“एक दिन पिता के नाम ” —-वो २२ दिन ( संस्मरण -वंदना गुप्ता )
“एक दिन पिता के नाम “ आपकी ज़िन्दगी आपकी साँसें जब तक रहेंगी तब तक हर दिन पिता को समर्पित होगा वो हैं तो तुम हो उनके होने से ही तुम अस्तित्व में आये … Read more
“एक दिन पिता के नाम “ आपकी ज़िन्दगी आपकी साँसें जब तक रहेंगी तब तक हर दिन पिता को समर्पित होगा वो हैं तो तुम हो उनके होने से ही तुम अस्तित्व में आये … Read more
मेरी माँ , प्यारी माँ , मम्मा .. माँ की ममता को कौन नहीं जानता और कोई परिभाषित भी नहीं कर पाया है। सभी को माँ प्यारी लगती है … Read more