अच्छा सोंचो … अच्छा ही होगा
वो देखो प्राची पर फ़ैल रहा है उजास दूर क्षितज से चल् पड़ा है नव जीवन रथ एक टुकड़ा धूप पसर गयी है मेरे आँगन में जल्दी –जल्दी चुनती हूँ आशा की कुछ किरण हंसती हूँ ठठाकर क्योंकि अब मेरी मुट्ठी में बंद है मेरी शक्ति हर नयी चीज का आगमन मन को प्रसन्नता से … Read more