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लुइस हे एक अमेरिकन मोटिवेशनल ऑथर और हे हाउस की संस्थापक थी | उनका जन्म 8 अक्टूबर १९२६ में हुआ था और मृत्यु अगस्त ३० २०१७ में ,उन्होंने कई नए क्रांतिकारी विचारों वाली self help books लिखीं | जो जीवन में बदलाव कर शांति और सफलता बढ़ने में सहायक है | १९८६ में उनके द्वारा लिखी गयी किताब “you can heal your life’बहुत प्रसिद्द हुई |
उनका अपना खुद का जीवन बहुत से दुखों से भराहुआ था | उनका जन्म Los Angeles में हुआ था | उनकी माँ बहुत गरीब थीं जिन्होंने एक व्यक्ति से दूसरी शादी तब की जब वो बहुत छोटी थीं थी | उनका सौतेला पिता उन्हें व् उनकी माँ को बहुत मारता -पीटता था | पांच वर्ष की आयु में उनके पड़ोसी ने उनका बालात्कार किया | आगे उन्हें हाई स्कूल से ड्राप लेना पड़ा क्योंकि वो गर्भवती थीं | १६ वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी नन्ही बच्ची को गोद देने के लिए दे दिया | और शिकागो चली आयीं जहाँ वो बहुत कम तनख्वाह वाले काम करती थीं | १९५० में वो न्यू यॉर्क चली गयीं और मॉडलिंग करने लगीं | १९५६ में उन्होंने एक अंग्रेज व्यापारी एंड्रू हे से विवाह किया | १४साल के वैवाहिक जीवन के बादक अन्य स्त्री के कारण उन्होंने इन्हें छोड़ दिया | उस समय लुईस बिलकुल टूट गयीं |
तब उन्होंने जीवन बदलने वाले विचारों की पुस्तके पढ़ना शुरू किया | उन्होंने उसी समय माहिर्शी महेश योगी को भी पढ़ा व् जाना कि सकारात्मक विचारों से शरीर के घाव भी भरे जा सकते हैं |
उन्ही दिनों उन्हें सर्वाइकल कैंसर हुआ | उन्हें लगा ये उस क्रोध को दबाये रखने के कारण है जो उन्होंने बचपन में पिता के अत्याचार और बलात्कार के प्रति दबाये रखा | उन्होंने उस समय मेडिकल ट्रीटमेंट के स्थान पर भोजन शैली , रिलैक्स होने की थेरेपी और क्षमा व् आत्मुत्थान पर जोर दिया | वह ना सिर्फ कैंसर मुक्त हुई बल्कि उनके शरीर ने बहुत उर्जा महसूस की |
उसी के बाद उन्होंने पहली किताब ‘Heal your body ‘ लिखी | लिसे बाद में विस्तृत करके ‘You can heal your life ‘के रूप में १९८४ में प्रकाशित किया गया | ये किताब उस समय की बेस्टसेलर बनी | जिसका ३० भाषाओँ में अनुवाद हुआ और उसपर फिल्म भी बनी | आज भी ये किताब 50 क्लासिक सेल्फ हेल्प बुक्स के अंतर्गत आती है | इसकी ४० मिलियन सभी ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं |
उसी साल उन्होंने HIV /AIDS से ग्रस्त लोगों के सपोर्ट ग्रुप्स में काम करना शुरू किया | जिसे उन्होंने हे राइड्स का नाम दिया | इस ग्रुप के प्रति उनके समर्पण व् निष्ठां से उन्हें बहुत ख्याति मिली व् उन्हें ओप्रह विनफ्रे के शो व् अन्य प्रसिद्द कार्यक्रमों में बुलाया जाने लगा |
२००८ में उन पर बनी फिल्म उनकी निजी जिंदगी पर आधारित है | वो बताती हैं कि उन्होंने इसमें कुछ नहीं छुपाया है , उन्होंने अपनी यात्रा अपने वैचारिक सिद्धांतों के बारेमें बताया है जो जीवन बदल सकते हैं और उनसे उन्होंने खुद का जीवन भी बदला है |
उनकी प्रमुख किताबें हैं …
Heal your body
You can heal your life
The AIDS book
The garden of thoughts
Life loves you
Loving yourself to great health
Living perfect love
आइये लुईस हे के जीवन में परिवर्तन लाने वाले 21 प्रमुख विचारों को जाने …
जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाले लुईस हे के 21 अनमोल विचार
1) तुम अपने अंतर्मन में बहुत समय से अपनी आलोचना कर रहे हो , ये तुम्हारे किसी काम नहीं आई | एक बार अपने को स्वीकार करो , फिर देखो क्या होता है |
2)इस अनंत जीवन में मैं कहाँ हूँ , जहाँ सब कुछ सही, समूचा और पूर्ण है | अब मैंने अपनी उस पुरानी विचारधारा पर विश्वास करना छोड़ दिया है कि दुनिया में सब कुछ सीमित है | अब मैंने अपने को उस नज़रसे देखना शुरू किया है जिस नज़र से ब्रह्माण्ड मुझे देखता है …सही , समूचा और पूर्ण |
