द कश्मीर फाइल्स-फिल्म समीक्षा

द कश्मीर फाइल्स-फिल्म समीक्षा

  लगभग दो साल से लोग घरों में कैद रहें और सिनेमा हाल बंद प्राय रहें, फिर एक हिन्दी मूवी रिलीज होती है “द कश्मीर फाइल्स”। इसने रिलीज के साथ ही पहले ही शो से टिकट खिड़की पर आग लगा दी। कम बजट की इस फिल्म पर वितरकों को जरा भी विश्वास नहीं था तभी … Read more

Share on Social Media

हमसाया

हमसाया

अंधेरी रात, सुनसान सड़क और एक अकेली लड़की .. ये पंक्तियाँ पढ़ते ही जब मन में एक भय तारी हो जाता है तो क्या बीतती होगी उस लड़की पर जो वास्तव में इन परिस्थितियों से गुजर रही हो ? क्या होता होगा जब ऐसे में कोई हमसाया बन उसका पीछा कर रहा हो | धड़कते … Read more

Share on Social Media

आजादी से निखरती बेटियाँ  

  कुछ दिन पहले एक मौल में शौपिंग कर रही थी कि पांच वर्ष से नौ दस वर्ष की तीन बहनों को देखा जो अपने पिता के पीछे पीछे चल रहीं थी. रैक पर सजे सामानों को छूती और ललचाई निगाहों से पिता की ओर देखती और झट से उसे छोड़ दूसरे चीजों को निहारने … Read more

Share on Social Media

इश्क के रंग हज़ार -उलझते सुलझते रिश्तों पर सशक्त कहानियाँ

जीवन में खुश रहने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं  ( रोटी कपड़ा और मकान ) के बाद हमारे जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी  क्या है ? उत्तर है रिश्ते |  आज जब हर इंसान पैसे और सफलता के पीछे भाग रहा है तो ख़ुशी के ऊपर किये गए एक अमेरिकन सर्वे की रिपोर्ट  चौकाने वाली थी … Read more

Share on Social Media

मेरा शहर साफ़ हो इसमें सबका हाथ हो

मेरी एक रिश्तेदार की बीच शहर में ही बड़ी सी कोठी है. दिवाली के कोई दो दिनों के बाद मैं उनके घर मिलने गयी हुई थी. मैंने देखा कि एक सफाई कर्मी उनके घर काम कर रहा था. पहले तो उसने सारे शौचालयों की सफाई किया फिर उनके घर की नालियों की. जब वह बाथरूम … Read more

Share on Social Media

गीली मिटटी के कुम्भकार

मेरी सहेली रागिनी मेरे घर आई हुई थी. अभी कुछ ही देर हुए होंगे कि मेरी बेटी का फोन आ गया, मैं रागिनी को चाय पीने का इशारा कर बेटी के साथ तन्मयता से बातें करने लगी. हर दिन कि ही तरह बेटी ने अपने दफ्त्तर की बातें, दोस्तों की बातें बताते, घर जा कर … Read more

Share on Social Media