Anxiety Disorder :कारण , लक्षण व् उपचार
Anxiety एक बहुत ही सामान्य सा शब्द है जिसे हम सब महसूस करते हैं | पर जब हम Anxiety Disorder की बात करते हैं तो ये एक गंभीर मानसिक बीमारी हैं | जिसे समय रहते इलाज़ की जरूरत है |Anxiety Disorder के बारे में आज हम जानेगे नीता मेहरोत्रा जी के इस विशेष लेख से Anxiety Disorder :कारण , लक्षण व् उपचार आपने अपने आसपास , अपने प्रिय लोगों के व्यवहार में परिवर्तन देखा होगा | कुछ ऐसे लक्षण जिन्हें भले ही आप न समझ पा रहे हों पर आपको लग रहा हो कि कहीं कुछ तो गलत है | अगर ऐसा है तो सावधान हो जाइए | ये मानसिक रोगों की शुरुआत हो सकती है |अचानक हुआ व्यवहार में ये परिवर्तन सामान्य नहीं हैं | मेरा उद्देश्य इस लेख के माध्यम से इस विषय में ध्यान आकर्षित करना है | ताकि समय रहते मानसिक रोगों को पहचाना जा सके व् उनका इलाज हो सके | व्यवहार में निम्नलिखित परिवर्तन ….मानसिक रोगों की शुरुआत के लक्षण • सामान्य नियमों का पालन नहीं करना • बिना वजह बहस करना • नखरे करना • अत्यधिक जिद्द करना , अपनी बात किसी भी कीमत पर मनवाने के लिए अड़ जाना • हर समय उत्तेजना से भरे रहना • खुद को एकदम सही साबित करना और साम-दाम -दंड -भेद से उसे मनवाना • चिड़चिड़ा होना • अपने फ्रस्ट्रेशन को संभाल नहीं पाना • शंकालू होना • अपने आप कल्पना करके विपरीत परिस्थितियों को वास्तविक बताना • दूसरों पर बिना उचित बात के दोषारोपण करना • अनजानी आशंकाओं से भयभीत रहना . . इन लक्षणों से युक्त आपके प्रिय बहुधा इनसे भी ग्रस्त होते होंगें • सिरदर्द , माइग्रेन • बुखार • अचानक बदन में कँपकपाहट • आँखों में ब्लड क्लॉट बनना • याददाश्त में कमी • ब्लड प्रेशर की समस्या . . मैं बात कर रही हूँ मैं Behavioral Disorder /Disruptive Disorder की यह व्यस्कों में आम सी पाई जाने वाली बीमारी है। सामान्यत: यह बचपन में ही प्रारम्भ होता है किन्तु पर्याप्त जानकारी और इलाज़ के आभाव में बड़े होने पर गंभीर समस्या बन जाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति सामंजस्य के अभाव में बहुत तकलीफ़ से गुज़रता है। वह बहुधा ऐसे सामान्य क्षेत्रों में असफलता का मुँह देखता है जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। उसके रिश्ते , दोस्ती सब तनावपूर्ण हो जाते हैं। . आइये आज जानते हैं Behavioral Disorder कितने प्रकार के होते है …… 1. Anxiety Disorder 2. Emotional Disorder 3. Dissociative Disorder 4. Pervasive Development Disorder 5. Disruptive Behavior Disorder . Anxiety Disorder . यह एक बहुत ही सामान्य भावना है जिसे हर व्यक्ति अपने जीवन में अनुभव करता है। किन्तु , कुछ लोगों में इसके आवेग इतना तीव्र होता है कि उनका पूरा जीवन इससे प्रभावित हो जाता है। इससे गंभीर रूप से ग्रस्त व्यक्ति में निम्नलिखित की प्रचुरता पाई जाती है …. • अनिद्रा • चिड़चिड़ापन • अत्यधिक जिद्द • गुस्सा / रोष • घबराहट • अपने आप कल्पना में घटनाओं का जन्म और उनको वास्तविक मान कर दुःख में गहरे डूब जाना या अवसादग्रस्त रहना . यह एक गंभीर समस्या है , Anxiety को पहचान कर , उसका सही इलाज किसी चिकित्सक के परामर्श से बहुत ही जरूरी है।