होलिका दहन : अपराध नहीं , लोकतंत्र का उत्सव

फोटो क्रेडिट -भारती वर्मा बौड़ाई होलिका दहन कर  को आजकल स्त्री विरोधी घोषित करने का प्रयास हो रहा है | उसी पर आधारित एक कविता जहाँ इसे लोकतंत्र समर्थक के रूप में देखा जा रहा है … होलिका दहन : अपराध नहीं , लोकतंत्र का उत्सव  वो फिर आ  गए अपने दल -बल के साथ … Read more

Share on Social Media

गुझिया -अपनेपन की मिठास व् परंपरा का संगम

फोटो क्रेडिट –www.shutterstock.com रंगों के त्यौहार होली से रंगों के बाद जो चीज सबसे ज्यादा जुडी है , वो है गुझिया | बच्चों को जितना इंतज़ार रंगों से खेलने का रहता है उतना ही गुझिया का भी | एक समय था जब होली की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो जाती थी | आलू … Read more

Share on Social Media

होली आई रे

                                                होली त्यौहार है मस्ती का , जहाँ हर कोई लाल , नीले गुलाबी रंगों से सराबोर हो कर एक रंग हो जाता है ….वो रंग है अपनेपन का , प्रेम का … Read more

Share on Social Media

होलिका दहन-वर्ण पिरामिड

1– हो दर्प दहन खिलें रंग अपनों संग प्रेम विश्वास के होली के उल्लास में। ————————– 2– आ छोड़ें अपनी द्वेष ईर्ष्या करें संपन्न होलिका दहन मथें विचार गहन। ———————– 3) ——- आ  चल जलाएँ  बुराइयाँ होलिका संग  बदलेगा ढंग  सबके जीवन का। ——————— 4) ——- हो  जीत  अधर्म  बेईमानी  अन्याय पर  होलिका दहन  करे … Read more

Share on Social Media

होली स्पेशल – होली की ठिठोली

जल्दी से कर लीजिये हंसने का अभ्यास इस बार की होली तो होगी खासमखास  दाँतन बीच दबाइए लौंग इलायची सौंफ  बत्तीसी जब दिखे तो मुँह से आये न बास खा खा कर गुझिया जो ली हो तोंद बढ़ाय  हसत -हसत घट  जायेगी हमको है विश्वास देवर को भाभी रंगें , चढ़े जीजा पर साली का रंग घर आँगन … Read more

Share on Social Media

होली पर इंस्टेंट गुझियाँ मिक्स मुफ्त :स्टॉक सीमित

होली केवल रंगों का त्यौहार ही नहीं है , हंसने खिलखिलाने का भी त्यौहार है | हँसने –हँसाने का ये सिलसिला जारी रहने के लिए लाये हैं एक हास्य रचना  होली पर इंस्टेंट गुझियाँ मिक्स मुफ्त :स्टॉक सीमित होली और गुझियाँ का चोली दामन का साथ है |”सारे तीरथ बार –बार और गंगा सागर एक … Read more

Share on Social Media