सेल्फ हीलिंग की जरूरत

हम सब ने सुदर्शन जी की कहानी ”हार की जीत’ पढ़ी है | कैसे बाबा भारती  का घोडा डाकू खड़गसिंह अपाहिज होने का नाटक कर के हासिल कर लेता है | इस पर बाबा भारती उससे कहते हैं कि , “तुम ये घोडा ले लो, पर एक प्रार्थना है कि लोगों को इस घटना के बारे में मत बताना , नहीं तो लोग दीं दुखियों पर विश्वास नहीं करेंगे | बाबा भारती की प्रार्थना का डाकू खड़गसिंह पर क्या असर हुआ ये तो कहानी का हिस्सा है | परन्तु जरा अपनी कहानी पर गौर करिए … हमें कितनी बार धोखा मिलता है }| कितनी बार लोग हमारा फायदा उठाते हैं | कितनी बार कोई हमारा हमदर्द बन कर आता है पर जिन्दगी का सबसे भयानक घाव देकर चला जाता है |                                                                क्या हम इस चोट से उबार पाते हैं | हो सकता है बाहर से उबार पाते हों पर चोट अंदर अवचेतन में धँस जाती है | इसके बाद हमारा पूरा व्यव्हार इसी पर आश्रित हो जाता है | कोई हमारी मदद करने आता है …हम उसे शक की नज़र से देखते हैं | किसी के मीठे शब्दों में हमें गंभीर योजना छिपी नज़र आती है | किसी के स्नेह में स्वार्थ नज़र आता है | कितने अच्छे रिश्ते हमारे जीवन में आ सकते हैं पर हम उन्हें इस लिए खो देते हैं क्योंकि हम अवचेतन में उस घाव से नहीं निकल पाते हैं जो किसी ने हमारा भरोसा तोड़ कर दिया था | जिन्दगी बहुत खूबसूरत है | यहाँ अच्छे और बुरे लोग , दोनों तरह के लोग हैं | यकीन मानिए अच्छे ज्यादा हैं …तभी तो दुनिया चल रही है वर्ना बुरे लोगों ने कब का खत्म कर दिया होता | बहुत बार धोखा खाने के बावजूद अभी बहुत से अच्छे लोगों के मिलने की उम्मीद है पर हम अपने घावों को धोते हुए उस उम्मीद को कम करते चलते हैं | हीलिंग … चाहें वो self healing हो या काउंसेलर की मादा से बहुत जरूरी है | ताकि पूराने घाव रिसना बंद हो सके , ठीक हो सके और फिर जब कोई हमारी जिंदगी में आसा , प्रेम या मदद ले कर आये तो हम उस पर विश्वास कर सकें | #self_healing यह भी पढ़ें … हर बात पर असहमति यात्रा पर विश्वास एक कदम पीछे अपने ऊपर काम करिए आपको self healing quote “सेल्फ हीलिंग की जरूरत    “ कैसा लगा  | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |  keywords; self healing, work on your self, self healing quote