Anxiety व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति हमेशा insecurity से घिरा रहता है परन्तु स्वयं ही यह नहीं समझ पाता कि उसे किस बात का भय या insecurity है। यह व्यक्ति में स्ट्रेस के कारण होती है। व्यक्ति हमेशा नकारात्मक भाव से भरा रहता है। वह खुद से ही नकारात्मक संवाद करता है। . anxiety से ग्रस्त व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं …. 1. हाथ , पैर , बदन में कंपकपाहट 2. पेट में कुछ अजीब तरह की उमड़-घुमड़ 4. तनावग्रस्त मांसपेशियाँ 5. Nausea 6. Diarrhoea 7. सिरदर्द , माइग्रेन 8. पीठ का दर्द 9. अचानक सुन्न पड़ जाना 10. हाथ-पैर में सूई जैसा चुभना 11. अचानक अत्यधिक पसीना आना 12. अचानक साँस उखाड़ना और बेहोश तक हो जाना 13. अनिद्रा 14. हार्ट बीट का अचानक अत्यधिक बढ़ना -घटना 15. अपनी काल्पनिक सोच से खुद को तकलीफ पहुँचाने वाले दृश्य / घटनाओं की रचना कर लेना और उसे सच मान कर भयंकर अवसाद में डूब जाना 16. अत्यधिक जिद्द करना और येन केन प्रकारेण अपनी बात मनवा लेना 17. अपने सिवा अन्य सभी को निम्न सोच का समझना 18. समाज में सामंजस्य का पूर्ण अभाव . बहुधा anxiety के लक्षणों को शारीरिक बीमारी हार्ट अटैक या स्ट्रोक समझ कर लोग इलाज प्रारम्भ कर देते हैं जो anxiety को और अधिक बढ़ा देता है। Anxiety की गंभीरता सही उपचार के अभाव में बहुत गंभीर हो जाती है। उन सभी बातों / घटनाओं को जिससे anxiousness बढ़ती है हर संभव टालना चाहिए। साथ ही किसी कुशल चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि एक बार स्थिति को टाल देने पर पर्याप्त इलाज के अभाव में anxiety पलट कर दुगने वेग से अटैक करती है जो गंभीर परिणाम भी दे सकती है। . इलाज _ चिकित्सक से परामर्श अत्यन्त आवश्यक है तथा कुशल चिकित्सक की गहन देखरेख में इलाज का होना भी उतना ही आवश्यक है। . सही इलाज के साथ व्यक्ति को मेडिटेशन , खुद को रिलैक्स करने के तरीकों को भी सीखना और करना चाहिए। बीच-बीच में गहरी साँस अंदर लेकर छोड़ना भी सहायक होता है। . खुद को नकारात्मक बातें करने से यथा संभव रोकना चाहिए। एकांतवास से हर हाल में दूर रहना चाहिए। . कुछ नए रोचक कार्यों में खुद को व्यस्त करना चाहिए। नयी हॉबी डेवलप करनी चाहिए। अपने आसपास हरियाली को जगह देनी चाहिए। पौधों की सेवा स्ट्रेस को दूर भगाती है। . किसी भी तरह के – सही या गलत – गुस्से / रोष के आने पर तुरन्त उस जगह से यह सोच कर हट जाना चाहिए कि उस घटना पर रोष / क्रोध बाद में विस्तार से प्रकट करेंगें। खुद को किसी विपरीत प्रकृति के कार्य में उलझा लेना चाहिए। इससे क्रोध का आवेग निश्चित रूप से कम होते हुए कई बार समाप्त भी हो जाता है। . Anxiety Disorder निम्नलिखित प्रकार का होता है …. 1. Social Anxiety Disorder 2. Specific Phobias 3. Panic Disorder I) SOCIAL ANXIETY DISORDER ========================== Social Anxiety … Read more