दोस्ती बनाम दुश्मनी~कुछ चुनिंदा शेर

संकलन, लिप्यंतरण एवं प्रस्तुति: सीताराम गुप्ता दिल्ली-110034      बहुत कठिन है डगर पनघट की। पनघट की तरह ही दोस्ती की भी। जिसे हम दोस्ती कहते हैं कई बार वो एक बेहद ख़ुदग़र्ज़ रिश्ते से ज़्यादा कुछ नहीं होता। वफ़ा और बेवफ़ाई की तरह दोस्ती के अनेक रूप देखने को मिलते हैं। पुरातन काल से … Read more

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जो मिला नहीं उसे भूल जा

सीताराम गुप्तादिल्ली दुखों से बचने के लिए जीवन के बायोडाटा में सिर्फ़ उसे शुमार करें जो आज आपके पास हैउर्दू शायर अमजद इस्लाम ‘अमजद’ की ग़ज़ल का मत्ला है : कहाँ आ के रुकने थे रास्ते, कहाँ मोड़ था उसे भूल जा,वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा। जीवन … Read more

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