अपने ऊपर काम करिए

हर माता पिता अपने बच्चे को प्यार करते हैं …बहुत प्यार और बच्चों की नज़रों में वो निर्दोष होते हैं पर माता –पिता भी इसी समाज का हिस्सा है …उन्होंने भी अपने बचपन में अपने हिस्से का सही गलत झेला होगा, सामाजिक दवाब ने उनके भी व्यहार को प्रभावित किया होगा | हो सकता है उन्हें ना पता हो कि उन्हें अपने ऊपर काम करना बाकी है | वो अपने बचपन का दुष्परिणाम झेल रहे हैं पर क्या हम भी झेलते रहेंगे या हमें अपने पर काम करके खुद को इस लायक बनाना चाहिए कि हमारा बचपन जीवित रहे पर बचपना नहीं और आगे ये ट्रेट हम कम से कम पहुंचाएं | देखिये ये कैसे होता है … बच्चे का चेतन मन प्यार समझता है पर अवचेतन में विपरीत व्यवहार दबता जाता है | एक बच्चे के माता –पिता उसके साथ मारपीट भी करते हैं पर उसे बहुत उपहार भी ला कर देते हैं | उपहार को बच्चा प्यार समझ कर ले लेता है पर मारपीट उसके अवचेतन में दबती जाती है | एक बच्चे के माता –पिता उससे प्यार भी करते हैं पर सफलता के लिए उस पर दवाब भी बनाते हैं बच्चा प्यार और दवाब उसके अवचेतन में चला जाता है |यानि वो सफल नहीं होगा तो कोई उसे प्यार नहीं करेगा |  एक माता –पिता जो प्यार के साथ बहुत सारी  रोक लगाते हैं| मसलन यहाँ नहीं जाना, ये नहीं करना, हमारे घर में सब इंजिनीयर ही हुए हैं आर्टिस्ट नहीं ….बच्चा प्यार अपना लेता है | रोक अवचेतन में चली जाती है |                         एक बच्चा माता –पिता का अच्छा भाव ले लेता है और बुरा  अवचेतन में दबा देता है| बच्चा अपने माता -पिता को सर्वश्रेष्ठ समझता है | वो ये नहीं समझ पाता कि उनका भी अभी अपने ऊपर काम बाकी है | बड़े होते ही दबाया हुआ “बुरा व्यवहार या गलत व्यवहार” परेशानियाँ उत्पन्न करने लगता है और ये मांग करने लगता है कि इस पर काम किया जाए | एक बच्चा जिसने दवाब भोगा  है वो रिश्तों में दवाब बनाता है | जब ऐसा नहीं होता तो  …वो एक रिश्ते से दूसरे रिश्ते की ओर भागता रहता है | एक बच्चा जिसे यह अहसास कराया गया है कि वो अच्छा नहीं है वो हर किसी से स्वीकृति चाहता है | चाहे उसके लिए उसे लोगों की गलत बात में हाँ में हाँ ही क्यों न लगानी पड़े |ऐसे लोग जिन्हें हम ‘यस मैंन’  कहते हैं | जिस पर रोके लगायी गयी है वो बहुत सारी चीजों से डरता है |भय उसका स्थायी स्वाभाव बन जाता है |  अपने ऊपर काम करने के लिए जरूरी है कि जब भी ये conflict हो | यानि कि स्वीकृति चाहिए , भय से पीछा छुडाना है या फिर हीनता बोध से ….ये आपको आपके पति या पत्नी से नहीं मिलेगा | ये खुद से मिलेगा | बाहर सारी दौड़ बेकार होगी | ये आपके दिमाग के ही एक हिस्से में है , जिसने आपको अस्वीकार किया है | उसे अहसास दिलाना है …सब ठीक है | ठीक है अगर मैं काली काली मोती नाटी भद्दी हूँ | ( आप और भी विशेषण जोड़ सकते हैं ) ठीक है अगर मैं उस परिभाषा में सफल नहीं हूँ  ठीक है …मैं हर वो काम कर सकती हूँ जिसको करने के लिए मुझे रोका गया |  अपने ऊपर काम करिए …आगे बढिए  #self_healing यह भी पढ़ें … हर बात पर असहमति यात्रा पर विश्वास एक कदम पीछे आपको self healing quote “अपने ऊपर काम करिए   “ कैसा लगा  | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |  keywords; self healing, work on your self, self healing quote

एक कदम पीछे

जीवन स्वयं आगे बढ़ता है | पर हम उससे भी आगे बढ़ने की होड़ लगा लेते हैं | इतनी तेज दौड़ते हुए भी लगता है जैसे कुछ फँस गया है , कोई फांस है जो पैर में चुभ रही है, कहीं कुछ अटक गया है और सबसे महत्वपूर्ण अगर यात्रा अधूरी या तनाव ग्रस्त ही लग रही हो तो एक कदम पीछे हटना भी उतना ही जरूरी होता है | ये कदम पीछे हटना अपने लिए होता है | जहाँ हम आगे भागती हुई जिन्दगी से थोड़ा सा पीछे हट कर सोचते हैं कि ऐसा क्या है जो हमारी मदद नहीं कर रहा है, या अवरोध उत्त्पन्न कर रहा है | ये एक रिश्ता हो सकता है जो ख़ुशी के स्थान पर सिर्फ तकलीफ दे रहा होता है |ये कोई व्यवहारिक पैटर्न हो सकता है जो बार बार निराशा की ओर या असफलता ( मानसिक स्तर पर ही सही ) की ओर धकेल रहा हो |या फिर कोई ऐसा सत्य हो सकता है जिसे मन स्वीकार नहीं करना चाहता | कई बार मन परछाई को पकड़ना चाहता है, जो संभव नहीं | झूठे दिलासे खुद को देने के स्थान पर बेहतर है सच को स्वीकार कर आगे बढ़ा जाए |जो भी हो ठहर कर अपने प्रति ईमानदार होकर उस कारण को खोज निकालना है और हिम्मत के साथ उसे छोड़ देना है |तो आगे की यात्रा के लिए एक कदम पीछे हटिये | ये एक तोहफा है जो आप खुद को देंगे | याद रखिये अपने लिए ये काम सिर्फ आप ही कर सकते हैं …#self_healing यह भी पढ़ें … हर बात पर असहमति यात्रा पर विश्वास आपको self healing quote “एक कदम पीछे  “ कैसा लगा  | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |  keywords; self healing, one step back, journey of life

