गीता जयंती – करें श्रीमद्भगवद्गीता का रस पान

गीता जयंती -करें श्रीमद्भगवद्गीता का रस पान

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे   जिस दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था उस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी, इसीलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। … Read more

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अष्टावक्र गीता -3 

अष्टावक्र गीता -3

अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रंथ है | इसके रचियता महान ऋषि अष्टावक्र थे | कहा जाता है की उन्हें गर्भ में ही आत्मज्ञान प्राप्त हो गया था | उनका नाम अष्टावक्र उनके शरीर के आठ स्थान से टेढ़े -मेढ़े होने के कारण पड़ा | यह गीता दरअसल मिथिला के राज्य जनक को को … Read more

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अष्टावक्र गीता -2 

अष्टावक्र गीता

अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रंथ है | इसके रचियता महान ऋषि अष्टावक्र थे | कहा जाता है की उन्हें गर्भ में ही आत्मज्ञान प्राप्त हो गया था | उनका नाम अष्टावक्र उनके शरीर के आठ स्थान से टेढ़े -मेढ़े होने के कारण पड़ा | यह गीता दरअसल मिथिला के राज्य जनक को को … Read more

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अष्टावक्र गीता -1

अष्टावक्र गीता

अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रंथ है | इसके रचियता महान ऋषि अष्टावक्र थे | कहा जाता है की उन्हें गर्भ में ही आत्मज्ञान प्राप्त हो गया था | उनका नाम अष्टावक्र उनके शरीर के आठ स्थान से टेढ़े -मेढ़े होने के कारण पड़ा | यह गीता दरअसल मिथिला के राज्य जनक को को … Read more

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व्यष्टि से समष्टि की ओर

mahima shree

    ये दौर भी बीत जाएगा। परिवर्तन प्रकृति का मूल स्वभाव है। यहाँ कुछ भी स्थाई नहीं है । मनुष्य अपने आविष्कारों के दंभ में सोचता है कि उसने प्रकृति पर विजय पा ली है। जो वह चाहेगा सब एक दिन पा सकता है।किंतु प्रकृति ने कोरोना महामारी के बहाने से एक बार फिर … Read more

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जन्म-मरण की पीड़ा से मुक्त हो जाने का मार्ग है- विपश्यना

हम सब अपनी पहचान  इस स्थूल शरीर से करते हैं | जब की इसके अन्दर अनित्य अविनाशी आत्मा का निवास होता है | इस आत्म स्वरुप को जानना ही आध्यात्म का मुख्य उद्देश्य है | जिसके बाद सारे बंधन ढीले पड़ जाते हैं | इसको जानने का एक तरीका ध्यान या meditation भी है | … Read more

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ध्यान की पाठशाला -mindful eating

ध्यान या meditation आज के तनावपूर्ण समय की मांग है | ये हम कई जगह पढ़ते हैं | ध्यान के प्रति आकर्षित  हैं | लेकिन ध्यान करने बैठते हैं तो ध्यान नहीं  हो पाता | मन भटक जाता है | किसी को रोना बहुत आता है तो कोई उदास हो जाता है | अगर आपने … Read more

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सच -सच कहना यार मिस करते हो कि नहीं : एक चिंतन

                         शायद आपको याद हो अभी कुछ दिन पहले मैंने गीता जयंती पर एक पोस्ट डाली थी , जिस में मैंने उस पर कुछ और लिखने की इच्छा व्यक्त की थी | इधर कुछ दिन उसी के अध्यन में बीते | ” जीवन क्या … Read more

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सोहम या सोऽहं ध्यान साधना-विधि व् लाभ

आज के तनाव युक्त जीवन में हम बहुत कम आयु में ही तमाम मनोशारीरिक रोगों का शिकार हो रहे हैं | एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ तनाव , जीवनशैली में बदलाव आदि इसके कारण हैं |  ऐसे में जरूरी है कि शुरू से ही इस ओर ध्यान दिया जाए | ध्यान या मेडिटेशन … Read more

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महाशिवरात्रि -एक रात ” इनर इंजिनीयरिंग” के नाम

शिव नाम अपने आप में मन्त्र हैं | शिव अर्थात जो नहीं है |  जो नहीं है वो असीम है | क्योंकि वहीं कुछ नया प्रस्फुटित   होने की सम्भावना है | इस बात में जितना विरोधाभास नज़र आता है उतना ही विरोधाभाव स्वयं शिव में हैं |  जो आध्यात्म के मार्ग की ओर अग्रसर हैं … Read more

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