हम सब ने सुदर्शन जी की कहानी ”हार की जीत’ पढ़ी है | कैसे बाबा भारती का घोडा डाकू खड़गसिंह अपाहिज होने का नाटक कर के हासिल कर लेता है | इस पर बाबा भारती उससे कहते हैं कि , “तुम ये घोडा ले लो, पर एक प्रार्थना है कि लोगों को इस घटना के बारे में मत बताना , नहीं तो लोग दीं दुखियों पर विश्वास नहीं करेंगे |
बाबा भारती की प्रार्थना का डाकू खड़गसिंह पर क्या असर हुआ ये तो कहानी का हिस्सा है | परन्तु जरा अपनी कहानी पर गौर करिए …
हमें कितनी बार धोखा मिलता है }|
कितनी बार लोग हमारा फायदा उठाते हैं |
कितनी बार कोई हमारा हमदर्द बन कर आता है पर जिन्दगी का सबसे भयानक घाव देकर चला जाता है |
क्या हम इस चोट से उबार पाते हैं | हो सकता है बाहर से उबार पाते हों पर चोट अंदर अवचेतन में धँस जाती है | इसके बाद हमारा पूरा व्यव्हार इसी पर आश्रित हो जाता है |
कोई हमारी मदद करने आता है …हम उसे शक की नज़र से देखते हैं |
किसी के मीठे शब्दों में हमें गंभीर योजना छिपी नज़र आती है |
किसी के स्नेह में स्वार्थ नज़र आता है |
कितने अच्छे रिश्ते हमारे जीवन में आ सकते हैं पर हम उन्हें इस लिए खो देते हैं क्योंकि हम अवचेतन में उस घाव से नहीं निकल पाते हैं जो किसी ने हमारा भरोसा तोड़ कर दिया था |
जिन्दगी बहुत खूबसूरत है | यहाँ अच्छे और बुरे लोग , दोनों तरह के लोग हैं | यकीन मानिए अच्छे ज्यादा हैं …तभी तो दुनिया चल रही है वर्ना बुरे लोगों ने कब का खत्म कर दिया होता | बहुत बार धोखा खाने के बावजूद अभी बहुत से अच्छे लोगों के मिलने की उम्मीद है पर हम अपने घावों को धोते हुए उस उम्मीद को कम करते चलते हैं |
हीलिंग … चाहें वो self healing हो या काउंसेलर की मादा से बहुत जरूरी है | ताकि पूराने घाव रिसना बंद हो सके , ठीक हो सके और फिर जब कोई हमारी जिंदगी में आसा , प्रेम या मदद ले कर आये तो हम उस पर विश्वास कर सकें |
#self_healing
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