यात्रा पर विश्वास

ये देखना कितना सुखद है कि हम उन चीजों से आगे बढ़ गए जिन के बारे में कभी हम सोचते थे की हम उनके  बिना जी ही नहीं पायेंगे | फिर अचानक से हम उन चीजों से अचानक से गहराई से जुड़ गए जिनके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हम उन्हें अपने जीवन में चाहते भी हैं | जीवन हमारे ऊपर यात्राएं आरोपित करता है, जिन्हें हम कभी नहीं करते अगर जीवन बिलकुल हमारी इच्छा से ही चल रहा होता |   डरें नहीं  आस्था रखें  पाठ सीखें  यात्रा पर विश्वास करें …. 

स्वामी विवेकानंद के 21 अनमोल विचार

दा इंडियन वायर से साभार स्वामी विवेक्कानंद  जन्म -१२ जनवरी १८६३ , कोलकाता (पश्चिमी बंगाल ) मृत्यु -४ जुलाई १९०२ बेलूर मठ  स्वामी विवेकानंद जी ने  यूरोप व् अमेरिका में वेदांत दर्शन का प्रचार प्रसार किया | उनका शिकागो में दिया गया भाषण विश्व प्रसिद्द है | जीवन भर वो कुरीतियों का विरोध व् समाज सुधार के काम करते रहे | अपने गुरु स्वामी राम कृष्ण परमहंस के नाम से उन्होंने राम कृष्ण मिशन की स्थापना की जो निरंतर सामाजिक कार्यों में अपना योगदान दे रही है |  स्वामी विवेकानंद के 21 अनमोल विचार  1-उठो , जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए | 2-खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है | 3-बाहरी स्वाभाव केवल अंदरूनी स्वाभाव का बड़ा रूप है | 4-विश्व एक विशाल व्यायामशाला है, जहाँ हम खुद को मजबूर करने के लिए आते हैं | सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वाभाव  के प्रति सच्चे होना …खुद पर विश्वास करो  5-एक समय में एक काम करो , और उसे करते हुए अपनी पूरी आत्मा उस में डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ | 6-जब तक जीना तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है | 7-जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते आप भगवान् पर विश्वास नहीं कर सकते | 8-चिंतन करो , चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो | 9-हम वो हैं जो हमें , हमारी सोच ने बनाया है , इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं | शब्द गौढ़ हैं | विचार दूर तक यात्रा करते हैं | 10-हम जो बोते हैं वही काटते हैं , हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता है | लगातार पवित्र विचार करते रहो , बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र यही उपाय है |  11-यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता , तो मुझे विश्वास है बुराइयों का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता |  12-जब लोग तुम्हें गाली दें तब तुम उन्हें आशीर्वाद दो और सोचो कि तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालने में वो कितनी सहायता कर रहे हैं | 13-सत्य को हजारों तरीकों से बताया जा सकता है , फिर भी हर एक सत्य ही होगा | 14-ब्रह्माण्ड की साड़ी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं | हमीं हैं जो आँखों पर हाथ रख लेते हैं और रोते हैं कि देखों कितना अंधकार है | 15-अन्धविश्वास बुरा है, लेकिन धर्मान्धता उससे भी बुरी है | जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते  16-जिस दिन आपके सामने कोई समस्या ना आये, समझ लेना आप गलत रास्ते पर हैं | 17-कुछ खोने से ज्यादा बुरा वो उम्मीद खोना है जिस के भरोसे हम सब कुछ दोबारा पा सकते हैं | 18-संघर्ष करना जितना कठिन होगा , जीत उतनी ही शानदार होगी | 19-विश्व में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नहीं हो पाता वो भयभीत हो जाते हैं | 20-यदि स्वयं में बहुत सी कमियाँ होने के बावजूद मैं स्वयं से प्रेम कर सकता हूँ तो दूसरों में थोड़ी  सी कमियाँ होने के कारण उनसे क्यों नहीं | 21-जिस समय जिस काम की प्रतिज्ञा करो , उसे उसी समय पर करना चाहिए , वर्ना लोगों का विश्वास उठ जाता है |  संभव की सीमा को जानने का एक ही तरीका है असंभव से आगे निकल जाना |  अटूट बंधन  लुईस हे के अनमोल विचार ओपरा विनफ्रे के 21 सर्वश्रेष्ठ विचार माया एंजिलो के 21 अनमोल विचार डॉ .ए पी जे अब्दुल कलाम के 31 अनमोल विचार सफलता पर बिल गेट्स के 21 सर्वश्रेष्ठ विचार  जीवन सूत्र पर २१ अनमोल विचार आपको   लेख “स्वामी विवेकानंद के 21 अनमोल विचार  “ कैसा लगा  | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा  फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट  पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें |    filed under- motivational quotes, positive thinking, life rules, swami vivekananda

