश होता है।
तो उठो और असफलता को झटक कर आगे बढ़ो , दोबारा प्रयास करो तीसरी , चौथी , पांचवीं बार प्रयास करो …. सफलता अवश्य मिलेगी |
” क्यों सोचता है की क्या होगा ,
कुछ न हुआ तो तजुर्बा होगा “
संतुलित एवं उद्देश्यपूर्ण शिक्षा के माध्यम से निर्मित प्रत्येक बालक सम्पूर्ण जीवन
की परीक्षा के लिए तैयार होगा और ऐसी ही पीढ़ी के द्वारा विश्व में एक सुन्दर एवं सुरक्षित
समाज की स्थापना भी हो जायेगी। किसी ने सही ही कहा है कि नाविक क्यों निराश होता है।
यदि तू हृदय उदास करेगा, तो जग तेरा
उपहास करेगा, यदि तूने खोया साहस तो, यह जग और निराश करेगा, अरे क्षितिज के पार साहसी, नव प्रभात होता है, नाविक क्यों निराश होता है।
तो उठो और असफलता को झटक कर आगे बढ़ो , दोबारा प्रयास करो तीसरी , चौथी , पांचवीं बार प्रयास करो …. सफलता अवश्य मिलेगी |
” क्यों सोचता है की क्या होगा ,
कुछ न हुआ तो तजुर्बा होगा “
–डा. जगदीश गाँधी,
शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक,
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आपको लेख “असफलता की ईटों से अपनी सफलता की नींव रखें! “ कैसा लगा | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |
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इस लेख को अटूट बंधन को भेजने के लिए हम डॉ जगदीश गांधी जी का शुक्रिया अदा करते हैं ये लेख आप दस्तक टाइम्स में भी पढ़ सकते हैं |
इस लेख को अटूट बंधन को भेजने के लिए हम डॉ जगदीश गांधी जी का शुक्रिया अदा करते हैं ये लेख आप दस्तक टाइम्स में भी पढ़ सकते हैं |
बेहद सुंदर,सार्थक और सकारात्मक लेख है।
बेहद उम्दा…👌👌👌
बहुत ज्ञानवर्धक व सकारात्मक लेख
वाकई आपकी यह पोस्ट हम सभी को असफलता से सफलता की ओर ले जाएगी। आपके लेख से हमें सफलता के गूढ़ मंत्र मिले हैं। अच्छीे पोस्ट के लिये आपका धन्यवाद।