कौन है जो खुश नहीं रहना चाहता, पर हम जितना ख़ुशी के पास जाने की कोशिश करते हैं वो उतना ही दूर भाग जाती है | तो क्या ऐसे में मन नहीं करता कि ये जाने ” ये ख़ुशी आखिर छिपी कहाँ है? ———————————————————————— गुडियाँ हम से रूठी रहोगी कब तक न हंसोगी देखोजी किरण सी लहराई आई रे आई रे हंसी आई आज पुरानी फिल्म का ये गाना याद आ रहा है| गाने की शुरुआत में गुड़ियाँ रूठी होती है पर अंत तक खुश हो कर हंसने लगती है …आखिर कोई कितनी देर नाराज या दुखी रह सकता है दरसल खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है, आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है ? बिलकुल अपने में मस्त ,बस भूख ,प्यास के लिए थोडा रोया ,कुनकुनाया फिर हँसने खेलने में मगन। क्यों हम कहते हैं कि “बचपन के दिन भी क्या दिन थे “…बचपन राजमहल में बीते या झोपड़े में वो इंसान की जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा होता है। खुश रहना मनुष्य का जन्मगत स्वाभाव होता है | जैसे -जैसे हम बड़े होते हैं हमारा समाज ,हमारा ,वातावरण हमारे अन्दर विकृतियाँ बढाने लगता हैं ,और हम अपनी सदा खुश रहने की आदत भूल जाते हैं और तो और हममे से कई सदा दुखी रहने का रोग पाल लेते हैं ,जीवन बस काटने के लिए जिया जाने लगता है.पर कुछ लोग अपनी प्राकृतिक विरासत बचाए रखते हैं ,और सदा खुश रहते हैं| प्रश्न उठता है क्या उनको विधाता ने अलग मिटटी से बनाया है ,या पिछले जन्म के कर्मों की वजह से उनके जीवन में कोई दुःख आया ही नहीं है। उत्तर आसन है … नहीं , औरों की तरह उनके जीवन में भी दुःख-सुख का आना जाना लगा रहता है , पर आम तौर पर ऐसे व्यक्ति व्यर्थ की चिंता में नहीं पड़ते और अक्सर हँसते -मुस्कुराते और खुश रहते हैं | तो सवाल ये उठता है कि जब ये लोग खुश रह सकते हैं तो बाकी सब क्यों नहीं ?आखिर उनकी ऐसी कौन सी आदतें हैं जो उन्हें दुनिया भर की चिंताओं से मुक्त रखती है और दुःख -दर्द के बीच भी खुशहाल बनाये रखती हैं ? आज इस लेख के जरिये मैं आपके साथ खुशहाल लोगों की कुछ आदतें बताने जा रही हूँ जो शायद आपको भी खुश रहने में मदद करें .तो आइये जानते हैं उन ख़ास आदतों को : ख़ुशी का फार्मूला न. 1-जो है सब अच्छा है बड़ी मामूली सी बात है पर है बहुत उपयोगी| हम अक्सर अपने आस -पास के लोगों की बुराइयां खोजते हैं। हमने तो इतना किया था पर उसने तो मेरे साथ ये तक नहीं किया , हमने तो उसके सारे अपशब्द बर्दाश्त कर लिए पर वो तो एक बात में ही बुरा मान कर चला गया आदि -आदि मनोवैज्ञानिक इसे “नकारात्मक पूर्वधारणा “भी कहते हैं | अधिकतर लोग दूसरों में जो कमी होती है उसे जल्दी देख लेते हैं और अच्छाई की तरफ उतना ध्यान नहीं देते पर खुश रहने वाले तो हर एक चीज में , हर एक परिस्थिति में अच्छाई खोजते हैं , वो ये मानते हैं कि जो होता है अच्छा होता है . किसी भी व्यक्ति में अच्छाई देखना बहुत आसान है ,बस आपको खुद से एक प्रश्न करना है , कि , “ आखिर क्यों यह व्यक्ति अच्छा है ?” , और यकीन जानिये आपका मस्तिष्क आपको ऐसी कई अनुभव और बातें गिना देगा की आप उस व्यक्ति में अच्छाई दिखने लगेगी |यहाँ पर ध्यान देने की ब बात यह है कि, आपको अच्छाई सिर्फ लोगों में ही नहीं खोजनी है , बल्कि हर एक परिस्थिति में खोजनी है और सकारात्मक रहना है और उसमे क्या अच्छा है ये देखना है| सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन का अपने पुत्र अमिताभ बच्चन को समझाने का एक बहुत विख्यात वाक्य है …. अगर मन की हो रही है तो खुश रहो ,और अगर मन की न हो रही हो तो और खुश रहो क्योंकि वह ईश्वर के मन की हो रही है ईश्वर अपने बच्चों के साथ कभी अन्याय नहीं करता। उदाहरण के तौर पर अगर आप को कोई नौकरी या सफलता नहीं मिली तो आपको ये सोचना चाहिए कि शायद भागवान ने आपके लिए उससे भी अच्छी नौकरी या सफलता छुपा कर रखी है जो आपको देर-सबेर मिलेगी, और आप किसी अनुभवी व्यक्ति से पूछ भी सकते हैं, वो भी आपको यही बताएगा . ख़ुशी का फार्मूला न.2-कही -सुनी सब मॉफ करे हम सब अपने सर पर कितना बड़ा पिटारा लिए घूम रहे हैं | लोगों की कही -सुनी बातों का हर रोज़ पिटारा खोलते हैं ,उन बातों को निकालते हैं,सहलाते हैं और फिर पिटारा बंद कर देते हैं और उस पिटारे में बंद कर देते हैं अपनी खुशियाँ …. है न सही ,सच तो यह है कि हर किसी का अपना -अपना अहंकार होता है , जो जाने -अनजाने औरों द्वारा घायल हो सकता है , पर खुश रहने वाले छोटी छोटी बातों को दिल से नहीं लगाते वो माफ़ करना जानते हैं , सिर्फ दूसरों को नहीं बल्कि खुद को भी | इसके उलट यदि ऐसे लोगों से कोई गलती हो जाती है , तो वो माफ़ी मांगने से भी नहीं कतराते | वो जानते हैं कि मिथ्याभिमान उनकी जिंदगी की परेशानियां बढ़ा देगा बन इसलिए वो अरे मॉफ कर दीजिये या सॉरी बोलने में कभी कतराते नहीं | माफ़ करना और माफ़ी माँगना आपके दिमाग को हल्का रखता है , आपको बेकार की उलझन और परेशान करने वाली नकारात्मक विचारों से बचाता है , और आप खुश रहते हैं | ख़ुशी का फार्मूला न.3-तुम मेरे साथ हो अकेला हूँ मैं इस दुनियाँ में ,साथी है तो मेरा साया ……ये गाना सुनने में जितना अच्छा लगता है भोगने … Read more