करवा चौथ पर चार काव्य अर्घ्य

पति -पत्नी के प्रेम का प्रतीक  करवाचौथ का व्रत सुहागिनें निर्जल रहा करती हैं और चंद्रमा पर जल का अर्घ्य चढ़ा कर ही जल ग्रहण करती हैं | समय के साथ करवाचौथ मानाने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव भी आये पर मूल में प्रेम ही रहा | आज उसी प्रेम को चार काव्य अर्घ्य के … Read more

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करवाचौथ -पति -पत्नी के बीच प्रेम की अभिव्यक्ति का विरोध क्यों ?

करवाचौथ आने वाला है , उसके आने की आहट के साथ ही व्हाट्स एप पर चुटकुलों की भरमार हो गयी है | अधिकतर चुटकुले उसे व्यक्ति , त्यौहार या वस्तु पर बनते हैं जो लोकप्रिय होता है | करवाचौथ आज बहुत लोकप्रिय है इसमें कोई शक नहीं है | यूँ तो भारतीय महिलाएं जितनी भी … Read more

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करवाचौथ के बहाने एक विमर्श

 विभिन्न रिश्तों को विभिन्न व्रत त्योहारों के रूपमें सहेजने वाले हामारे देश में पति पत्नी के रिश्ते को सहेजने वाला त्यौहार है करवाचौथ | करवाचौथ एक व्रत  है आस्था का , प्रेम का विश्वास का | सदियों से स्त्रियाँ विशेषकर भारतीय स्त्रियाँ अपने प्रेम को विभिन्न रूपों में व्यक्त करती हैं | चाहे वो भोजन … Read more

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करवाचौथ और बायना

   जीवन की आपाधापी में, भागते-दौड़ते हुए जीवन को जीने के संघर्ष में अपने ये त्योहार जब आते हैं तो मन को कितनी शांति और संतोष प्रदान करते हैं ये उन्हें मनाने के बाद ही पूर्णरूपेण पता चलता है। त्योहारों को मनाने की तैयारियों में घरों की साफ़-सफ़ाई से लेकर शुरू हुआ ये सिलसिला भैया … Read more

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प्यार का चाँद

करवा चौथ की सभी व्रती महिलाओ के प्यार की एक खूबसूरत कविता—- (प्यार का चाँद) हमने पाया है तुममे अपने प्यार का चाँद, बेशक कल तुम तकोगी छत पे मुझे, मेरे हाथो से पियोगी व्रत का पानी, लेकिन मै नही तकुंगा तेरे सिवा मेरी सजनी, क्योंकि दुनिया तकेगी उसे, मै तो तकुंगा तुम्हें क्योंकि तुम्हि … Read more

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करवाचौथ : एक चिंतन

   हमारा देश एक उत्सवधर्मी देश है। अपने संस्कारों, परम्पराओं, रीति-रिवाजों का संवाहक देश ! पूरे वर्ष कोई न कोई उत्सव, इसलिए पूरे वर्ष खुशियों का जो वातावरण बना रहता है उसमें डूबते-उतराते हुए जीवन के भारी दुःख उत्सवों के द्वारा मिलने वाली छोटी-छोटी खुशियों में बहुत हल्के लगने लगते हैं। यही है हमारे उत्सवों की सार्थकता। … Read more

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करवाचौथ का उपवास

करवाचौथ … क्या ये उपवास लोटा सकता है ? उस विधवा के मांग का सिंदूर जो कुछ दिन पहले सीमा के पास रह रहे उस नवेली दुल्हन की सितारो वाली चुंदङी उङा कर ले गये क्या ये उपवास लोटा सकता है? उस सुहागन का मांग टीका जो बिना किसी कारण शिकार  बना उन दंगो का … Read more

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अटल रहे सुहाग : करवा चौथ : कविता -इंजी .आशा शर्मा

गठबंधन की पावन गाँठों से यूँ खुद को बाँध लिया मन वचनों से और कर्म से तन को मन साध लिया याचक बन कर मात-पिता से सुता दान में माँगी थी तेरे उसी भरोसे पर मैंने वो देहरी लाँघी थी तू सूरज मैं धरा दीवानी अनुगामिनी संग चली हँसी तुम्हारी भोर सुहानी तू रूठे तो … Read more

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अटल रहे सुहाग : (करवाचौथ स्पेशल ) – रोचिका शर्मा की कवितायें

“एक झलक चंदा की “ ए, बदली तुम न बनो चिलमन हो जाने दो दीदार दिख जाने दो एक झलक उस स्वर्णिम सजीले चाँद की दे दूं मैं अरग और माँग लूँ  संग मेरे प्रिय का यूँ तो हर दिन माँग लेती हूँ साथ उनका जन्म-जन्मान्तर तक किंतु आज की रात है अनूठी की है … Read more

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अटल रहे सुहाग : सास -बहू और चलनी : लघुकथा : संजय वर्मा

                        करवाचौथ के दिन पत्नी सज धज के पति का इंतजार कर रही  शाम को घर आएंगे तो  छत पर जाकर चलनी में चाँद /पति  का चेहरा देखूँगी । पत्नी ने गेहूँ की कोठी मे से धीरे से चलनी निकाल कर छत पर रख … Read more

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