मृत्यु का समय अटल है
मृत्यु एक अटल सत्य है | वो जब आनी है , जहाँ आनी है व्यक्ति को वहीँ खींच कर ले जाती है | कभी किसी ट्रेन एक्सीडेंट से थोडा ही पहले कोई व्यक्ति तिक्त कैंसिल करा कर बच जाता है और कोई उसी तिक्त को प्राप्त कर मारा जाता है… मृत्यु का समय अटल है बहुत समय पहले की बात है | एक बार गरुड़ क्षीर सागर के द्वार पर एक कबूतर से बात करने में व्यस्त थे | तभी वहां यमराज श्री हरिविष्णु सेमिलने आये और द्वार पर कबूतर को देखकर बोले ,” अरे तुम यहाँ ? जैसे हरि इच्छा ” और अंदर चले गए | उनकी बात से कबूतर भय से कांपने लगा | उसने गरुण से कहा , लगता है मेरी मृत्यु निश्चित है | यमराज तो स्वयं किसी को देख भी लें तो वो प्राणी तो गया | औउर यहाँ तो वो साक्षात आये हैं | उन्होंने मुझे देखकर अरे तुम यहाँ कहा भी , मतलब वो प्रभु से मिलने के बाद मेरे प्राण ले कर ही जायेंगे | कृपया कर के मुझे बचाइए | कहते हुए वो कबूतर गरुण के पैर पड़ने लगा | ग्रौं को दया आ गयी | उसने कबूतर से कहा , ” तुम चिंता ना करो , मुझसे ज्यादा तेज गति से उड़ने वाला कोई दूसरा पक्षी नहीं है | दो मिनट में मैं तुम्हें सुदूर हिमालय की एक गुफा में छोड़ कर वापस भी जाऊँगा | फिर तुम्हें यमराज कैसे ले जा पाएंगे | कबूतर को बड़ी तसल्ली हुई | उसने कहा , ” ठीक है , ठीक है जल्दी चलिए | गरुड़ कबूतर को हिमालय की एक गुफा में छोड़ कर वापस आ गया और यमराज के लौटने का इन्तजार करने लगा | करीब १० मिनट बाद यमराज वापस निकले | गरुड़ ने उनको प्रणाम कर के पूछा , ” प्रभु आप उस कबूतर को यहाँ देखकर क्यों बोले थे कि अरे तुम यहाँ , वो बेचारा बहुत डर गया था | यमराज बोले ,” हां मैं उसको यहाँ देखकर आश्चर्य में पड़ गया था क्योंकि उसकी मृत्यु ठीक दो मिनट बाद सुदूर हिमालय की एक गुफा में होनी थी | वो कितनी भी ताकत लगा कर उड़े महीना भर से पहले वहां नहीं पहुँच सकता | “ तभी तो मैंने कहा था , “जैसी हरि की इच्छा “ यमराज तो चले गए पर गरुण वही सर पकड कर बैठ गए , कि कबूतर के वो प्राण बचना चाहते थे , उसे स्वयं मृत्यु के द्वार पर छोड़ कर आये थे | होनी बहुत प्रबल होती है , मृत्यु व्यक्ति को खींच कर वहीं ले जाती है | अटूट बंधन —————- यह भी पढ़ें … प्रधानमंत्री मोदी -अक्षय कुमार इंटरव्यू से सीखने लायक बातें भविष्य का पुरुष मक्कर उल्टा दहेज़ जब झूठ महंगा पड़ा मैं तुम्हें हारने नहीं दूंगा माँ आपको लघु कथा “ मृत्यु का समय अटल है “कैसी लगी | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें | filed under – motivational story, death , time of death