उत्साह सबसे बड़ी शक्ति और आलस्य सबसे बड़ी कमजोरी है

– प्रदीप कुमार सिंह, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक (1)        आलस्य से हम सभी परिचित हैं। काम करने का मन न होना, समय यों ही गुजार देना, आवश्यकता से अधिक सोना आदि को हम आलस्य की संज्ञा देते हैं और यह भी जानते हैं कि आलस्य से हमारा बहुत नुकसान होता है। फिर भी आलस्य से … Read more

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“अवसर” खोजें,पहचाने और लाभ उठायें

लेखक :- पंकज “प्रखर” कोटा , राज. अवसर का लाभ उठाना एक कला है एक ऐसा व्यक्ति जो जीवन में बहुत मेहनत करता है लेकिन उसे अपने परिश्रम का शत-प्रतिशत लाभ नही मिल पाता और एक व्यक्ति ऐसा जो कम मेहनत में ज्यादा सफलता प्राप्त कर लेता है  इन दोनों व्यक्तियों में अंतर केवल अवसर … Read more

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संकल्प शक्ति – आदमी सोच तो ले उसका इरादा क्या है?

 प्रदीप कुमार सिंह, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक             वाराणसी आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने दो साल की मेहनत के बाद ‘इन्फर्नो’ नाम की कार बनाई है। छात्रों का दावा है कि यह कार पानी, पहाड़, कीचड़, ऊबड़-खाबड़ जैसे हर तरह के रास्तों पर चलने में सक्षम है। तीन लाख रूपये की लागत से तैयार इस … Read more

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ऊर्जावर्धक होती है सकारात्मक और सार्थक सोच

हमारे जीवन की वर्तमान दशा और दिशा ही हमारा भविष्य तय करती हैं. इंसान सोचता मन से है और करता अपने तन से है  यानी जीवन की सरिता तन और मन जैसे दो किनारों के बीच बहती रहती है.मन के अंदर के विचार ही बाह्य जगत में नवीन आकार ग्रहण करते हैं। जो कल्पना चित्र … Read more

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प्रत्येक क्षण में बहुत कुछ नया है!

– प्रदीप कुमार सिंह ‘पाल’, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक             यदि हमारे अंदर पुराने का आग्रह है तो जीवन में सब पुराना हो जाएगा। जीवन मंे यदि हम पुराने का आग्रह छोड़ दें तो इस नये वर्ष 2017 का प्रत्येक दिन नया दिन तथा प्रत्येक क्षण नया क्षण होगा। कोई व्यक्ति जो निरंतर नए में … Read more

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जरूरी है मन का अँधेरा दूर होना

भारतीय संस्कृति में अक्टूबर नवम्बर माह का विशेष महत्त्व है,क्योंकि यह महीना प्रकाशपर्व दीपावली लेकर आता है.दीपावली अँधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है भौतिक रूप से दीपावली हर साल सिर्फ एक साँझ की रौशनी लेकर आती है और साल भर के लिए चली जाती है,किन्तु प्रतीकात्मक रूप से उसका सन्देश चिरकालिक है.प्रतिवर्ष दीपपर्व … Read more

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विचार मनुष्य की संपत्ति हैं

“जिस हृदय में विवेक का, विचार का दीपक जलता है वह हृदय मंदिर तुल्य है।” विचार शून्य व्यक्ति, उचित अनुचित, हित-अहित का निर्णय नहीं कर सकता। विचारांध को स्वयं बांह्माड भी सुखी नहीं कर सकते। मानव जीवन ही ऐसा जीवन है, जिसमें विचार करने की क्षमता है, विचार मनुष्य की संपत्ति है। विचार का अर्थ … Read more

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जरूरी है मनुष्य के भीतर बेचैनी पैदा होना

कुछ नया जानने , कुछ अनोखा रचने की बेचैनी ही वजह से ही विज्ञानं का अस्तित्व है |कब आकाश  पर निकले तारों को देख कर मनुष्य को बेचैनी हुई होगी की जाने क्या है क्षितिज के पार | तभी जन्म लिया ज्योतिष व खगोल शास्त्र ने | और खोल के रख दिए ग्रहों उपग्रहों के … Read more

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सकारात्मक चिंतन और व्यक्तित्व विकास एक ही सिक्के के दो पहलू

सकारात्मक चिंतन और व्यक्तित्व विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं | जो एक साथ आतें हैं |दरसल जब लोग पर्सनाल्टी शब्द का प्रयोग करतें है तो वह इसे शारीरिक आकर्षण या सुन्दर व्यक्तित्व के रूप में लेते हैं | पर यह पर्सनालिटी का बहुत संकुचित रूप हुआ | वास्तव में पर्सनॅलिटी सिर्फ़ शारीरिक … Read more

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फीलिंग लॉस्ट : जब लगे सब खत्म हो गया है

आज मैं लिखने जा रही हूँ उन तमाम निराश हताश लोगों के बारे में जो जीवन में किसी मोड़ पर चलते – चलते अचानक से रुक गए हैं | जिन्हें गंभीर अकेलेपन ने घेर लिया है और जिन्हें लगता है की जिंदगी यहीं पर खत्म हो गयी है |सारे सपने , सारे रिश्ते , सारी … Read more

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