सद्विचार – रिश्तों की परवाह

आप जिन रिश्तों की परवाह करते हैं उनके सामने अपनी भावनाओं की स्वीकारोक्ति में देर मत करिए क्योंकि उनके जाने के बाद चाहे आप जितनी जोर से चिल्लाएं वो सुन नहीं पायेंगे