Father of motivation-वेन डायर के 51 जीवन मंत्र

                                                        फोटो – विकीपीडिया से साभार वेन डायर  आत्मविकास और आध्यात्म के प्रसिद्द लेखक व् वक्ता रहे हैं | उन्होंने करीब ४० किताबें लिखीं ,जिनमें से कई बेस्ट सेलर रहीं |उन्होंने कई ऑडियो -वीडियो प्रोग्राम भी चलाये | उनकी कुछ  प्रसिद्द किताबें हैं … Manifest your destiny Wisdom of the Ages There is a spiritual solution to every problem 10  Secrets of success and inner peace The power of intention , inspiration Change your thought’s -change your life Excuses Begone ! Wishes Fulfilled I can see clearly now प्रस्तुत हैं उनके कुछ जीवन मंत्र …. Father of motivation-वेन डायर के 51 जीवन मंत्र  1)जो पाना है उसके लिए अभी जाओ …. भविष्य ने कभी किसी से कोई वादा नहीं किया है | 2)किसी की आलोचना करना आसान है लेकिन कुछ करना मेहनत , खतरा और परिवर्तन मांगता है | 3)जीवन में आपकी स्थिति आपकी मानसिक स्थिति के प्रतिबिम्ब के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है | 4..आप जीवन में कभी भी अकेलापन महसूस नहीं करेंगे , अगर आप उस व्यक्ति को पसंद करते हैं जिसके साथ आप अकेले हैं | 5..टालमटोल वो सबसे खतरनाक बिमारी है जो ख़ुशी और सफलता की मृत्यु दर को बढाती है | 6..आपकी प्रतिष्ठा दूसरों के हाथ में है , आप उसे किसी तरह से कंट्रोल नहीं कर सकते आप जोचीज  कंट्रोल  कर सकते हैं वो है आपका चरित्र | 7..वो हर चीज जिसके आप विपक्ष में हैं आप को कमजोर करती है , वो हर चीज जिसके आप पक्ष में हैं आपको शक्तिशाली बनाती है | 8..रिश्तों में समस्याओं की सबसे बड़ी वजह ये है कि हर व्यक्ति का ध्यान (फोकस ) इस बात पर है  कि अगले व्यक्ति में क्या कमी है | 9..आपके दोस्त आपके परिवार के लिए ईश्वर  द्वारा मांगी गयी क्षमा है | 10…जूनून  एक भावना है जो आपको बताती है कि ये करना आपके लिए सही है, और कोई इस रास्ते में मुझे नहीं रोक सकता | तब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कोई क्या कहता है …ये भावना इतनी अच्छी व्हो शक्तिशाली होती है , जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता | आप कह उठते हैं कि मैं इश्वर द्वारा अपने को दिए गए आशीर्वाद के पथ पर चलने जा रहा हूँ …और ख़ुशी की इस आनन्ददायक लहर के अनुसार ही काम करूंगा |” 11..किसी भी रिश्ते में जब दो लोग एक हो जाते हैं तो उसका अंतिम परिणाम एक ही होता है ….