दुकानदारी

ए भैया कितने का दिया ? 100 रुपये का | 100 का , ये तो बहुत ज्यादा है लूट मचा रखी है | 50 का लगाओ तो लें | अरे बहनजी ८० की तो खरीद है , क्या २० रुपये भी ना कमायें , सुबह से धूप में खड़े हैं | ठीक है 70 का … Read more

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पालने में पूत के पैर

यूँ तो ये एक कहावत ही है कि पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं , अर्थात नन्हा नाजुक सा बच्चा बड़ा हो कर कैसे स्वाभाव वाला बनेगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है | हम सब अपने जीवन में कभी न कभी ऐसे बच्चों से जरूर रूबरू हुए होंगे जिनकी सफलता के … Read more

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पड़ोसी

घर वालों से दूर , परिवार वालों से दूर जब हम किसी अजनबी शहर में अपना घोंसला बनाते हैं तो हमारी सुख में दुःख में जो व्यक्ति सबसे पहले काम आते हैं वो होते हैं पड़ोसी ….एक अजनबी शहर में एक नया परिवार बनने लगता  है , पड़ोस में शर्मा जी , अजहर चाचा , … Read more

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मेरी दुल्हन

लाली -लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया … नयी नयी दुल्हन का क्रेज ही कुछ ज्यादा होता है | सोचने की बात ये हैं कि जब घर परिवार को इतना होता है तो दुल्हे मियाँ को कितना होता होगा, पर ये लम्बी -लंबी उबाऊ परम्पराएं ..आखिर धीरज रहे भी तो कैसे ? कहानी –मेरी दुल्हन  … Read more

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मीठा अहसास

यूँ तो हमारे हर रिश्ते भावनाओं से जुड़े होते हैं परन्तु संतान के साथ रिश्ते के मीठे अहसास की तुलना किसी और रिश्ते से नहीं की जा सकती | इसी अहसास के कारण तो माता -पिता वो कर जाते हैं अपनी संतान के लिए जिसका अहसास उन्हें खुद नहीं होता | ऐसी ही एक लघु … Read more

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गलती

आलीशान कोठी मे रहने वाले दम्पति की बडी खुशहाल फैमली थी।घर की साजो सामान से उनके रहन सहन का पता चलता था।घर के मालिक की उमर चालीस पैन्तालिस के आसपास थी।गठीले बदन घनी-घनी मूंछे उसके चेहरे का रौब बढा देती।रंग ज्यादा गोरा ना था पर फिर भी जंचता खूब था।अपना जमा जमाया बिजनेस था।घर मे … Read more

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वास्तु दोष

किसी घर में शांति क्यों नहीं रहती … क्या इसका कारण महज वास्तु दोष होता है या उन लोगों के स्वाभाव में कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छे -भले घर को अशांत कर देता है | पढ़िए वास्तु दोष के आधुनिक चलन पर प्रहार करती रीतू गुलाटी जी की सशक्त कहानी …. वास्तु दोष … Read more

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सही इलाज

विवाह के बाद अक्सर कुछ समस्याएं आती हैं , जिन्हें परिवार के लोग अपने अनुभव से सुलझाते हैं | ऐसी ही एक कहानी पढ़िए जहाँ बहु -बेटे की टूटती गृहस्थी को कैसे सही इलाज से बचाया गया  कहानी – सही इलाज  महानगर की भीड-भाड़ से दूर वो नवयुवक एक छोटे से कस्बे मे रहता था।पढ … Read more

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रीतू गुलाटी की पांच कवितायेँ

कविता मन के भाव हैं , कब ये भाव शब्द के रूप में आकर ले कर पन्ने पर उतर जाते हैं कवि भी नहीं जानता | आइये आज ऐसे ही रीतू जी के कविता के रूप में ढलते कुछ भावों में डूब जाए … रीतू गुलाटी की पांच कवितायेँ जीवन का लेखा-जोखा जीवन के इस … Read more

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पेशंन का हक

सरकार की पेंशन योजना बुजुर्गों के स्वाभिमान की रक्षा करती है | लेकिन क्या केवल योजना बना देने से बुजुर्गों की समस्याएं दूर हो सकती हैं | क्या ये जरूरी नहीं कि सरकार ये भी सुनिश्चित करे कि अपनी पेंशन निकलने में में उन्हें कोई दिक्कत न हो | पेशंन का हक उस दिन पेशन … Read more

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