सूट की भूख

 सरबानी सेनगुप्ता   आज जहाँ भी जाओ लेडीज सूट और कुर्तों का बोलबाला है | चाहे वो मॉल  हो या पटरी पर लगी दुकानें | सूट की भूख दिन को ही नहीं रात को भी औरतों को जगाये रखती है | यहाँ मैं अपने मोहल्ले का जिक्र कर रही हूँ |             सूट … लेडीज सूट ! नए डिजाइन के सूट ….साइकिल पर सवार वो सूट वाला  गज़ब का सेल्समैन था वह हर हफ्ते रंग –बिरंगे सूट अपने साइकिल के पीछे बनी सीट सामने डंडे और हैंडिल  पर लाद  कर लाता | उसकी गठरी इतनी ऊंची होती थी की उस दुबले –पतले सूट वाले का आधे से ज्यादा शरीर उस  गठरी के पीछे छिपा होता था | उसका सर और दो हाथ ही नज़र आते थे | जैसा भी था …. वो सूट वाला पुराने ज़माने के किसी हीरो ( पचास के दशक ) से कम नहीं था | सर पर चमेली का तेल , बीच में सीढ़ी कढ़ी  हुई मांग और मुँह से बड़ी उसकी मूंछे | बाप रे बाप ! क्या पर्सनालिटी ! उसके मुँह पर सदा एक चतुर मुस्कान रहती | गली मोहल्ले की सभी औरतें उस पर फ़िदा थी | अरे भाई ! हो भी क्यों ना ? सूट  की भूख तो औरतों को युगों युगों से चली आ रही  है | महीने में दो –तीन सूट खरीदना तो उनका जन्मसिद्ध अधिकार है | और जो नहीं खरीद पाती वो मन मसोस कर सब्र कर लेती , अपने घर की अर्थ व्यवस्था का ध्यान रखती |            तो अब जब भी सूट वाला गली में आता तो आगे आगे सूट वाला और छोटी लडकियां पीछे –पीछे | जैसे बैग पाइपर की कहानी में बैग पाइपर आगे आगे और गली के सारे चूहे उसके पीछे –पीछे चलने लगते थे |बच्चे  दौड़ –दौड़ कर अपनी मम्मियों  को सूट वाले के आने की खबर देते | गर्मी की छुट्टियों  में बच्चों को मम्मियों  की तरफ से यह असाइनमेंट दिया जाता की जैसे ही सूट वाला आये उसकी खबर उन्हें दी जाए | सामने रहने वाली आंटी सूट वाले को बड़े चाव से बैठाती | ठंडा पानी पिलाती और उसकी गठरी की तरफ बड़ी ललचाई नज़रों से देखती | जैसे मिठाई का डिब्बा अभी खुलेगा और खाने को मिलेगा | वह आंटी आस –पास के घरों में रहने वाली औरतों को जोर –जोर से आवाज़ लगाती | फिर क्या था एक औरत दो औरत और तीन –चार और पूरा मुहल्ला वहाँ इकठ्ठा हो जाता | सूटवाला  तरह –तरह के सूट निकालता जाता | सूती , रेशमी , सिंथेटिक , कॉम्बिनेशन | वह भी कहाँ कम था , भीड़ को देखते हुए मनमाने रेट लगाता | औरतों में छीना – झपटी शुरू हो जाती | बेचारे सूट के कपडे , इस हाथ से उस हाथ और उस हाथ से सीधा जमीन  पर !!! कपड़ों को खोल –खोलकर ढेर लागाती औरतें यूँ लगती जैसे उन्हें कितने दिनों बाद खाना –खाने को मिला हो | सुबह ११ बजे गली की सभी औरतें अपना घर –बार छोड़ कर सूटों  की छटाई में लग जाती | उनके पति “ बेचारे “ से बने खिड़की से टाक –झाँक करने लगते | कुछ के पति तो झल्लाकर ऑफिस चले जाते | और कुछ के व्यापारी पति अपने अधखुले टिफिन के डिब्बे को ललचाई निगाहों से देखते | जिसमें उनकी धर्म पत्नियाँ स्वादिष्ट भोजन भरते –भरते सूट खरीदने चली गयी थी | जो भी है भाई , बीबी अगर सूट से खुश है तो कम्प्रोमाइज़ तो करना ही पड़ेगा |              बरहाल ये तो चलता ही रहता है | औरतों में जो हमारी हेड आंटी थी वो एक दिन मिसेज मल्होत्रा की बेटी से बोली , “ जा शर्मा आंटी को बुला ला |” वह दौड़ती हुई गयी और बैरंग वापस आ गयी और बोली ,” शर्मा