दो अधूरे लोग | 12…हर बुरी आदत को एक विचार के साथ छोड़ा जा सकता है ….” मैं अपनी जिन्दगी में इस बात की जरूरत को मुक्त करता /करती हूँ |” 13…जब आप किसी संतरे को निचोड़ते हैं तो उसमें संतरे का रस निकलता है , क्योंकि वही उसके अंदर हैं | विपरीत परिस्थितियों द्वारा निचोड़े जाने  से  आपके अंदर से वही निकलेगा जो आपके अंदर है | 14…परिस्थितियाँ किसी व्यक्ति को नहीं बनाती हैं वो केवल उसके असली  स्वरुप को खोल कर रख देती हैं 15…आप जिस काम को बहुत प्यार करते हैं और उससे जीविका कमाना चाहते हैं वहां अवसरों की कोई कमी नहीं है …अवसरों की कमी केवल आपके ‘इसे करना ही है ‘के  संकल्प में है | 16…जब आप नृत्य करते हैं तो आपका उद्देश्य ये नहीं होता कि आपको ‘डांसिंग फ्लोर ‘पर एक खास जगह चाहिए , आप केवल अपने हर कदम का आनंद लेना चाहते हैं | यही बात जीवन में भी लागू होनी चाहिए | 17…सबसे बड़ी अज्ञानता या है कि आप उन चीजों को अस्वीकार कर देते हैं जिनके बारे में आपको कुछ भी पता नहीं | 18…मैं उन सब का शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने मुझे ‘ना ‘कहा | केवल उन्हीं के कारण ये सब कुछ मैंने खुद किया | 19…अगर हम कुरूपता पर ज्यादा ध्यान फॉक्स करेंगे तो हमारे विचारों में कुरूपता बढ़ जायेगी , फिर हमारी भावनाओं में कुरूपता बढ़ जायेगी और अन्तत : हमारे जीवन में कुरूपता बढ़ जायेगी | 20…सबसे बड़ी जेल जिसमें लोग कैद रहते हैं वो ये है कि दूसरे व्यक्ति हमारे बारे में क्या सोच रहे हैं | 21…कर्तव्य पर आधारित रिश्तों में गौरव का अभाव होता है | 22…आप वो आकर्षित नहीं करते जो आप चाहते हैं , आप वो आकर्षित करते हैं जो आप हैं | 23…निर्णय या धारणा  बनाना हमें उस  खूबसूरती को देखने से रोकता है जो बाहरी दिखावे के अंदर छुपी होती हैं | 24…हर प्रकार का दोषारोपण केवल समय की बर्बादी है | इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप दूसरे के अंदर कितनी कमियाँ ढूंढ लेते हैं , और किसी सीमा की परवाह किये बिना आप उनपर कितना ज्यादा   से ज्यादा दोष लगाते हैं …इससे आप की जिन्दगी में कोई परिवर्तन नहीं होता | इस बात से केवल आप का ध्यान (फोकस )  अपने आप पर होने के स्थान पर उन बाहरी कारणों पर हो जाता है जिसकी वजह से आप दुखी व् कुंठित हैं | हो सकता है दूसरे के ऊपर इल्जाम लगा कर उसमें अपराधबोध पैदा करने में आपको सफलता मिल जाए पर आप उसको बदलने में सफल नहीं होंगे जो आपके बारे में है,  जो आप को दुखी कर रहा है | 25…मैं यथार्थ वादी हूँ ,…. मैं चमत्कारों की उम्मीद करता हूँ | 26…लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं ये उनके कर्म हैं और आप उस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं ये आपके | 27…हर परिस्थिति या तो विकास करने का एक अवसर है या विकास के मार्ग में एक अवरोध है …ये चुनाव आपको ही करना है | 28…आप हमेशा उन परिस्थितियों को नहीं बदल सकते जो बाहर हैं , लेकिन आप हमेशा उन परिस्थितियों को बदल सकते हैं जो आपके मन के अंदर चल रहीं हैं | 29….जब आप किसी दूसरे के बारे में अपनी राय व्यक्त करते हैं तो आप उनको परिभाषित नहीं करते , खुद को परिभाषित करते हैं | 30…आप जहाँ पर हैं वहां पर फंसे हुए तब तक नहीं हैं , जब तक आप इस बात को निर्णयात्मक रूप से स्वीकार नहीं कर … Read more

