एक समय था जब लड़कियों के क्रश इमरान खान हुआ करते थे |लडकियाँ उन्हें खून से खत लिखा करती थीं | आज शोशल मीडिया की अनेकों जगह पर लव यू इंडिया की जगह लव यू इमरान दिखाई पड़ रहा है | पढ़िए इसी पर एक व्यंगातमक रचना ………..
लव यू इमरान – ये पहले क्रश का मामला है
साहिबान कद्रदान , मेहरबान ,
आगे समाचार ये है कि युद्ध की मुंडेर पर खड़े भारत पाकिस्तान के बीच अच्छी खबर ये है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय दवाब के चलते हमारे जाबांज विंग कमांडर अभिनन्दन को भारत को सौप दिया गया है कल हम सबने अपने देश के इस बहादुर बेटे की कुमकुम और अक्षत की थाली ले कर आगवानी की है | इस ख़ुशी की खबर आते ही जिस तरह से सोशल मीडिया पर लव यू पाकिस्तान , लव यू इमरान के नारे लग रहे हैं उससे इमरान खान एक आतंकवादी देश के मुखिया कम शांति दूत ज्यादा घोषित किये जा रहे है | इतना लव यू , लव यू तो हमारे प्यारे -प्यारे सुदर्शन कुवांरे बेचलर नेता के नसीब में भी नहीं आया |
मामले पर जरा गौर किया तो देखा कि ये लव यू महिलाओं ने ज्यादा लिखा | कसम से हमें भी अपनी जवानी के दिन याद आ गए | उस समय इमरान खान बहुत तेज गेंद फेंकते थे | जब वो दौड़ना शुरू करते थे तो दिल पर हाथ रखे महिलाएं जोर से हूऊऊऊ …. किया करतीं , बेचारे गावस्कर क्रीज पर डटे -डटे उनको खूब दौड्वाते पर लड़कियों की दिल की धड़कन तो इमरान ही बढाते थे | वो भारत के खिलाफ मैच खेलते पर लड़कियों की दीवानगी इमरान के साथ रहती | लड़कियों की इस कदर दीवानगी पाने के लिए गावस्कर उम्र निकल जाने के बाद भी पिच पर इसी उम्मीद से डटे रहे पर वो उन्हें नहीं मिली तो नहीं मिली |
उन्हीं दिनों हमारे कॉलेज की लडकियाँ खून से इमरान को लव लैटर लिखतीं थीं | ये लव लैटर कॉलेज में ही लिखे जाते क्योंकि प्रेम तब वर्जित क्षेत्र था | बाकायदा सेफ्टीपिन का इस्तेमाल होता खून निकालने के लिए | जिनका खून थोडा ज्यादा था वो कुछ बड़े खत लिखतीं , जो एनीमिया की शिकार थीं वो बस लव यू इमरान लिख कर छोड़ देतीं |
ये चिट्ठियाँ इमरान तक पहुंची या नहीं … पता नहीं | ये उन्होंने पढ़ी या नहीं ये भी पता नहीं …. ये भी पता नहीं | अनुमान लगाया जा सकता है कि उन्होंने पढ़ी नहीं होगीं , वर्ना एक -आध शादी किसी भारतीय लड़की से भी कर लेते | खैर , यही लडकियाँ इमरान की चिट्ठी का इंतज़ार करते -करते दूसरों की बीवियाँ बन गयीं और घर गृहस्थी में ऐसी रमीं की ये पहला क्रश भूल ही गयीं , फिर इमरान ने भी खेलना छोड़ दिया |
अब इधर फिर से उन्होंने प्रधानमंत्री बन बैटिंग शुरू की और अपने पूर्ववर्तियों की तरह आतंक की फ़ास्ट बॉल हमारे देश पर फेंकने लगे | इमरान की शक्ल देख कर फिर पहला क्रश याद तो आया पर बेचारीं करतीं क्या … इस बार मामला खेल का नहीं देश का था तो हर बॉल पर दिल पकड कर हाआआआ इमरान कर नहीं सकतीं थीं | मन मसोस कर रह जातीं | कभी कभी मन होता कि इमरान से कहें कि क्या हुआ है तुम्हें , कभी तो कुछ ऐसा करो कि हम लव यू इमरान कह सकें .. पर इमरान मानते ही नहीं , उन्हें सेना की जो सुननी थी |
अब अंतर्राष्ट्रीय दवाब के चलते ही सही इमरान ने मौका दे ही दिया , उन लडकियां … मेरा मतलब प्रौढ़ाओं के दिल में प्रेम की पुरानी दस्तक की याद ताज़ा करने का | ये फर्माबदार महिलाएं अभिनंदन की वापसी के लिए सारे राष्ट्रीय , अन्तराष्ट्रीय प्रयासों को दरकिनार करते हुए लव यूं इमरान , लव यू इमरान का राग अलापने लगीं | उम्र हो गयी है , अब ये खत छुप कर लिखने की जरूरत भी नहीं है ,तो सोशल मीडिया पर ये चिट्ठियाँ सरेआम लिखी जाने लगीं …. क्या पता इस बार इमरान तक पहुँच ही जाए आखिर सोशल मीडिया पर तो वो भी रहते हैं | रहते ही होंगे .
बाल पक गए हैं , इसलिए सबको इतना तो समझ आ रहा है कि इमरान ठहरे फ़ास्ट बॉलर , वो अगला बाउंसर क्या मारेंगे .. पता नहीं , फिर भी जानते समझते हुए , अपने देश की रणनीति और कूटनीति पर गर्व करते हुए भी जो लव यू इमरान लिख रहीं हैं उनको कुछ ना कहें ….
ये पहले क्रश का मामला है … पहला प्यार और पहला क्रश भुलाए भूलता है क्या ?
नीलम गुप्ता
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