कैसे करें अपनी लाइफ से negativity eliminate
हम सब positive रहना चाहते हैं | positive thinking पर ढेरों किताबें भी पढ़ते हैं | पर फिर भी negativity हमारा पीछा नहीं छोडती | क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?तो आइये आज हम जाने कि कैसे हर समय पॉजिटिव रह सकते हैं और negativity को अपनी लाइफ से पूरी तरह से दूर कर सकते हैं | जानिये कैसे करें अपनी लाइफ से negativity eliminate दोस्तों , मुझे एक वाकया याद आ रहा है | एक बार मैं अपने भाई से बात कर रही थी | बात पेंट खरीदने पर हो रही थी | हम तरह -तरह के रंग की राय दे रहे थे | तभी जुबान फिसल गयी( होता है कभी -कभी )और मैंने कहा,” भैया इस दीपावली को आप हरे रंग की सफ़ेद पेंट लेना| इतना सुनना था की सब हँस पड़े | क्योंकि ये रंग तो संभव ही नहीं था| कोई एक ही हो सकता था, या तो हरा या सफ़ेद | या दोनों को मिला दो तो भी एक नया रंग ही बनेगा| वो बात तो हँसी में टल गयी | बरसों बाद मैंने यही बात Positivity और Negativity में भी देखी | ये दोनों भावनाएं एक साथ नहीं रह सकती | या व्यक्ति पॉजिटिव होगा या नेगेटिव, या रो रहा होगा या खुश होगा, या कुछ बुरा सोंच रहा होगा, या अच्छा सोंच रहा होगा | कहने का मतलब ये है कि ये दोनों चीजे एक साथ नहीं रह सकती| आप कह सकते हैं कि ख़ुशी के आँसूं होते हैं , कुछ तो ये भी कह सकते हैं कि गम की भी हँसी होती है 🙂 🙂 , पर दोनों ही परिस्थितियों में आप की feeling एक ही होगी या ख़ुशी की या गम की , दोनों एक साथ नहीं | यानी एक तो अपने आप eliminate हो ही जाएगा | Negativity eliminate करने के लिए बनिए positive maganet अब ये तो आप जान गए की दो भावों में से एक भावना ही रह जायेगी | लेकिन क्या आप जानते है कि ये अपने आप हो जाता है | इसे करने की आपको जरूरत नहीं पड़ती | जैसे … आप रात में देर तक जागते हैं और दिन में देर तक सोते हैं तो आपकी लाइफ से ८ घंटे वो लोग eliminate हो जायेंगे जो जल्दी सोते और जल्दी उठते हैं | आप ऑफिस टाइम से पहले पहुँचते हैं तो आप की लाइफ से वो लोग eliminate हो जायेंगे जो देर से आते हैं | और उनकी लाइफ में से आप eliminate हो जायेंगे | अगर आप पढने वाले बच्चे हैं तो आपकी लाइफ से वो friends eliminate हो जाते हैं जो time बर्बाद करते हैं | अगर आप खेलने में रूचि लेते हैं हैं तो वो लोग आपकी life से निकल जाते हैं जो ज्यादा पढ़ते हैं | अगर आप गप्प मारने के शौक़ीन हैं तो ऐसे लोग आपको देख कर दूर भाग जाते हैं जो फ़ालतू बात करना पसंद नहीं करते | अगर आप बहुत भावुक हैं तो practical thinking वाले लोग आपका साथ पसंद नहीं करते , इसलिए वो eliminate हो जाते हैं | फिर भी अगर वो आपकी life में आ रहे हैं तो जरूर उनकी किसी प्रैक्टिकल योजना के कारण | उदाहरण बहुत हैं आप खुद ही इस लिस्ट को बड़ा कर सकते हैं | मेरा कहने का मतलब ये हैं कि आप जैसे हैं वैसे ही लोग आप की तरफ खींचते हैं | हम सब एक magnet हैं | लेकिन खास बात ये हैं की बेचारे मैगनेट के विपरीत हम खुद अपने नार्थ और साउथ पोल को बदल सकते हैं | यानी अगर आप पॉजिटिव रहना चाहते हैं ( मुझे उम्मीद है की आप पॉजिटिव रहना चाहते हैं तभी आप ये लेख पढ़ रहे हैं | ) तो आप को सबसे पहले खुद पॉजिटिव होना पड़ेगा | कैसे बने Positive पॉजिटिव होने का मतलब है आप का माइंड पॉजिटिव है | इसके लिए आप को हर बात में Positivity ढूंढनी पड़ेगी |जैसे … आज बस नयी मिली ,… अच्छा है टहलते हुए जायेंगे , कुछ exercise हो जायेगी | बीमार पड़ गए … कितने दोस्त व् रिश्तेदार मिलने आ रहे हैं , मुझ्गे लोग कितना चाहते हैं | काम वाली नहीं आई … आज ज्यादा अच्छे से सफाई कर पाऊँगी , वो तो कोने छोड़ देती है | जो भी नौकरी या काम मिला … वाह इसमें कितना कुछ सीखने को है | नौकरी छूट गयी … जिंदगी तो नहीं छूटी , कुछ न कुछ कर ही लेंगे | अब इस लिस्ट को भी आप ही बढ़ाइए | मेरा कहने का मतलब ये है कि आप को हर चीज में पॉजिटिव कारण खोजना है | क्योंकि लाइफ वही है जिस पर आप फोकस करते हो | उदाहरण देखिये … स्टीफन हाकिंग अगर अपनी बीमारी पर फोकस करते तो क्या साइंटिस्ट बन कर दुनिया को इतना दे पाते | निक व्युजेसिक जो बिना हाथों , पैरों के पैदा हुआ क्या मोटिवेशनल स्पीकर बन पाता | स्टीव जॉब्स अपनी ही कम्पनी से निकाले जाने पर वापस अपना एम्पायर खड़ा कर पाते | केतकी जानी एलोपेसिया की शिकार हो कर mrs india कांटेस्ट में फाइनल तक पहुँच पाती | संदीप माहेश्वरी कॉलेज ड्राप आउट होने के बाद एक सफल व्यवसायी व् मोटिवेशनल … Read more