लुईस हे के 21 अनमोल विचार

www.louisehay.com से साभार  लुइस हे एक अमेरिकन मोटिवेशनल ऑथर और हे हाउस की संस्थापक थी | उनका जन्म 8 अक्टूबर १९२६ में हुआ था और मृत्यु अगस्त ३० २०१७ में ,उन्होंने कई नए क्रांतिकारी विचारों वाली self help books लिखीं | जो जीवन में बदलाव कर शांति और सफलता बढ़ने में सहायक है | १९८६ में उनके द्वारा लिखी गयी किताब “you can heal your life’बहुत प्रसिद्द हुई | उनका अपना खुद का जीवन बहुत से दुखों से भराहुआ था | उनका जन्म Los Angeles में हुआ था | उनकी माँ बहुत गरीब थीं जिन्होंने एक व्यक्ति से दूसरी शादी तब की जब वो बहुत छोटी थीं  थी | उनका सौतेला पिता उन्हें व् उनकी माँ को बहुत मारता -पीटता था | पांच वर्ष की आयु में उनके पड़ोसी ने उनका बालात्कार किया | आगे उन्हें हाई स्कूल से ड्राप लेना पड़ा क्योंकि वो गर्भवती  थीं | १६ वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी नन्ही बच्ची को गोद देने के लिए दे दिया | और शिकागो चली आयीं जहाँ वो बहुत कम तनख्वाह वाले काम करती थीं | १९५० में वो न्यू यॉर्क चली गयीं और मॉडलिंग करने लगीं | १९५६ में उन्होंने एक अंग्रेज व्यापारी एंड्रू हे से विवाह किया | १४साल के वैवाहिक जीवन के बादक अन्य स्त्री के कारण उन्होंने इन्हें छोड़ दिया | उस समय लुईस बिलकुल टूट गयीं | तब उन्होंने जीवन बदलने वाले विचारों की पुस्तके पढ़ना शुरू किया | उन्होंने उसी समय माहिर्शी महेश योगी को भी पढ़ा व् जाना कि सकारात्मक विचारों से शरीर के घाव भी भरे जा सकते हैं | उन्ही दिनों  उन्हें  सर्वाइकल कैंसर  हुआ | उन्हें लगा ये उस क्रोध को दबाये रखने के कारण है जो उन्होंने बचपन में पिता के अत्याचार और बलात्कार के प्रति दबाये रखा | उन्होंने  उस समय मेडिकल ट्रीटमेंट के स्थान पर भोजन शैली , रिलैक्स होने की थेरेपी और क्षमा व् आत्मुत्थान पर जोर दिया | वह ना सिर्फ कैंसर मुक्त हुई बल्कि उनके शरीर ने बहुत उर्जा महसूस की | उसी के बाद उन्होंने पहली किताब ‘Heal your body ‘ लिखी |  लिसे बाद में विस्तृत करके ‘You can heal your life ‘के रूप में १९८४ में प्रकाशित किया गया | ये किताब उस समय की बेस्टसेलर बनी | जिसका ३० भाषाओँ में अनुवाद हुआ और उसपर फिल्म भी बनी | आज भी ये किताब 50 क्लासिक सेल्फ हेल्प बुक्स के अंतर्गत आती है | इसकी ४० मिलियन सभी ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं | उसी साल उन्होंने HIV /AIDS से ग्रस्त लोगों के सपोर्ट ग्रुप्स में काम करना शुरू किया | जिसे उन्होंने हे राइड्स का नाम दिया | इस ग्रुप के प्रति उनके समर्पण व् निष्ठां से उन्हें बहुत ख्याति मिली व् उन्हें ओप्रह विनफ्रे के शो व् अन्य प्रसिद्द कार्यक्रमों  में बुलाया जाने लगा | २००८ में उन पर बनी फिल्म उनकी निजी जिंदगी पर आधारित है | वो