विश्व कैंसर दिवस-ैंआवश्यकता है कैंसर के खिलाफ इस युद्ध में साथ खड़े होने की
आज विश्व कैंसर दिवस है | आज मेडिकल साइंस के इतने विकास के बाद भी कैंसर एक ऐसे बिमारी है | जिसका नाम भी भयभीत करता है |परन्तु ये भी सच है की शुरूआती स्टेज में कैंसर का इलाज़ बहुत आसन है | यहाँ तक की स्टेज ३ और 4 के मरीजों को भी डॉक्टर्स ने पूरी तरह ठीक किया है | पर ये एक कठिन लड़ाई होती है जिसमें मरीज को बहुत हिम्मत व् हौसले की जरूरत होती है |सबसे पहले तो यह समझना होगा की कैंसर मात्र एक शब्द है ये कोई डेथ सेंटेंस नहीं है | world कैंसर डे इसी लिए मनाया जाता है | दरसल ये एक जागरूकता अभियान है | जिसके द्वारा कैंसर को शुरू में पहचानने , सही इलाज़ करने व् कैंसर के मरीजों के कैंसर के खिलाफ इस युद्ध में उनके साथ खड़े होने की आवश्यकता पर बल दिया है | वैसे अलग – अलग प्रकार के कैंसर के लिए भी अलग – अलग डे या माह बनाए गए हैं | जैसे ब्रैस्ट कैंसर मंथ , प्रोस्टेट कैंसर मंथ , world लिम्फोमा अवेरनेस डे आदि , आदि | मकसद इस जानलेवा बिमारी के खिलाफ जागरूकता फैलाना व् मरीजों के साथ खड़े होना हैं | कैंसर के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है की वो एक कम्युनिटी बनाए | जहाँ वह अपने लक्षणों , इलाज़ , दुःख व् तकलीफ को शेयर कर सकें | एक दूसरे की तकलीफ को बेहतर तरीके से महसूस कर पाने पर वो बेतर समानुभूति दे पाते हैं | जो मनोबल टूटते मरीज के लिए बहुत जरूरी है |विदेशों में ऐसे बहुत से समूह हैं पर हमारे देश में इनका अभाव है |छोटे शहरों और गाँवों में जहाँ अल्प शिक्षा के चलते लोग कैंसर के मरीजो से संक्र्मकता से डर कर दूरी बना लेते हैं , ख़ास कर जब की वो सरकोमा या नॉन हीलिंग वुंड के रूप में हो | जिसके कारण कैंसर का मरीज बेहद अकेला पं व् अवसाद का अनुभव करता है | जो कैंसर के खिलाफ उसकी लड़ाई को कमजोर करता है | एक बात और जो बहुत जरूरी है वो यह है की कैंसर के मरीजों के केयर गिवर का भी ख़ास ख़याल रखा जाए | क्योंकि अपने परियां की तकलीफ के वो भी पल – पल के साझी दार होते हैं और एक गहरे सदमे की अवस्था में जी रहे होते हैं | कैंसर का इलाज़ जो डॉक्टर करते हैं चाहे वो सर्जरी हो , कीमो हो , रडियो थेरेपी हो बहुत पीड़ादायक है , और इनके बहुत सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं | परन्तु एक इलाज ऐसा भी है जो हम भी कर सकते हैं वो है उन्हें , संवेदना , प्यार दे कर , उनकी हिम्मत बढ़ाकर , उन्हें हौसला दे कर , ताकि वो अपनी कैंसर के खिलाफ लड़ाई आसानी से लड़ सकें |मेरे साथ आप भी कहिये कैंसर क्या नहीं कर सकता है ……कैंसर भवः नहीं वो इतना सीमित है कीये दोस्ती को नहीं मार सकताये प्रेम को नहीं कम कर सकताये उम्मीद को नहीं नष्ट कर सकताये विश्वास में जंग नहीं लगा सकताये हिम्मत को मौन नहीं कर सकताये यादों को कम नहीं कर सकताऔर मेटास्टेसिस के बावजूद ये आत्मा तक कभी नहीं पहुँच सकताये अब तक जी चुकी हुई जिंदगी को नहीं चुरा सकतासबसे महत्वपूर्ण ये आत्मशक्ति से तो बिलकुल भी नहीं जीत सकता वंदना बाजपेयी keywords:world cancer day, cancer,