तीन तल
युवा भविष्य के सपने देखते हैं बुजुर्ग अतीत की यादों में खोये रहते हैं और प्रोढ़ इन दोनों के लिए सोचने को विवश केवल वरतमान और कर्तव्य में ही जीते हैं | जीवन के ये तीन तल चुपके से परिभाषित कर देते हैं कि हमारी सोच पर उम्र का असर होता है | लघु कथा – तीन तल दिल्ली में विश्वेश्वर प्रसाद जी का तीन तल का मकान है । सबसे नीचे के तल में वह अपनी पत्नी लक्ष्मी देवी के साथ रहते हैं । दूसरे तल में उनका बेटा प्रकाश अपनी पत्नी ज्योति के साथ रहता है । प्रकाश की उम्र कोई ५७ साल है । प्रकाश की एक अनब्याही बेटी नेहा बंगलौर में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है । सुधीर …. उनका २५ वर्षीय बेटा … जिसकी नयी नयी शादी हुई है अपनी पत्नी सुधा के तीसरे तल साथ रहता है । रात का समय है …. तीनों जोड़े सोने गए हैं । दृश्य इस प्रकार है । सबसे ऊपर का तल …… ‘सुधा आज तुम इस लाल ड्रेस में बहुत सुन्दर लग रही हो‘ सुधीर सुधा की तरफ प्रशंसा भरी नज़रों से देख कर कहता है । सुधा ख़ुशी से चहकते हुए सुधीर को देखती है और कहती है ‘ तुम क्या मुझे सदा ऐसे ही प्यार करते रहोगे । सुधीर ‘ अरे ये भी कोइ कहने की बात है , हमारा प्प्रेम तो अम्र होगा … मैं तो तुम्हारे लिए ताजमहल बनवाऊंगा ‘। बीच के तल में ………..प्रकाश ‘ सुनो ज्योति, बेटे की शादी में बहुत खर्च हो गया है … ऊपर से नेहा की पढाई का भी खर्च है … मैं अबसे ओवरटाइम किया करूंगा ‘। ज्योति ‘ मैं भी सोंच रही हूँ बॉस से बात करके दो चार टूर मांग लूं … आखिर नेहा की शादी भी तो करनी है ‘।हाँ , कर लो , मैं भी सोच रही हूँ साबुन तेल थोड़े कम दाम वाले ही लूँ , पिताजी मोतिया भी तो पक गया है , आखिर ओपरेशन कब तक टालेंगे | सबसे नीचे का तल ….७५ वर्षीय विश्वेश्वर नाथ जी अपनी पत्नी लक्ष्मी देवी से कहते हैं ‘ सुनो तुम्हें याद है जब हमारी शादी हुई थी तब तुम लाल साड़ी में कितनी सुंदर लग रही थीं ‘। लक्ष्मी देवी लजा कर कहती है ‘ हाँ और वही साड़ी मुन्ना ने खेलते हुए ख़राब कर दी थी …. तब तुम कितना गुस्सा हुए थे ‘। क्यों ना होता … मैं जो इतने प्यार से तुम्हारे लिए ले कर आया था … विश्वेश्वर जी ने उतर दिया । अतीत ….वर्तमान ओर भविष्य को याद करते हुए एक ही मकान के तीन तलों में तीन पीढियां सो गयीं । नीलम गुप्ता यह भी पढ़ें … सुकून जमीर डर प्रायश्चित बस एक बार आपको “ तीन तल “ कैसी लगी | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें | filed under: short stories, short stories in Hindi, three stories