आंटी बुखार से बेहाल हैं और बेहोश सी पड़ी हैं | “ अचानक निधि आंटी बोली चल मैं बुला कर लाती हूँ | “ थोड़ी ही देर में वह शर्मा आंटी को लेकर वापस आ गयी | कांता जी ने निधि के कान में फुसफुसाकर कहा , “ अरे ये तो बीमार थी , ये कैसे आ गई ? तूने ऐसा क्या कह दिया | निधि हँस कर बोली , “ मैंने कुछ ख़ास नहीं कहा | मैंने तो बस इतना कहा की सूट वाला आया है और उसने सूटों की सेल  लगा दी है | “ फिर क्या था वह झट से उठीं और पट  से आ गयीं | सूट वाला न हुआ कृष्ण कन्हैया हो गया | कृष्ण जी की बंसी की आवाज़ सुनकर सारी  गोपियाँ दौड़कर आती थीं | ऐसे ही “ सूट ले लो “ की आवाज़ सुन कर मोहल्ले की सभी औरतें अपने अपने घरों से बाहर आ जातीं | सूटों  के कपड़ों के ऊपर गिरी पड़ी औरतें तेरा सूट , मेरा सूट करते –करते न जाने कितने सूट खरीद  लेती |  ऐसी भी क्या सूट की भूंख , पर क्यों नहीं , कभी ऊँची कमीज तो कभी पाँव को छूती लम्बी कमीज | फैशन भी तो गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं | आज आलम यह है की पतियों की गाढ़ी कमाई  का एक बड़ा हिस्सा सूटों  की भेंट चढ़ जाता है |                 देश में सूखा पड़े या बाढ़ आये | खाने –पीने की चीजों की कमी की आशंका टी . वी पर जरूर दिखाई जाती है | पर कभी लेडीज सूट की कमी कहीं नज़र नहीं आती | पर क्या करें ! भाई , सूट पहनना तो कोई बंद नहीं कर सकता ना | तो आज की नारी का नारा है “ जब तक सूरज चाँद रहेगा , सूटों  का काफिला यूँ ही आगे बढेगा …………… यह भी पढ़ें ……. आई लव यू ~ यानी जादू की झप्पी -शर्बानी सेनगुप्ता  न उम्र की सीमा हो … किरण आर्य हमने भी करी डाई – ईटिंग एक लेखक की दास्ताँ

वैलेंटाइन डे स्पेशल – आई लव यू “यानी जादू की झप्पी

अरे भाई ! वेलेंटाइन डे आ गया | प्यार भरे दिलों की धड़कने तेज़ हो गयीं | आई लव यू “ थोडा सा सकुचाई सी शरमाई सी मन ही मन मुस्कुराते हुए सोचने लगी , “ लो वो दिन भी आ गया जब सब अपने अपने वैलेंटाइन से मनुहार करते हुए मेरा इस्तेमाल करेंगे | मैं इस मुँह से उस मुँह तक सैर करती नज़र आऊँगी | “ बात भी सही है जादू की झप्पी का बुखार एक न उतरने वाला बुखार है | आई लव यू डेंगू की तरह फैलता जा रहा है | यह वाक्य अपने आप में बड़ा मीठा और वजनी है | “ तीन शब्दों से बना ये वाक्य है कमाल काजिसे भी कह दो वो हो जाए आपका “ सही में इस वाक्य का चमत्कार देखिये | दूर बैठे लोग भी आप के हो जायेंगे | पर इस चमत्कारी वाक्य को ले कर लोगों में अलग –अलग धारणाएं और भ्रांतियाँ हैं | कुछ लोग आई लव यू का केवल एक ही मतलब निकालते हैं | वो है पति –पत्नी या प्रेमी प्रेमिका के बीच बोला जाने वाला | अरे भाई ये वो मिठाई है जो हम अपने माता –पिता , भाई बंधू सभी को खिला सकते हैं | आपका वैलेंटाइन कोई भी हो सकता है जिसे आप दिल से चाहते हैं | चाहे वो छोटा हो या बड़ा , रिश्तेदार हो या मित्र | माँ थोड़ी सी रूठ गयी है तो उन्हें जादू की झप्पी डे कर कान में धीरे से कह दो ,” आई लव यू मम्मा “ | माँ प्यार से एक मीठी चपत लगाते हुए कहेगी ,” हट पगले मैं तो यूं ही कह रही थी | नाराज़ थोड़े ही थी | “ पापा के लाल –पीले गुस्से से बचना है झट से कह दो ,” पापा नाराज़ क्यों होते हैं , आई रियली लव यू “| जरा आजमाकर