वसंत यानी प्रेम का मौसम , पर हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता कि उसे उसका प्यार मिल ही जाए | ऐसे में वसंत और भी सताता है भावनाएं जब हद से ज्यादा दर्द देने लगती हैं तो लिख जाता है आँसू भरी आँखों से कोई प्रेम गीत
Hindi poem on vasant
दिलों की बातें
आँसू कह जाते
ख़ुशी -दुःख में
पलकों की खिड़कियों से
झाँकते दूसरों की
मन की दुनियां
बहुत दूर जाने
बहुत दिनों बाद
मिलने पर
ऐसे ढुलकते आँसूं
जैसे गालों पर पड़ी हो ओंस
तब भीगता है मन
उन आंसुओं में से
कुछ आँसू ऐसे भी
जो बचाकर रखें
यादों की किताबों में
जब याद आयी
खोली किताब
किस्से अक्षरों में लिखे
आंसुओं में घुल गए
धुल गए
वसंत में कोयल गाने लगी
प्रेम के गीत
मन की खिड़कियों से
अब आँसू नहीं लुढ़कते
इंतजार में सूख भी जाते
आँखों से आँसू
वक्त को दोहराता
वसंत का मौसम
हर साल आता
मीठी आवाज कोयल के संग
जो मन की किताब के कोरे पन्नों में
टेसू की स्याही से
लिखने लग जाता प्रेम के गीत
संजय वर्मा “दृष्टी “
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बहुत सुन्दर