बस कह देना कि आऊँगा- काव्य संग्रह समीक्षा

आज मैं आपसे बात करना चाहूँगी नंदा पाण्डेय जी के काव्य  संग्रह “बस कह देना कि आऊँगा के बारे में | नंदा पाण्डेय जी काफी समय से लेखन में सक्रिय हैं | उनकी कई कवितायें समय-समय पर फेसबुक पर व अन्य पत्र –पत्रिकाओं में पढ़ती रही हूँ | झारखंड में साहित्य के प्रचार –प्रसार में … Read more

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सबंध

रिश्ते टूट जाते पर यादे साथ नहीं छोडती | इतना अंतर अवश्य है जो कभी फूल से सुवास देती है वो विछोह के बाद नागफनी के काँटों सी  गड़ती हैं | टूट कर भी नहीं टूटते ये सबंध  सबंध  तुम्हारा मेरा “संबंध”….माना की भूल जाना चाहिए था,मुझे अब तक……! पर लगता है एक शून्य अब … Read more

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नंदा पाण्डेय की कवितायें

 तुम ही हो ———————————————आज फिर तुम्हारी यादों नेमेरे मन के दरवाजे परदस्तक दी है…….. फिर उदास हो गई ये शाम……क्या कहुँ तुमको…….अजीब असमंजस की सीस्थिति है…….एक तरफ “दिल”मुझे तुम्हारी ओर खींचता है … तोदूसरी तरफ किसी कीनजर में न आ जाऊं का डरक़दमों की बेड़ियां बन  मुझेरोक लेता है…..!!!न तो एक झलकदेख पाने के लोभ … Read more

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