तो देखिये ये वो हथियार है जिसे जहाँ चाहे निकालकर चला दो | इससे लोग मरेंगे नहीं अपितु आप पर जी जान से मरने लगेंगे | आपको इतना चाहने लगेंगे की पूंछो मत |किसी को वशीकरण करना हो तो ये रामबाण वाक्य गुनगुना दो | ये ऐसा जादुई तीर है जो सीधा दिल को भेद दे | कुछ दिन पहले की बात है | कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे | अचानक उनकी बल घर के शीशे में आकर लगी और शीशा टूट गया | मैं लाल –पीली हो कर दनदनाती हुई नीचे पहुंची और बच्चों को डांटते हुए बोली की वे सामने पार्क में जा कर खेलें | तभी एक बच्चा जो गाडी के पीछे छिपा बैठा था आकर बड़े भोलेपन से बोला ,” नाराज़ क्यों होती हो आंटी जी “| परेशां तो मैं थी ही | उसकी यह बात सुन कर मुझे और गुस्सा आ गया | मैं चिल्लाई ,” बड़ों से ऐसे बात करते हैं ? वह मुस्कुरा कर फ्लाइंग किस देते हुए बोला ,” आंटी आई लव यू “| उसकी इस बात पर मुझे हंसी आ गयी और गुस्सा कपूर की तरह उड़ गया | और मैं ‘ठीक है ,ठीक है कहती हुई ऊपर आ गयी | यह जुमला किसी का मोहताज़ नहीं है | इसे छ : साल के बच्चे से लेकर ७६ साल के बुजुर्ग तक इस्तेमाल करते हैं | मीरा मॉर्निंग वाक पर निकली तो पार्क में बेंच पर बैठे एक दादू जी (बुजुर्ग ) जिनकी उम्र कोई ७० -७५ साल होगी , अपनी धर्मपत्नी से बार –बार आई लव यू कह रहे थे | ऐसा लग रहा था की उनकी श्रीमती जी उनसे अच्छी खासी नाराज़ थी|  श्रीमान जी की मनुहार देख –देख कर मीरा को हंसी आ गयी वो मंद –मंद मुस्कुराते हुए उन लोंगों के पास पहुंची | उसने कहा ,” अब तो मान जाइए आंटी जी , देखिये अंकल कब से मन रहे हैं “| आंटी जी ने जोर का ठहाका लगाया और बोली ,” अरे बेटी मैं तो कबसे माने बैठी हूँ | आज वैलेंटाइन डे है | जरा इन्हें परेशां तो कर लूं |फिर इनको “ दिल धडकने दो” मूवी देखने ले जाउंगी | फिर उन्होंने झट से अपने पति ( दद्दू ) को आई लव यू कहते हुए झप्पी दे दी | मीरा को बड़ा मजा आया और वो मन ही मन यह सोंचती हुई घर चल दी की वाह ! अँगरेज़ भी खूब थे जो इस प्यार भरे जुमले को छोड़ गए | जो आज सभी मौके बेमौके इस्तेमाल कर रहे हैं | आज की युवा पीढ़ी तो इसका ज्वलंत उदाहरण है | इस जुमले का प्रयोग यदि गलत समय गलत जगह या गलत व्यक्ति के साथ किया जाए तो इसका उल्टा असर भी पद सकता है | पर ऐसा कोई बेवकूफ ही कर सकता है | अपनी दिमागी हालत को ठीक –ठाक रखते हुए जिंदगी गुलज़ार करें | जिसे भी आप आई लव यू बोले दिल की गहराई से बोलें और हर दिन को वैलेंटाइन डे बना डाले न की विलेन टाई डे बनाएं | सभी से प्रेम करें | प्रेम न जाने कोई रात –दिनप्रेम न जाने सुबह –शाम‘आई लव यू” की पींग बढाओपूरे होने चारों धाम लेखिका – श्रीमती सरबानी सेनगुप्ता निराश लोगों के लिए आशा की किरण ले कर आता है वसंत                                              नगर ढिढोरा पीटती कि प्रीत न करियो कोय प्रेम के रंग हज़ार -जो डूबे  सो हो पार                                                         आई लव यू -यानी जादू की झप्पी आपको  लेख   “वैलेंटाइन डे स्पेशल – आई लव यू “यानी जादू की झप्पी ” कैसा लगा    | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन“की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें