उपन्यास अंश: हेति -सुकन्या एक अकथ कथा

उपन्यास अंश: हेति -सुकन्या एक अकथ कथा

  एक स्वाभिमानी, कर्मठ, स्त्री थी सुकन्या, जिसे इतिहास च्यवन ऋषि की पथअनुगामिनी भार्या के रूप में जानता है l इससे सुकन्या के व्यक्तित्व पर समुचित प्रकाश नहीं पड़ता l राजपुत्री सुकन्या के स्वाभिमान, प्रेम, करुणाद्र हृदय, वनस्पतियों से सहज लगाव और उनका औषधि के रूप में प्रयोग की कथा अकथ ही रह जाती है … Read more

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अधजली

सिनीवाली शर्मा

हिस्टीरिया तन से कहीं अधिक मन का रोग है | तनाव का वो कौन सा बिंदु है जिसमें मन अपना सारा तनाव शरीर को सौप देता है …यही वो समय है जब रोगी के हाथ पैर अकड़ जाते हैं, मुँह भींच जाता है और आँखें खुली घूरती सी हो जाती है | हिस्टीरिया का मरीज … Read more

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कृष्णा सोबती -एक बेबाक रचनाकार

कृष्णा सोबती समय से आगे रहने वाली हिंदी साहित्य की ऐसी अप्रतिम साहत्यिकार थीं जिन्होंने नारी अस्मिता को उस दौर में रेखांकित किया था जब नारी विमर्श की दूर दूर तक आहट भी नहीं थी। उन्होंने सात दशक तक लगातार लिखा और एक से बढ़कर एक कई कालजयी रचनाएं दीं। उनकी कृतियों में एक ओर … Read more

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हंस अकेला रोया -ग्रामीण जीवन को सहजता के साथ प्रस्तुत करती कहानियाँ

 “गाँव” एक ऐसा शब्द जिसके जुबान पर आते ही अजीब सी मिठास घुल जाती है | मीलों दूर तक फैले खेत, हवा में झूमती गेहूं की सोने सी पकी बालियाँ, कहीं लहलहाती मटर की छिमियाँ, तो कहीं छोटी –छोटी पत्तियों के बीच से झाँकते टमाटर, भिन्डी और बैगन, कहीं बेल के सहारे छत  पर चढ़ … Read more

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चिठ्ठी

               किसी अपने की चिट्ठी कुछ ख़ास ही होती है, क्योंकि उसका एक -एक शब्द प्रेम में डूबा हुआ होता है | पर कुछ अलहदा ही होती है वो चिट्ठी जो किसी ऐसे अपने की होती है जिससे बरसों से मिले ही न हों , यहाँ तक कि ये यकीन भी न हो कि ये … Read more

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