वो प्यार था या कुछ और था
जो मैं ऐसा जानती कि प्रीत किये दुःख होय , नगर ढिंढोरा पीटती , की प्रीत न करियो कोय प्रेम , यानि हौले से मन के ऊपर दी गयी एक दस्तक और … Read more
जो मैं ऐसा जानती कि प्रीत किये दुःख होय , नगर ढिंढोरा पीटती , की प्रीत न करियो कोय प्रेम , यानि हौले से मन के ऊपर दी गयी एक दस्तक और … Read more
बातें , बातें और बातें …दिन भर हम सब कितना बोलते रहते हैं …पर क्या हम वो बोल पाते हैं हैं जो बोलना चाहते हैं | कई बार बार शब्दों के इन समूहों के बीच में वो दर्द छिपे रहते हैं … Read more
गुटखे की लत वो लत है जिसमें आदमी स्वयं तो अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता ही है पर उसकी गिरफ्त में उसकी निर्दोष पत्नी व् मासूम बच्चे भी आ जाते हैं |एक ऐसी ही कहानी जिसमें एक मासों पत्नी ने पति की “गुटखे … Read more
आज कल आधुनिकता का दौर तेजी से बढ़ रहा है आधुनिक सभ्यता ने इस कदर पाँव पसार लिए हैं कि लगता नहीं है अब युवा वर्ग पीछे की ओर देखेगा ।युवा वर्ग आखिर शादी की जिम्मेदारियों से बच्चों की जिम्गमेदारियों से क्यों भाग रहा है ? आखिर ये समस्या आयी कैसे ? क्या इसके पीछे … Read more
कवितायें वैसे भी भावनाओं के कुसुम ही हैं और जब स्वयं कुसुम जी लिखेंगी तो सहज ही अनुमान लागाया जा सकता है कि उनमें सुगंध कुछ अधिक ही होगी| मैं बात कर रही हूँ कुसुम पालीवाल जी के … Read more
दिनांक ६ /६ /17 को स्त्री देह और बाजारवाद पर एक पोस्ट डाली थी | जिस पर लोगों ने अपने अपने विचार रखे | कई मेल भी इस विषय पर प्राप्त हुए | कल आपने इस विषय पर पुरुषों के प्रतिनिधित्व के विचार पढ़े | आज पढ़िए कुसुम पालीवाल जी के विचार … पहले की … Read more
रिया,,,, ओ,,, रिया,,,,,, बेटा सारा सामान रख लिया न पूजा का, बेटा सब इकट्ठा करो एक जगह ,,,,, थाली में, ,, तुमको जाना है न ,, पार्क में पूजा के वास्ते, ,,,। हाँ , माँ मैने सब कुछ रख लिया, ,, माँ, आप कितनी अच्छी हो,,, सारी चीजों का ध्यान रखती हो,,,,,, ये कहते-कहते रिया … Read more
अरे…दीदी…..तंग करके रखा हुआ है न तो चैन से रहते हैं….. न तो चैन से रहने लायक छोडा है …..सारे समय की चिकचिक ने नाक में दम कर रखा है. …..। अरे ….किसने की तेरी नाक में दम …..किसकी आफत आई …..मैने हंस कर .. … Read more
कहानी—- ” भीखू “ ********** ललिया..ओ..ललिया…….कहाँ मर गये सब …..किसी को चिंता नहीं है मेरी , अरे कहाँ हो तुम सब……..मरा जा रहा हूँ सारा कलेजा जल रहा है….. ,।भीखू की आवाज जैसे ही धनिया ने सुनी….., दौडी-दौडी भीखू के पास आई ….., क्यों चिल्लाबत हो …….., ठौरे ही तो बइठे हतै………ललिया नाही है … Read more