मेरा पैशन क्या है ?
मेरा पैशन क्या है पैशन यानि वो काम जिसे हम अपने दिल की ख़ुशी के लिए करते हैं | लेकिन जब हम उस काम को करते हैं तो कई बार महत्वाकांक्षाओं के कारण या अतिशय परिश्रम और दवाब के कारण हम उसके प्रति आकर्षण खो देते हैं | ऐसे में फिर एक नया पैशन खोजा जाता है फिर नया …और फिर और नया | ये समस्या आज के बच्चों में बहुत ज्यादा है | यही उनके भटकाव का कारण भी है | आखिर कैसे समझ में आये कि हमारा पैशन क्या है और कैसे हम उस पर टिके रहे | प्रस्तुत है ‘अगला कदम’ में नुपुर की असली कहानी जो शायद आपको और आपके बच्चों को भी अपना पैशन जानने में मदद करे | मेरा पैशन क्या है ? धा-धिन-तिन-ता /ता धिन तिन ता धा-धिन-तिन-ता /ता धिन तिन ता मैं अपना बैग लेकर दरवाजे के बाहर निकल रही हूँ , पर ये आवाजें मेरा पीछा कर रही हैं | ये आवाजें जिनमें कभी मेरी जान बसती थी , आज मैं इन्हें बहुत पीछे छोड़ कर भाग जाना चाहती हूँ | फिर कभी ना आने के लिए | मेरी स्मृतियाँ मुझे पांच साल की उम्र में खींच कर ले जा रही हैं | नुपुर …बेटा नुपुर , मास्टरजी आ गए | और मैं अपनीगुड़ियाछोड़कर संगीत कक्ष में पहुँच जाती और मास्टर जी मुझे नृत्य और संगीत की शिक्षा देना शुरू कर देते | अक्सर मास्टर जी माँ सेकहा करते, “बहुत जुनूनी है आप की बिटिया , साक्षात सरस्वती का अवतार | इसे तो नाट्य एकादमी भेजिएगा फिर देखना कहाँ से कहाँ पहुँच जायेगी |” माँ का चेहरा गर्व से भर जाता | रात को माँ खाने की मेज पर यह बात उतने ही गर्व से पिताजी को बतातीं | हर आने -जाने वालों को मेरी उपलब्द्धियों के बारे में बताया जाता | कभी -कभी उनके सामने नृत्य कर के और गा कर दिखाने को कहा जाता | सबकी तारीफ़ सुन -सुन कर मुझे बहुत ख़ुशी मिलती और मैं दुगुने उत्साह से अपनी सपने को पूरा करने में लग जाती | कितनी बार रिश्तेदारों की बातें मेरे कान से टकरातीं , ” बहुत जुनूनी है तभी तो स्कूल, ट्यूशन होमवर्क सब करके भी इतनी देर तक अभ्यास कर लेती हैं | कोई साधारण बच्चा नहीं कर सकता | धीरे -धीरे मुझे भी अहसास होने लगा कि ईश्वर ने मुझे कुछ ख़ास बना कर भेजा है | यही वो दौर था जब मैं एक अच्छी शिष्य की तरह माँ सरस्वती की आराधिका भी बन गयी | पिताजी के क्लब स्कूल, इंटर स्कूल , राज्य स्तर के जाने जाने कितनि प्रतियोगिताएं मैंने जीती | मेरे घर का शो केस मेरे द्वारा जीती हुई ट्रोफियों से भर गया | १८ साल की होते -होते संगीत और नृत्य मेरा जीवन बन गया और २० वर्ष की होते -होते मैंने एक बड़ा संगीत ग्रुप ज्वाइन कर लिया | ये मेरे सपनों का एक पड़ाव था , जहाँ से मुझे आगे बहुत आगे जाना था | परन्तु … “नुपुर रात दस बजे तक ये नृत्य ातैयार हो जाना चाहिए | “ ” नुपुर १२ बज गए दोपहर के और अभी तक तुमने इस स्टेप पर काम नहीं किया |” ” नुपुर ये नृत्य तुम नहीं श्रद्धा करेगी |” ” नुपुर श्रद्धा बीमार है आज रात भर प्रक्टिस करके कल तुम्हें परफॉर्म करना है |” “नुपुर , आखिर तुम्हें हो क्या गया है ? तुम्हारी परफोर्मेंस बिगड़ क्यों रही है ?” “ओफ् ओ ! तुमसे तो इतना भी नहीं हो रहा |” ” नुपुर मुझे नहीं लगता तुम कुछ कर पाओगी |” और उस रात तंग आकर मैंने अपने पिता को फोन कर ही दिया , ” पापा , मुझसे नहीं हो हो रहा है | यहाँ आ कर मुझे समझ में आया कि नृत्य मेरा पैशन नहीं है | मैं सबसे आगे निकलना चाहती हूँ | सबसे बेहतर करना चाहती हूँ | लें मैं पिछड़ रही हूँ | “ ” अरे नहीं बेटा, तुम्हें तो बहुत शौक था नृत्यु का , बचपन में तुम कितनी मेहनत करती थी | तुम्हें बहुत आगे जाना है |मेरा बच्चा ऐसे अपने जूनून को बीच रास्ते में नहीं छोड़ सकता |” पिताजी ने मुझे समझाने की कोशिश करी | मैंने भी समझने की कोशिश करी पर अब व्यर्थ | मुझे लगा कि मैं दूसरों से पिछड़ रहीं हूँ | मैं उनसे कमतर हूँ | मैं उन्हें बीट नहीं कर सकती | ऐसा इसलिए है कि म्यूजिक मेरा पैशन नहीं है | और मैं ऐसी जिन्दगी को नहीं ओढ़ सकती जो मेरा पैशन ना हो | मैंने अपना अंतिम निर्णय पिताजी को सुना दिया | वो भी मुझे समझा -समझा कर हार गए थे | उन्होंने मुझे लौट आने की स्वीकृति दे दी | घर आ कर मैंने हर उस चीज को स्टोर में बंद कर दिया जो मुझे याद दिलाती थी कि मैं नृत्य कर लेती हूँ | मैंने अपनी पढाई पर फोकस किया और बी .ऐड करने के बाद मैं एक स्कूल में पढ़ाने लगी | मैं खुश थी मैंने अपना जूनून पा लिया था | समय तेजी से आगे बढ़ने लगा | ————————————– इस घटना को हुए पाँच वर्ष बीत गए | एक दिन टी. वी पर नृत्य का कार्यक्रम देखते हुए मुझे नृत्यांगना के स्टेप में कुछ गलती महसूस हुई | मैंने स्टोर से जाकर उस स्टेप को करके देखा …एक बार , दो बार , दस बार | आखिरकार मुझे समझ आ गया कि सही स्टेप क्या होगा | मुझे ऐसा करके बहुत अच्छा लगा | अगले दिन मैं फिर स्टोर में गयी और अपनी पुरानी डायरी निकाल लायी | उसमें एक नृत्य को कत्थक और कुचिपुड़ी के फ्यूजन के तौर पर स्टेप लिखने की कोशिश की थी | … Read more