सद्विचार
सृजन व् विनाश
एक बीज जब बढ़ता है तो कोई शोर नहीं करता एक पेड़ जब गिरता है तो बहुत आवाज़ होती है विनाश की पहचान शोर व् सृजन की मौन है
सद्विचार -सही शब्द
एक शब्द और एक सही शब्द में उतना ही अंतर है जितना रोशिनी व् जुगुनू में -मार्क ट्वेन
सद्विचार – रिश्तों की परवाह
आप जिन रिश्तों की परवाह करते हैं उनके सामने अपनी भावनाओं की स्वीकारोक्ति में देर मत करिए क्योंकि उनके जाने के बाद चाहे आप जितनी जोर से चिल्लाएं वो सुन नहीं पायेंगे
समय पर समझ
समय पर समझ एकसाथ खुशकिस्मत लोगों को मिलती है अक्सर समय पर समझ नहीं आती और समझ आने पर समय निकल जाता है