बताती हैं कि उन्होंने इसमें कुछ नहीं छुपाया है , उन्होंने अपनी यात्रा अपने वैचारिक सिद्धांतों के बारेमें बताया है जो जीवन बदल सकते हैं और उनसे उन्होंने खुद का जीवन भी बदला है | उनकी प्रमुख किताबें हैं … Heal your body You can heal your life The AIDS book The garden of thoughts Life loves you Loving yourself to great health Living perfect love                                     आइये लुईस हे के जीवन में परिवर्तन लाने वाले 21 प्रमुख विचारों को जाने … जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाले लुईस हे के 21 अनमोल विचार  1) तुम अपने अंतर्मन में बहुत समय से अपनी आलोचना कर रहे हो ,  ये तुम्हारे किसी काम नहीं आई | एक बार अपने को स्वीकार करो , फिर देखो क्या होता है | 2)इस अनंत जीवन में मैं कहाँ हूँ , जहाँ  सब कुछ  सही, समूचा और पूर्ण है | अब मैंने अपनी उस पुरानी विचारधारा पर विश्वास करना छोड़ दिया है कि दुनिया में सब कुछ सीमित है | अब मैंने अपने को उस नज़रसे देखना शुरू किया है जिस नज़र से ब्रह्माण्ड मुझे देखता है …सही , समूचा और पूर्ण | 3)तुम्हारे पास अपने जीवन के घाव भरने की ताकत है , तुम्हें ये बात जानने की जरूरत हैं | हम कई बार सोचते हैं कि हम असहाय हैं पर ऐसा है नहीं , हमारे पास हमेशा अपने मष्तिष्क की शक्ति है | इस पर दावा बनाये रखो और इसे पूरी चेतना के साथ इस्तेमाल करो | 4)जब हम अपनी सोच और धारणा  का विस्तार करते हैं तो प्रेम मुक्त हो कर प्रवाहित होता है | जब हम  सोच के स्तर पर सिकुड़ते हैं तो हम अपने को ही बंद कर लेते हैं | क्या तुम्हें वो आखिरी समय याद है जब तुम प्रेम में थे और तुम्हारा ह्रदय कह रहा था , आह ! ये कितनी खूबसूरत भावना है | खुद को प्यार करना बिलकुल वैसा ही है , अंतर बस इतना है कि एक बार ये अहसास गहरे  उतर जाए तो ये भावना जिन्दगी भर साथ देती है , कभी छोड़ कर नहीं जाती , प्रेम का ये सुखद अहसास जिन्दगी भर बना रहता है |तो क्या आप नहीं चाहते कि आप वो सबसे खूबसूरत रिश्ता बनाए जो आप बना सकते हैं | 5)हमारा हर विचार जो हम सोचते हैं ,हमारा भविष्य बना रहा है | 6)मैं हर नकारात्मक विचार को ‘बाहर निकलो ‘कहती हूँ , जो मेरे दिमाग में घुसने की कोशिश कर रहा होता है | किसी व्यक्ति , वास्तु और स्थान की इतनी शक्ति नहीं है कि वो मुझ पर शासन  कर सके | अपने दिमाग के अंदर सोचने वाली केवल मैं हूँ | मैं अपनी वास्तविकता और उसमें रहने वाले हर व्यक्ति का  खुद सृजन करती हूँ | 7)हर समय जब आप ध्यान लगाते हैं , हर समय जब आप जब आप अपने को heal करने के लिए कुछ विजुलाईज़ करते हैं , जब आप पूरे संसार के भले के लिए कुछ कहते हैं , हर उस क्षण आप पूरे विश्वके उसी तरह की विचारधारा वाले लोगों से मानसिक रूप से जुड़ जाते हैं | याद रखिये … Read more

