सबरीमाला -मंदिर –जड़ों को पर प्रहार करने से पहले जरा सोचें

Add caption केरल के सबरीमाला क प्रसिद्द तीर्थ स्थान है |सबरीमाला का नाम महान भक्त शबरी के नाम पर है जिसने प्रेम व् भक्ति के  वशीभूत हो कर प्रभु राम को झूठे बेर खिलाये थे | यहीं पर अयप्पा स्वामी का विश्व प्रसिद्द मंदिर है | इस मंदिर में  ब्रह्मचारी व्रत का पालन करने वाले … Read more

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#Metoo से डरें नहीं साथ दें

#Metoo के रूप में समय अंगडाई ले रहा है | किसी को ना बताना , चुप रहना , आँसू पी लेना इसी में तुम्हारी और परिवार की इज्ज़त है | इज्ज़त की परिभाषा के पीछे औरतों के कितने आँसूं  कितने दर्द छिपे हैं इसे औरतें ही जानती हैं | आजिज़ आ गयी हैं वो दूसरों … Read more

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#metoo -सोशल मीडिया पर दिशा से भटकता अभियान

सबसे पहले तो आप सब से एक प्रार्थना जो भी अपना दर्द कह रहा है चाहे वो स्त्री हो , पुरुष हो , ट्रांस जेंडर हो या फिर एलियन ही क्यों ना हो उसे कहना का मौका दें , क्योंकि यौन शोषण एक ऐसा मुद्दा है जिस के ऊपर बोलने से पहले शोषित को बहुत … Read more

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ड्रग एडिक्शन की गिरफ्त में युवा – जरूरी है जागरूकता

जैसे –जैसे शाम  गहराने लगती है , बड़े पार्कों में , जहाँ ज्यादा घने पेड़ व् झाड़ियाँ हों , दो तरह के लोगों की की संख्या बढ़ने लगती है पहला “ प्रेमी युगल जो हॉस्टल , कॉलेज या कोचिंग से कुछ पल साथ बिताने के लिए बहाने बना कर आये होते हैं , और दूसरा … Read more

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युवाओं में “लिव इन रिलेशन “ की ओर झुकाव …आखिर क्यो ????

आज कल आधुनिकता का दौर तेजी से बढ़ रहा है आधुनिक सभ्यता ने इस कदर पाँव पसार लिए हैं कि लगता नहीं है अब युवा वर्ग पीछे की ओर देखेगा ।युवा वर्ग आखिर शादी की जिम्मेदारियों से बच्चों की जिम्गमेदारियों से  क्यों भाग रहा है ? आखिर ये समस्या आयी कैसे ? क्या इसके पीछे … Read more

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प्रिंट या डिजिटल मीडिया -कौन है भविष्य का नम्बर वन

                  प्रिंट मीडिया डिजिटल मीडिया में भविष्य किसका बेहतर है ? जब ये प्रश्न मुझसे किया गया तो मुझे लगा मैं अपने बचपन में पहुँच गयी हूँ और मुझसे पूछा  जा रहा है कि बताओ तुम्हें कौन ज्यादा अच्छा लगता है … पापा या मम्मी | जब मम्मी कहती तो लगता पापा भी तो अच्छे … Read more

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प्रदूषण की मार झेलती दिल्ली

 पेड़ पौधे हैं लाभकारी  पर्यावरण के हैं हितकारी ।  जी हाँ , अपने घर और आसपास पेड़ पौधों को लगाने को प्रोत्साहित करें , वो ही जीवनदायनी हैं । हमारे भारत का दिल , दिल्ली बीमार है । एक ऐसी बिमारी जिसका इलाज स्वयं दिल्लीवासियों के पास है । हर प्रकार के प्रदूषण और अस्वच्छता … Read more

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रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन यानी तुष्टिकरण का मानसिक कैंसरवाद

रंगनाथ द्विवेदी। जौनपुर(उत्तर-प्रदेश) आज म्याँमार से भगाये गये लाखो लाख रोहिंग्या मुसलमान इतने शरीफ़ और साधारण नागरिक वहाँ के नही रहे,अगर रहे होते तो उन्हें आज इस तरह के हालात से दो-चार न होना पड़ता और उन्हें सेना लगाकर जबरदस्ती वहाँ से न निकाला गया होता।वहाँ के अमन चैन के जीवन मे ये आतंकियो की … Read more

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