खतरनाक है जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल
ये हमारी कंपनी का नया सिम कार्ड “ गीत “ उनके लिए जो जरूरत से ज्यादा बातें करते हैं | जब वी मेट का शाहिद कपूर भले ही गीत सिम कार्ड लांच करके आपको जरूरत से ज्यादा बातें करने के रंगीन सपने दिखाए | पर अगर आप भी गीत की तरह बक बक ,बक बक करते रहतें है ,वो भी मोबाइल पर …. जो जरा सावधान , ये खतरनाक हो सकता है | बड़ा हो छोटा हो ,अमीर हो गरीब आज हर हाथ में एक नन्हा जादुई पिटारा है …. यानी आपका मोबाइल | जगह –जगह लगे होर्डिंग्स विज्ञापन आदि जो दिन रात नए लांच हुए मोबाइल की गुणवत्ता बताते रहते हैं ,झूठ भी तो नहीं हैं | ये जादुई पिटारा ही तो है जिससे आप घर ,बाहर , ट्रेन में , कार में बाथरूम में अपनों से कनेक्ट हो सकते हैं | वीडियो गेम खेल सकते हैं ,जहाँ चाहे जिसे चाहे msg भेज सकते हैं | आधुनिक मोबाइल के आने से आप यह तो कह ही सकते हैं की आप अपना पी सी अपनी जेब में लिए घूमते हैं | कोई भी सखी ,साथी ,सह्पाठी नया मोबाइल ले कर आता है तो उसके फायदे गिनाना शुरू कर देता है| देखो टच स्क्रीन ,इतने पिक्सेल का कैमरा , इतनी जी.बी की मेमोरी आदि- आदि | फायदे ,फायदे न जाने कितने फायदे पर जरा ठहरिये … मोबाइल से जितने फायदे हैं उसके गलत प्रयोग से उतने नुक्सान भी हैं | मोबाइल बढ़ा रहा है अपनों से दूरियाँ अब जरा किसी आम घर का दृश्य देखिये | ट्रिन ….ट्रिन …… नमस्कार से शुरू हुआ वार्तालाप एक –डेढ़ घंटे खिंच ही जाता है | फिर शुरू हो गया वीडियों गेम | मेज पर खाना ठंडा हो रहा है तो हो रहा है ,किसे होश है ….. जब होश आया तो मजबूरन ईयर फोन कान में ठूंस कर ठंडा खाना मुंह में ठूसना शुरू कर दिया | अब जरा दूसरा दृश्य देखिये | एक कमरे में माता –पिता बच्चे बैठे हैं दो चार सद्स्यों के नाम और जोड़ लीजिये ….. सब अपने –अपने मोबाइल में मस्त | कोई फेस बुक कर रहा है ,कोई व्हात्ट्स एप्प , कोई sms तो कोई बात कर रहा है | एक दूसरे के साथ ,एक दूसरे के पास बैठे हुए भी सब अपनी अपनी दुनिया में मस्त | एक कमरे में न जाने कितनी दुनिया बसी है| ऐसे दृश्य देखकर मुझे रसखान की पंक्तियाँ बरबस ही याद आ जाती हैं ………… “ कोहू न कहू कि कानी करे सिगरो ब्रिज वीर बिकाय गयो रे “ हालाँकि ये पंक्तियाँ भगवान श्री कृष्ण पर कही गयी हैं पर मोबाइल पर पूर्णतया सूट करती हैं | एक ही छत के नीचे रहने वाले अपने –अपने मोबाइल में इस कदर डूबे रहते हैं कि स्टे कनेक्टेड “ का नारा देने वाले मोबाइल ने घरों में संवाद हीनता की स्तिथियाँ उत्त्पन्न कर दी हैं | गौर तलब है कि रिश्ते बन रहे हैं या टूट रहे हैं | या यूँ कहे हमारी दुनियाँ बड़ी हो रही है और दायरे सीमित | कई बार दूर से बात करने पर चेहरे के भाव न दिख पाने के कारण बातों के गलत अर्थ लग जाते हैं | ग़लतफ़हमियाँ पैदा हो जाती हैं | जिसको समझाना या सुलझाना मुश्किल हो जाता है | मोबाइल कर रहा है विद्यार्थियों का फोकस कम रिश्ते नातों को छोड़ भी दिया जाए तो मनुष्य की सबसे अहम् जरूरत स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को तो मॉफ नहीं किया जा सकता | पहला सुख ही निरोगी काया है | अभिषेक बच्चन टी वी ऐड में भले ही “ वाक वेन यू टॉक “ को जितना जोर शोर से कहे पर यह सच्चाई से कोसों दूर है | फोन मोबाइल में बात करते समय कोई अन्य काम करने से हमारी ध्यान या कंसेंट्रेशन क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है | विद्यार्थियों के लिए तो यह पक्ष खासा चेतावनी दायक है | जानलेवा भी साबित हो रहा है मोबाइल मोबाइल के साथ फ्री में आया उसका छोटा भैया ईयर फोन परले दर्जे का जानलेवा साबित होता है | अच्छी क्वालिटी के ईयर फोन बाहर की सारी ध्वनियाँ कट कर देते हैं | इस तरह सगीत सुनने की आदत इतनी बुरी पड़ जाती हैं कि घर में चाहे आग लगे चाहे चोर आये ….होता है तो होने दो | संगीत के आनंद में सुनाई किसे देगा | पर सबसे दर्दनाक है जब न जाने कितने किशोर ,युवा कान में ईयर फोन लगा कर संगीत सुनते हुए सड़क पार करते हैं तो वाहन के हॉर्न की आवाज़ न सुन पाने की वजह से अल्पायु में ही अपनी ईहलीला समाप्त करके सुरों से पार चले जाते हैं | मोबाइल के अतिशय प्रयोग से होने वाली बीमारियाँ १ ) मोबाइल से निकलने वाली रेडियो एक्टिव वेव्स सीधे दिमाग में प्रवेश करती हैं |जो कालांतर में ब्रेन संकुचन , ,तनाव ,चिडचिडापन ,कैंसर व् ट्यूमर का कारण बनता है | अगर आप ज्यादा बात करते हैं और आधुनिक फोन से बात करते हैं तो आप को खतरा ज्यादा है | जहाँ तक हो सके मोबाइल को कान से दूर रखे | रिसर्च कहती है बात करते समय मोबाइल कान से कम से कम २० cm दूर रखना चाहिए | कहना अतिश्योक्ति न होगी कि यह एक धीमा जहर है जो धीरे –धीरे मौत की तरफ ले जाता है | २ ) टेक्स्ट क्लॉ वो मेडिकल टर्म है जो ज्यादा टेक्स्ट टाईप करने , स्क्रोल करने मसेजिंग करने वालों की अँगुलियों में हो जाता है | टेंडन सूज जाते हैं | अंगुलियाँ मोती व् भद्दी हो जाती हैं व् उनमें दर्द होता है | ३ ) मोबाइल ज्यादा कान पर लगाने से कानों में सुजन व् ट्यूमर की सम्भावना रहती है व् सुनने की क्षमता का हास होता है | ४ ) आजकल टच स्क्रीन वाले मोबाइल को आप खाना खाते समय , बाज़ार में कहीं भी इस्तेमाल करते है तो आप की अँगुलियों से कीटाणु निकल कर वहां ग्रो करने लगते हैं | अगर आप रोज स्क्रीन साफ़ नहीं करते तो दोबारा छूने से ये हमारी बिल्ली हामी को म्याऊ करते हुए आप को ही बीमार कर … Read more