अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस -परिवार में अपनी भूमिका के प्रति सम्मान की मांग

  मिसेज गुप्ता कहती हैं की उस समय परिवार में सब  कहते थे, “लड़की है बहुत पढाओ  मत | एक पापा थे जिन्होंने सर पर हाथ फेरते हुए कहा, “तुम जितना चाहो पढो” |   श्रीमती देसाई बड़े गर्व से बताती हैं की उनका भाई शादी में सबसे ज्यादा रोया था | अभी भी हर … Read more

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मृत्यु – शरीर नश्वर है पर विचार शाश्वत

  मृत्यु जीवन से कहीं ज्यादा व्यापक है , क्योंकि हर किसी की मृत्यु होती है , पर हर कोई जीता नहीं है -जॉन मेसन                                             मृत्यु …एक ऐसे पहेली जिसका हल दूंढ निकालने में … Read more

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अटूट बंधन

अटूट बंधन ब्लॉग की नींव “सर्वजन हिताय , सर्वजन सुखाय” की भावना से प्रेरित हो कर रखी गयी है | इसके मुख्य उद्देश्य निम्न हैं … हमारे जीवन में रोटी कपडा और मकान के बाद जो चीज सबसे महत्वपूर्ण होती है ,वो है हमारे रिश्ते | जहाँ रोटी कपडा और मकान भैतिक आवश्कताओं के लिए … Read more

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अटूट बंधन वर्ष- २ अंक – ६ अनुक्रमाणिका

अटूट बंधन वर्ष -२ अंक -६ अनुक्रमाणिका 1)सम्पादकीय – नजरिया बनाता है विजेता 2 )कार्यकारी संपादक का सम्पादकीय – समग्र जीवन की सफलता नवरात्रों पर विशेष – कन्या पूजन का महत्व्  – निवेदिता श्रीवास्तव लखनऊ 3 )व्यक्तित्व विकास – दूर करतें व्यक्तित्व के ५ दोष – डॉ . कमलेश निगम ,मुंबई 4 )राम नाम जप … Read more

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लवली पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि अटूट बंधन की कार्यकारी संपादक वंदना बाजपेयी के उदगार : सपनों को जीने के लिए जरूरी है जूनून

सपनों  को जीने के लिए जरूरी है जूनून | उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हर बच्चे की आँखों में हजारों सपने होते हैं , वो सफल होना चाहता है | पर सफलता के लिए सिर्फ सपने देखने से काम नहीं चलता क्योंकि सपनों में जीने और सपनों को जीने में जमीन आसमान … Read more

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अटूट बंधन सम्मान समारोह -२०१५ एक रिपोर्ट

कल रविवार हिंदी भवन में हिंदी मासिक पत्रिका “ अटूट बंधन “ ने सम्मान समारोह – २०१५ का आयोजन किया | कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुविख्यात लेखिका व् साहित्य एकादमी दिल्ली की उपाध्यक्ष श्रीमती मैत्रेयी पुष्पा जी थी व् मुख्य वक्ता अरविन्द सिंह जी( राज्यसभा टी. वी ) व् सदानंद पाण्डेय जी ( एसोसिएट एडिटर … Read more

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जन्म दिन की शुभकामनाएं ” अटूट बंधन “

आज आपकी प्रिय पत्रिका ” अटूट बंधन” एकवर्ष पूरा कर दूसरे वर्ष में प्रवेश कर रही हैं| जिस तरह आप सब ने स्नेह व् आशीर्वाद देकर पत्रिका को प्रथम वर्ष में ही देश की लोकप्रिय पत्रिकाओ में शामिल कर दिया है | उसके लिए पूरा ” अटूट बंधन ग्रुप ” आप सब का आभारी है| … Read more

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अटूट बंधन अंक -९ अनुक्रमणिका

अटूट बंधन अंक -९ जुलाई अंक अनुक्रमणिका  १) आपके विचार ही आपकी उर्जा हैं जो जीवन को दिशा देते हैं क्या सकारात्मक विचार के द्वारा व्यक्तित्व का विकास कर जीवन को सफल बनाया जा सकता है ? व् आज के युग में जब हम सुबह भारत में शाम अमेरिका में बिता कर गर्व से कहते … Read more

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अटूट बंधन

अटूट बंधन  के पाठकों का शुक्रिया  एक नन्हा सा जुगनू , निकल पड़ा कोमल मखमली परों पर रख कर कुछ सपनों की कतरने हौसलों कीमुट्ठी भर धूपदेखते ही देखतेहोने लगा उजियाराकैसे ?कोई परीयाजादू की छड़ीविश्वास नहीं होतापरकरिश्में अब भी होते हैं ये किसी करिश्में से कम नहीं कि इतने कम समय में कोई पत्रिका इतनी लोकप्रिय … Read more

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