जीवन दर्शन – 5 सूत्र जो आप जानकार भी अनजान हैं

जीवन एक पहेली सा लगता है | ये पहेली भी हमने ही बनायी है | और खुद ही उसमें उलझ गए हैं | ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि कुछ बाते जानकार भी हम उनसे अनजान बने रहते हैं | आज ऐसे ही कुछ सूत्र लाये हैं जो जीवन को आसान बनाते हैं | जीवन दर्शन – 5 सूत्र जो आप जानकार भी अनजान हैं  1)   ईश्वर है की नहीं ? अगला जन्म है की नहीं ? गोरा या काला ? सही या गलत ?                   जीवन की सबसे बड़ी समस्या ये है कि हम जीवन के अधिकतर प्रश्नों के उत्तर हां या नहीं में चाहते हैं … परन्तु उत्तर  एक होता ही नहीं है या उत्तर इन दोनों के बीच में होता है | जब हम मान लेते हैं कि काले और सफ़ेद के बीच यानि ग्रे शेड ही असली जीवन है या कुछ प्रश्नों का प्रश्न बने रहना ही जीवन की खूबसूरती है | जरा गौर करिए कि अगर अगला जन्म है भी तो इस तरह से कि हमें याद ही नहीं रहता … यानि है भी तो नहीं होने की तरह | एक बॉल आधी काली -आधी सफ़ेद है जो काली तरफ से देख रहे हैं … वो चिल्ला रहे हैं बॉल  काली है ,जो सफ़ेद तरफ से देख रहे हैं वो भी चिल्ला रहे हैं … बॉल सफ़ेद है | दोनों के पास अपना सच है… दोनों के पास अपने तर्क है , लेकिन दोनों ही सही नहीं है | कबीर दास जी कहते हैं कि कहे कबीर सो जीवता , जो दुई में कड़े ना जाए ये बात जीवन के हर क्षेत्र में है | जब ये स्वीकार्यता आ जाती है तो प्रश्न गिर जाते हैं , अधीरता मिट जाती है … तर्क थम जाते हैं … यहीं से जीवन शुरू होता है |      जीवन का आनंद  प्रश्न -उत्तरों में उलझने  में नहीं उसे जीने में है  | 2)क्रिकेट का मैच चल रहा है |दो खिलाड़ी बैटिंग कर रहे हैं | बाकि खिलाड़ी पवेलियन से मैच देख रहे हैं | जो पवेलियन से  मैच देख रहे हैं उन्हें खेल की हर बारीकी समझ आ रही है | उन्हें समझ आ रहा है कि बल्लेबाज कहाँ गलती कर रहा है और गेंदबाज कहाँ गलती कर रहा है | वो सोचते हैं कि जब वो मैदान में उतरेंगे तो ऐसे खेलेंगे या ऐसे नहीं खेलेंगे | कितना आसान है खेलना | वही खिलाड़ी  जब मैदान में उतरता है तो  कभी  जीरो पर ही आउट हो जाता है तो कभी कुछ देर खेलने के बाद एक आसान सी गेंद पर , जो उसने पहले समझी हुई थी आउट हो जाता है | इस  उदहारण से समझने की बात ये है कि जिन्दगी क्रिकेट का एक खेल ही तो है …. जब हम किसी की आलोचना कर रहे होते हैं कि उसने ऐसा किया , वैसा किया … ये सही किया वो गलत किया तब हम मैदान में खेल नहीं रहे होते हैं , पवेलियन में बैठ कर बारीकी से दूसरे के खेल का मुआयना कर रहे होते हैं | जब वही गेंद हम सामना करेंगे तो क्या पता हम उससे भी बुरा खेलें | एक बार अच्छा खेल लेने के बाद भी गारंटी नहीं है कि अगली बार जब उस गेंद को खेलेंगे  तो सही ही खेंलेंगे | कोई भी पूर्ण नहीं है …. हर गेंद पर हर किसी के सामने बेहतर खेल पाने या आउट हो जाने का खतरा बना हुआ है | अगर आप आलोचना कर रहे हैं तो जान लीजिये कि आप पवेलियन में बैठे हैं , गेंद का सामना नहीं कर रहे हैं | अति उत्साही  हो कर अपना खेल मत खराब करिए | अगर आप आलोचना के शिकार हैं तो समझ लीजिये कि जो आलोचना कर रहे हैं वो पवेलियन में बैठे हैं , गारंटी नहीं है कि जब वो खेलेंगे तो आपसे बेहतर ही खेलेंगे | इसलिए अपने मनोबल को गिरने मत दीजिये | खेलिए और खेलने  दीजिये, जीवन का मजा खेल में है    3) हम अपनी समस्याओं का खुद निर्माण करते हैं ….. सजग हो जाइए समस्याएं  अपने आप कम हो जायेंगी  | शायद ये बात आपकी समझ ना आये पर ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि मनुष्य अपने दुखों का निर्माण खुद करता है | मुझे रामधारी दिनकर जी की कविता की ये पंक्तियाँ याद आ रही हैं … एक दिन यूँ कहने लगा मुझसे गगन का चाँद  आदमी भी क्या अनोखा जीव है , उलझने अपनी बनाकर आप ही फंसता , और फिर बेचैन हो जगता ना सोता है                              अगर आप अपने जीवन में देखेंगे तो पायेंगे कि कितनी समस्याएं  आपने खुद बनायी हैं |  बिजली के बिलजमा करने की आखिरी तारीख में लम्बी -लम्बी लाइन का सामना करना पड़ता है , कई बार पूरे दिन की दफ्तर से छुट्टी भी लेनी पड़ती है | तनाव अलग बढता है | अगर शुरू में ही जमा करा दे तो मुश्किल से पांच मिनट का काम होता है | कई बार कोई फैसला इतना ज्यादा  टाला जाता है कि वो समस्या बन जाता है | कई बार बिलकुल बिना विचारे  किये गए काम ढेर सारी  समस्याएं ले कर आते हैं | जिन्दगी पक्षपातपूर्ण है पर 21 अनमोल विचार  सास -बहु , नन्द भाभी , दो दोस्तों आदि के झगड़े  जो कभी खत्म नहीं होते … उसका कारण भी यही है कि हमें समझ आ रहा होता है कि हमारे विचार नहीं मिलते फिर भी सारी कोशिश दूसरे को बदलने की होती  है , सारे तर्क , सारा क्रोध और सारी असफलता भी इसी बात की है …. दूसरे को उसकी पसंद के जीवन जीने की आज़ादी ना देना ही समस्याओं का मूल है | किसी भी समस्या के लिए जरूरी है उसे समझा जाना …. फिर अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो उसे जीवन के रूप में स्वीकार करें , जैसे डायबीटीज स्वीकारी थी …  और कुछ ही दिनों में सहजता से बिना  शक्कर का जीवन जीना सीख लिया | जिन समस्याओं का समाधान किया … Read more