माँ के सपनों की पिटारी
सूती धोती उस पर तेल -हल्दी के दाग , माथे पर पसीना और मन में सबकी चिंता -फ़िक्र | माँ तो व्रत भी कभी अपने लिए नहीं करती | हम ऐसी ही माँ की कल्पना करते हैं , उसका गुणगान करते हैं …पर क्या वो इंसान नहीं होती या माँ का किरदार निभाते -निभाते वो … Read more