विश्व हास्य दिवस : हास्य योग : एक टॉनिक
कहा जाता है कि एक हंसी सौ इलाज के बराबर होती है. हंसी को योग का दर्जा मिल चुका है. दुनिया भर में हास्य योग इस समय खूब चलन में है.योग के दूसरे तरीकों से अलग इसमें इंसान को खुश रहना सिखाया जाता है. हास्य योग की शुरुआत आज से 17 साल पहले मुंबई में हुई थी. डॉक्टर मदन कटारिया ने इसकी शुरुआत की थी. आज दुनिया भर के 60 देशों में हास्य योग के 600 क्लब हैं. गहरी सांस लेना, शरीर को खींचने के साथ-साथ हंसी का मेल हास्य योग में सिखाया जाता है. अमेरिकन स्कूल ऑफ लाफ्टर योग के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक सेबास्टियन गेन्ड्री कहते हैं, ”हास्य योग करने के बाद हो सकता है आपका वजन कम न हो, लेकिन आपके दिमाग से ये ख्याल जरूर निकल जाएगा कि आप मोटे हैं. लोग इसीलिए आते हैं क्योंकि ये एक तरह की कसरत है. लोग इसे करते हैं और खुद को खुश रखते हैं.” हास्य योग का मूल विचार यह है कि शरीर कृत्रिम और असली हंसी में फर्क नहीं कर सकता. गेन्ड्री का कहना है कि हम हंसी का रसायन पैदा करने के लिए हंसी की चाल पकड़ते हैं. उनका कहना है, ”हास्य योग का मकसद मांसपेशियों को मजबूत करना नहीं है, बल्कि कठिन सोच से छुटकारा पाना है.” हास्य योग की एक घंटे की कक्षा में 20 से 40 सेकंड तक के छोटे छोटे सेशन होते हैं. इसमें एक बार हो हो करना सिखाया जाता है तो दूसरी बार हा हा करने के लिए कहा जाता है. क्रोध, भय, तनाव और द्वेष जैसे नकारात्मक भाव जहां शरीर पर घातक प्रभाव डालते हैं, वहीं हास्य योग से मानव के शरीर में ऐसे रसायनों का श्राव होता है, जो स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव डालते हैं। हास्य योग जहां एक सशक्त व्यायाम है, वहीं टानिक भी है। हास्य योग की बुनियादी बात सीखने में एक से दो दिन लगते हैं. लेकिन जो लोग इसे दूसरों को सिखना चाहते हैं उन्हें सात दिन का वक्त लग सकता है. न्यूयॉर्क में फिटनेस सेंटर चलाने वाली लाशौन डेल का कहना है, ”इससे काफी तनाव निकल जाता है. शुरुआत में थोडा असहज लगता है, लेकिन बाद में हंसी को रोकना कठिन हो जाता है. अगर आप तनाव में हैं और आप अपने शरीर का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं तो आप तब तक फिट नहीं महसूस करेंगे जब तक आप संतुलित नहीं होंगे.” हंसने से शरीर का प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है और ब्लड प्रेशर भी ठीक होता है. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के मुताबिक हर दिन 10 से 15 मिनट तक हंसने में 10 से 40 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है. एंगलवुड, न्यू जर्सी में फिजिकल मेडिसिन और रिहैबिलिटेशन सेंटर के ट्रेनर ग्रेगरी चर्टॉक का कहना है,” हंसना शारिरिक क्रिया कम है. इसके बजाय यह एक समाजिक क्रिया है जिसमें सबका फायदा है. इसमें लोग खुशी प्रदान करने वाली चीजों में शामिल होते हैं.” विधि पद्मासन, सुखासन, चलते-टहलते, घूमते, घर-ऑफिस में बैठे हुए भी हास्य योग का अभ्यास किया जा सकता है। पहले आप मंद-मंद मन ही मन मुस्कुराएं, फिर धीरे-धीरे खूब ठहाके लगाकर हाथों को ऊपर उठाकर लगातार हंसते रहें। शुरू में 2 से 3 मिनट तक इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए, फिर समयानुसार इसे बढ़ाकर 10 मिनट तक ले जाएं। 8 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक सभी इस योग का अभ्यास कर सकते हैं। लाभ हास्य योग से हमारे शरीर में एपीनेफीन, नारएपीनेफीन और डोपामाइन जैसे हार्मोस सक्रिय होते हैं। इससे हमारे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। हमारा पेट और सीना मजबूत होता है। हमारे शरीर की 100 से अधिक मांसपेशियों से लेकर श्वसन तंत्र की मांसपेशियां तक सभी इसमें शामिल होती हैं। यह अधिक तनाव, निम्न रक्तचाप, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसे रोगों में रामबाण का काम करता है। हास्य योग का प्रभाव हमारे हृदय पर विशेष रूप से पड़ता है। हास्य योग के कारण हृदय रूपी पंप की गति बढ़ जाती है, जिससे शरीर के सभी भागों में रक्त भलीभांति पहुंचता है। फेफड़ों, पेट और आंखों पर इसका काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। हंसते-हंसते आंखों से निकले आंसू आंखों की सफाई करते हैं। मनोवैज्ञानिक सिद्धांत के मुताबिक जो लोग खुशहाल जिंदगी चाहते हैं उन्हें तीन चीजों को ध्यान में रखना चाहिए, आजादी, काबिलियत और दूसरों से जुड़ाव. कहते हैं, ”जो लोग शारिरिक रूप से ज्यादा योग नहीं कर सकते वो लोग हास्य योग में खुद को ज्यादा स्वतंत्र और दूसरों से जुड़ा हुआ मसहूस करते हैं.”हास्य योग करने वाला साधक आजीवन अवसाद, मानसिक तनाव, अनिद्रा और नकारात्मक सोच से बचा रहता है। नीलम गुप्ता