3)तुम्हारे पास अपने जीवन के घाव भरने की ताकत है , तुम्हें ये बात जानने की जरूरत हैं | हम कई बार सोचते हैं कि हम असहाय हैं पर ऐसा है नहीं , हमारे पास हमेशा अपने मष्तिष्क की शक्ति है | इस पर दावा बनाये रखो और इसे पूरी चेतना के साथ इस्तेमाल करो |
4)जब हम अपनी सोच और धारणा का विस्तार करते हैं तो प्रेम मुक्त हो कर प्रवाहित होता है | जब हम सोच के स्तर पर सिकुड़ते हैं तो हम अपने को ही बंद कर लेते हैं | क्या तुम्हें वो आखिरी समय याद है जब तुम प्रेम में थे और तुम्हारा ह्रदय कह रहा था , आह ! ये कितनी खूबसूरत भावना है | खुद को प्यार करना बिलकुल वैसा ही है , अंतर बस इतना है कि एक बार ये अहसास गहरे उतर जाए तो ये भावना जिन्दगी भर साथ देती है , कभी छोड़ कर नहीं जाती , प्रेम का ये सुखद अहसास जिन्दगी भर बना रहता है |तो क्या आप नहीं चाहते कि आप वो सबसे खूबसूरत रिश्ता बनाए जो आप बना सकते हैं |
5)हमारा हर विचार जो हम सोचते हैं ,हमारा भविष्य बना रहा है |
6)मैं हर नकारात्मक विचार को ‘बाहर निकलो ‘कहती हूँ , जो मेरे दिमाग में घुसने की कोशिश कर रहा होता है | किसी व्यक्ति , वास्तु और स्थान की इतनी शक्ति नहीं है कि वो मुझ पर शासन कर सके | अपने दिमाग के अंदर सोचने वाली केवल मैं हूँ | मैं अपनी वास्तविकता और उसमें रहने वाले हर व्यक्ति का खुद सृजन करती हूँ |
7)हर समय जब आप ध्यान लगाते हैं , हर समय जब आप जब आप अपने को heal करने के लिए कुछ विजुलाईज़ करते हैं , जब आप पूरे संसार के भले के लिए कुछ कहते हैं , हर उस क्षण आप पूरे विश्वके उसी तरह की विचारधारा वाले लोगों से मानसिक रूप से जुड़ जाते हैं | याद रखिये ये ऊर्जा का एक श्रोत बनता है जो विश्व का कुछ भला कर सकता है |
* विशेष – हमारे भारत में सुबह शाम की प्रार्थना में एक मन्त्र शामिल करने पर विशेष जोर दिया जाता है ….
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिन : सर्वे सन्तु निरामया |
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माँ कश्चिद्दु:खभागभवेत्
अर्थ -सभी सुखी हों , सभी रोगमुक्त रहे , सभी मंगल घटनाओं के साक्षी बनें ,और किसी को भी दुःख का भागी ना बनना पड़ें |
8)मुझे इस बात का कोई महत्व नहीं समझ में आता कि बच्चों को युद्ध की तारीखें याद करवाई जाएँ | ये मानसिक ऊर्जा का दुरप्रयोग लगता है |इसके स्थान पर उन्हें बताया जाए , ये दिमाग कैसे काम करता है , अपना अर्थ कैसे संभालें , आर्थिक सुरखा के लिए धन को कैसे invest करें , अच्छे रिश्ते कैसेबनायें , आत्मसम्मान को कैसे बनाये रखें , अपना मूल्य कैसे पहचाने | आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वयस्कों की अगली पीढ़ी कैसी होगी जब उन्हें अपने सिलेबस के विषयों के साथ ये सब भी पढ़ाया जाए |
9)जैसे ही मैं जिन्दगी को हाँ कहती हूँ …जिन्दगी मुझे हाँ कहती है |
10) पहला कदम उठाने को तैयार रहिये , चाहें ये जितना भी छोटा क्यों ना हो इस बात पर पूर्ण ध्यान केन्द्रित करिए कि आप सीखने की इच्छा रखते हैं | फिर देखिये चमत्कार कैसे होते हैं |
11) हो सकता है हमें ये पता ना हो कि कैसे माफ़ किया जाए , हो सकता है हम दिल से माफ़ ना करना चाहते हों , लेकिन सच्चाई ये है कि जिस दिन आप ये इच्छा रखना शुरू करते हैं कि आप माफ़ करना चाहते हैं , आपके घाव भरना उसी दिन से शुरू हो जाते हैं |
12) अगर आप किसी सीमित करने वाली विचारधारा को स्वीकार करते हैं …चाहें वो धन की हो , रिश्तों की हो या सफलता की हो …तो ये आपके लिए सच होगी |
13)प्रेम में किसी भी पुराने से पुराने घाव को भर के जो हमारे ह्रदय काले घरे कोनों में छुपे होते हैं उन्हें भी ढूंढ कर फिर से स्वस्थ कर देने की सबसे ज्यादा ताकत होती है | क्योंकि प्रेम वो उज्जवल किरणे ले कर आता है जो हमारे दिमाग और दिल के अँधेरे कोनों में छुपे घावों को समझने में मदद करता है |
14)आध्यात्मिक होने के लिए मन की गांठे खोलना बहुत जरूरी है और ये तभी हो सकता है जब हम अपने जीवन की हर घटना की जिम्मेदारी खुद पर लें |
* विशेष – बहुत से लोग आध्यात्मिक केन्द्रों में सालों साल जाने के बावजूद भी नहीं बदल पाते हैं या उन्हें शांति नहीं मिलती है इसका कारण ये है कि वो उन गांठों को नहीं खोलना चाहते जो परिस्थितियों की वजह से उनके मन में पड़ गयीं | यहां दूसरे के नहीं खुद के दोष ढूँढने होते हैं कि मैं उस समय ये कर /कह सकता था या शाब्दिक बाणों से ऐसे -ऐसे अपना बचाव कर सकता था | जैसे ही खुद पर जिम्मेदारी आती है क्रोध , जलन ., निराशा शांत होने लगती है |
15)खुद को स्वीकार कर्नौर खुद को पसंद करनावो सबसे बड़े मंत्र हैं जो जीवन के हर क्षेत्र में काम करते हैं |
16)मैं अपने माता -पिता को अपने छोटे बच्चों की तरह देखती हूँ , जिन्हें प्यार की आवश्यकता है | कोशिश करिए आप भी ऐसे ही देखे |
17)हर सुबह उठकर मैं अपने शरीर को ही भोजन नहीं देती मैं अप्पने मन को भी भोजन देती हूँ | यह तय करना हम सब का कर्तव्य है कि हम उसे क्या खिलाते हैं स्वास्थ्यवर्धक , पौष्टिक , विटामिन युक्त या बासी , सदा हुआ , जला हुआ … ये चयन हर सुबह करना है |
18)अगर तुम अपने माता -पिता को अच्छे से समझना चाहते हो , तो उनसे उनके बचपन के बारे में जानो ,अगर आप समानुभूति के साथ सुनेगे तो आप समझेंगे कि उनके डर या उनका कठोर व्यवहार कहाँ से आ रहा है | ‘वो लोग जिन्होंने आप सब के लिए ये सब कुछ अनचाहा खड़ा किया है ‘ वो भी अंदर से उतने ही भयभीत और डरे हुए हैं जैसे आप |
19)मुझे विश्वास है कि आप उन्हीं अनुभवों को बार -बार दोहराते हैं , जो उन बातों का प्रतिबिम्ब होती है जैसी आपने अपने बारे में धारणा बनायी होती है |
मुझे कोई प्यार नहीं करता में विश्वास करने वाले बार -बारैसे रिश्तों में पड़ते हैं जहाँ धोखा हो और उन्हें अपना विश्वास सही लगे कि उन्हें कोई प्यार नहीं करता |
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि समस्या कितनी बड़ी थी कितनी पुरानी थी , यौसकी वजह से आप एक लम्बेसमी कितने भयभीत रहे थे , आपकी शक्ति केवल आपके अभी के पल में छुपी है , आप उन बातों , धारणाओं को मन में बार -बार दोहराने के स्थान पर नयी ख़ुशी देने वाली , साहस वाली, शांति वाली धारणाओं को दोहराना शुरू कर दीजिये … चमत्कार यहीं से होगा |
20) जिस क्षण आपकी मृत्यु होगी साड़ी बातें जो आपको आज परेशान कर रहीं हैं आप भूल जायेंगे | फिर नए सिरेसे नया कुछ आपको सीखना ही होगा … तो इस जन्म में ही क्यों ना इसकी शुरुआत कर दी जाए |
21)व्यायाम -जैसेजैसे आप इसको पढ़ते जारहे हैं अपने आप को मुक्त करते जाइए …
सबसे पहले एक गहरी सांस लीजिये और उच्छ्वास के साथ …
सारे तनाव को अपने शरीर से की अनुमति दीजिये …दोहराइए कि मैं मुक्त होना चाहता हूँ
मैं सारे तनावों को रिहा करता हूँ |
मैं सारे दुखो को रिहा करता हूँ |
मैं सारे अपराध बोधों को रिहा करता हूँ |
मैंने सारे गुस्से को रिहा करता हूँ |
मैं सारी सीमित करने वाली धारणा ओं को रिहा करता हूँ |
मैं तनाव मुक्त हूँ , शांत हूँ , सुरक्षित हूँ |
इस क्रिया को दिन में दो तीन बार किरिये और देखिये मुक्त होने में कितना आनंद छुपा है |
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मन की शांति पाना तो एक क्षण का काम है बस सोच लिया मन शांत है बस इतना ही करना है, sir aapne apne blog mein more stories ka notification kaise lagaya, plz aap mujhe batao mujhe bhi yah use karna hai, aap mujhe mail kar dena.