भानपुरा की लाड़ली बेटी- मन्नू भंडारी

भानपुरा की लाड़ली बेटी- मन्नू भंडारी

संसार अपनी धुन में लगातार चलते हुए मारक पदचिह्न छोड़ता चलता है। जिस रास्ते को वह तय कर लेता है, उस पर कभी मुड़कर नहीं देखता। न ही किसी चट्टान पर बैठकर ये प्रतीक्षा करता है कि कोई प्रबुद्ध-समृद्ध व्यक्ति आकर उसके पाँव की छाप लेकर धरोहर के रूप में सुरक्षित कर ले। लेकिन इस … Read more

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“वो फ़ोन कॉल” एक पाठकीय टिप्पणी

“वो फ़ोन कॉल” एक पाठकीय टिप्पणी

  कुछ घटनाएँ हमारे जीवन में इस प्रकार घटती हैं कि हमें यह लगने लगता है कि बस ये घटना ना घटी होती तो क्या होता? हमें “संसार” सरल दिखता ज़रूर है लेकिन होता बिल्कुल नहीं; इसलिए अकस्मात जहाँ आकर हमारी सोच थिर जाती है, उसके आगे से संसार अपना रूप दिखाना शुरू करता है। … Read more

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इत्ती-सी खुशी 

इत्ती सी खुशी

रात को जब सब सो जाते हैं तो चाँदनी सबकी आँखों में चाँद पाने का ख्वाब परोस देती है | सुबह उठते ही सब निकल पड़ते हैं अपने हिस्से के के उस चाँद को पाने के लिए | जो चाँद सपनों में आया था उसे पाने में कितनी नींदें खराब करनी पड़ती हैं | कभी … Read more

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कल्पना मनोरमा की कविताएँ

कल्पना मनोरमा

 कल्पना मनोरमा जी एक शिक्षिका हैं और उनकी कविताओं की खास बात यह है कि वो आम जीवन की बात करते हुए कोई न कोई गंभीर शिक्षा भी दे देती हैं | कभी आप उस शिक्षा पर इतराते हैं तो कभी आँसुन भर कर पछताते भी हैं कि पहले ये बात क्यों न समझ पाए … Read more

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बबूल पर गुलाब

बबूल पर गुलाब

क्या बबूल पर गुलाब का रेशमी खुशबूदार फूल उग सकता है | नहीं | पर कहते हैं कि व्यक्ति का स्वाभाव नहीं बदलता …पर जिम्मेदारी कई बार ऐसा कर दिखाती है | ये लघु कथा भी बबूल पर गुलाब उगाने की है |आइये जानते हैं कैसे   बबूल पर गुलाब घर में रामचरित मानस का … Read more

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एक पाती भाई/बहन के नाम ( कल्पना मिश्रा बाजपेयी )

प्रिय भाई !! सदैव खुश रहो !! कुशल से रहते हुए तुम्हारी कुशलता के लिए निरंतर प्रार्थनारत रहती हूँ ,ईश्वर तुम्हें लंबी आयु प्रदान करे तुम हमेशा की तरह मुस्कराते रहो। लंबे अंतराल के बाद आज अटूट-बंधन ने मुझे चिट्ठी लिखने के लिए फिर से मजबूर कर दिया पुराने दिन याद आ गए,जब डाकिये का इंतजार … Read more

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