देश गान
स्वतंत्रता दिवस का अर्थ केवल जश्न मनाना नहीं है ये दिन हमें हमारे कर्तव्यों को याद दिलाता है | तो आइये हम भी अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों को पालन करने का संकल्प लें | जैसा कि इस देश गान में लिया है …. देश गान तमस के आवरण को चीर रोशनी का डेरा हैनई किरण से नित उतरता देश में सवेरा हैले ऊर्जा नई – नई नया जहाँ बसाएगेंहम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगेंबनाएगें , बनाएगें , बनाएगें , बनाएगें विशाल भाल देश का न झुकने देगें हम कभीमहर्षियों के ज्ञान को न मिटने देगें हम कभीप्रत्येक ज्योति से नवीन ज्योति हम जलाएगेंहम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगेंबनाएगें , बनाएगें , बनाएगें , बनाएगे वरण करेगी विजय श्री बढ़ेगें ये कदम जिधरबुरी निगाह गर किसी की उठ गई कभी इधरतो एक काश्मीर क्या जहाँ को जीत लाएगेंहम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगेंबनाएगें , बनाएगें , बनाएगें बनाएगें ऐ देश के जवानों है तुम्हे नमन , तुम्हे नमनजो बलि हुए तिरंगे पर उन्हे नमन,उन्हे नमनतुम्हारे धैर्य शौर्य को कभी न भूल पाएगेंहम अपने देश की धरा को स्वर्ग सा बनाएगेंबनाएगें , बनाएगें ,बनाएगें बनाएगें उषा अवस्थी फोटो क्रेडिट –indiawish.in यह भी पढ़ें … क्या है स्वतंत्रता का सही अर्थ भारत बनेगा फिर से विश्व गुरु आइये स्वतंत्रता दिवस पर संकल्प ले नए भारत के निर्माण का स्वतंत्रता दिवस पर आधी आबादी जाने अपने अधिकार भावनात्मक गुलामी भी गुलामी ही है स्वतंत्रता दिवस पर विशेष : मैं स्वप्न देखता हूँ एक ऐसे स्वराज्य के मेरा भारत महान ~जय हिन्द आपको “देश गान “ कैसा लगा | अपनी राय अवश्य व्यक्त करें | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन”की लेटेस्ट पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें | filed under: India, poetry, hindi poetry, kavita, Bharat mata, Independence day, swatantrta divas