कलर ऑफ लव – प्रेम की अनूठी दास्तान

कलर ऑफ लव

  प्रेम जो किसी पत्थर हृदय को पानी में बदल सकता है, तपती रेत में फूल खिला सकता है, आसमान से तारे तोड़ के ला सकता है तो क्या किसी मासूम बच्चे में उसकी उच्चतम संभावनाओं को विकसित नहीं कर सकता | क्या माँ और बच्चे का प्रेम जो संसार का सबसे शुद्ध, पवित्र, निश्चल … Read more

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पुस्तक समीक्षा -शंख पर असंख्य क्रंदन

संख पर असंख्य क्रंदन

    जो देश और काल को परिभाषित कर दे, उसकी समस्याओं, तकलीफों, बेचैनियों को शब्द दे दे, दुःख सुख, युद्ध शांति, संयोग वियोग, मानवता नृशंसता को व्याख्यायित कर दे, जीवन को आधार प्रदान करे, श्वास लेने के लिए मुफीद जगह उपलब्ध करवा दे, वही कविता है. कविता का संसार अत्यंत व्यापक है जिसका कोई … Read more

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स्लीप मोड

वंदना गुप्ता

“आज कल मुझे कुछ याद नहीं रहता” कितनी बार हम खुद ये शब्द कहते हैं और कितनी बार अपनों के मुँह से सुनते हैं | पर क्या एक कदम ठहर कर सोचते हैं कि ऐसा क्यों होता है ? क्या हम रोगी के साथ उस तरह से जुड़ पाते हैं जिस तरह से जुड़ना चाहिए … Read more

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शिकन के शहर में शरारत- खाप पंचायण के खिलाफ़ बिगुल

 वंदना गुप्ता जी उन लेखिकाओं में से हैं जो निरंतर लेखन कार्य में रत हैं | उनकी अभी तक १२ किताबें आ चुकी हैं  और वो अगली किताबों पर काम करना शुरू कर चुकी हैं | इसमें सात कविता की भी पुस्तकें हैं और एक कहानी संग्रह, दो उपन्यास और समीक्षा की दो किताबें | … Read more

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ब्याह :कहानी -वंदना गुप्ता

ब्याह   नैन नक्श तो बडे कंटीले हैं साफ़ सुथरे दिल को चीरने वाले गर जुबान पर भी नियन्त्रण होता तो क्या जरूरत थी फिर से सेज चढने की । हाय हाय ! जीजी ये क्या कह दिया ? जो कह रही हो सोचा कभी तुम भी वो ही कर रही हो वो ही जुबान … Read more

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आधी आबादी :कितनी कैद कितनी आज़ाद (वंदना गुप्ता )

कोई युग हो या कोई काल स्त्री के बिना संभव ही नहीं जीवन और संसार , जानते हुए इस अटूट सत्य को जाने क्यों कोशिशों की पुआल पर बैठ वो जारी करते हैं तालिबानी फतवे ……….ये एक ऐसा प्रश्न तो अनादिकाल से चला आ रहा है और जाने कब तक चलता रहेगा क्योंकि अभी तक … Read more

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“एक दिन पिता के नाम ” —-वो २२ दिन ( संस्मरण -वंदना गुप्ता )

                                          “एक  दिन  पिता के नाम  “ आपकी ज़िन्दगी  आपकी साँसें  जब तक रहेंगी  तब तक  हर दिन पिता को समर्पित होगा  वो हैं तो तुम हो  उनके होने से ही  तुम अस्तित्व में आये  … Read more

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