सद्विचार
मृत्यु
मृत्यु तुम मेरा क्या कर लोगी बस पात्र बदल दोगी जीवन की लम्बी यात्रा में कितने पात्रों को खेला है कभी पुरुष कभी स्त्री बनकर कितनी पीड़ा को झेला है एक रूप नया देकर मुझको तुम एक नयी पीड़ा दोगी वंदना बाजपेयी
ध्यान
दुःख पर ध्यान दोगे तो हमेशा दुखी रहोगे सुख पर ध्यान देना शुरू करो दरसल तुम जिस चीज पर ध्यान देते हो वो चीज सक्रिय हो जाती है ध्यान सबसे बड़ी कुंजी है
जीवन के रंग
जीवन सुख दुःख के न जाने कितने रंगों से मिल कर बना है मुक्कमल तस्वीर भी तो सभी रंगों के मिलने से पूरी होती है