श्रीकृष्ण वंदना

जन्माष्टमी प्रभु श्रीकृष्ण के धरती पर अवतरण का दिन है | दुनिया भर में भक्तों द्वारा यह पर्व हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है | भक्ति प्रेम की उच्चतम अभिव्यक्ति है | भक्ति भावना में निमग्न व्यक्ति सबसे पहले ईश के चरणों की वंदना करता है … श्रीकृष्ण वंदना  अंतर में बैठे हो प्रभुवर , … Read more

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जन्माष्टमी पर 7 काव्य पुष्प

माखन चोर , नटखट बाल गोपाल , मथुरा का ग्वाला , धेनु चराने वाला , चितचोर , योगेश्वर , प्रभु श्री कृष्ण के नामों की तरह उनका व्यक्तित्व भी अनेकों खूबियाँ समेटे हुए हैं | तभी तो उनका जानना सहज नहीं है | सहज है तो प्रेम रस में निमग्न भक्ति … जो कह उठती … Read more

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हे श्याम सलोने

©किरण सिंह ************ हे श्याम सलोने आओ जी  अब तो तुम दरस दिखाओ जी  राह निहारे यसुमति मैया  तुम ठुमक ठुमक कर आओ जी  आओ मधु वन में मुरलीधर प्रीत की बंशी बजाओ जी दबा हुआ बच्चों का बचपन  अब राह नई दिखलाओ जी  पुनः द्रौपदी चीख रही है  अस्मत की चीर बचाओ जी  राग … Read more

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कान्हा तेरी प्रीत में – जन्माष्टमी के पावन पर्व पर डॉ . भारती वर्मा की कवितायें

कान्हा तेरी प्रीत में ~पढ़िए प्रभु श्रीकृष्ण को समर्पित डॉ . भारती वर्मा की कवितायें  1–कान्हा ————– कान्हा तेरी प्रीत में हुई बावरी मैं तेरे रंग में रंग कर हुई साँवरी में  भावे न अब कछु मोहे तुझे देखती मैं दिवस हो या रैन अब तुझे जपती मैं तेरी प्रीत के गीत ही गाती रहती … Read more

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गीता के कर्मयोग की काव्यात्मक व्याख्या

गीता का तीसरा अध्याय कर्म योग के नाम से भी जाना जाता है प्रस्तुत है गीता के  कर्मयोग  की सरल काव्यात्मक व्याख्या /geeta ke karmyog ki saral kaavyaatmak vyakhya  श्रीमती एम .डी .त्रिपाठी ( कृष्णी राष्ट्रदेवी )  अर्जुन ने प्रभु से  कहा  सुनिए करुणाधाम  मम मन में संदेह अति  निर्णय दें घनश्याम  ज्ञान अगर अति … Read more

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पवित्र ‘‘गीता’’ सभी को कर्तव्य एवं न्याय के मार्ग पर चलने की सीख देती है!

जन्माष्टमी पर्व  पर विशेष लेख /janmashtami par vishesh lekh  – डाॅ. जगदीश गांधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक,  सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ (1) पवित्र ‘‘गीता’’ हमें कर्तव्य एवं न्याय के मार्ग पर चलने की सीख देती है:- श्रावण कृष्ण अष्टमी पर जन्माष्टमी का पावन त्यौहार बड़ी ही श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। आज से पाँच हजार वर्ष पूर्व … Read more

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कृष्ण की गीता और मैं

सत्या शर्मा ‘कीर्ति ‘ और फिर न्याय की देवी के समक्ष वकिल साहिबा ने कहा — गीता पर हाथ रख कर कसम खाइये…………… मैंने भी तत्क्षण हाथ रख खा ली कसम । पर क्या मैनें जाना कभी गीता को ? कभी पढ़ा कि गीता के अंदर क्या है ? कौन से गूढ़ रहस्य हैं उसके … Read more

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जन्माष्टमी पर विशेष :जय कन्हैया लाल की

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष /shrikrishn janmashtami par vishesh  झांकी  जय कन्हैया लाल की  1 …………..जब -जब धरती पर धर्म की हानि होती है ,ईश्वर अवतार लेते हैं तभी तो भक्त गा उठते हैं …………… कभी राम बन के कभी श्याम बन के चले आना प्रभुजी चले आना               … Read more

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