मिसेज़ चटर्जी वर्सस नॉर्वे और लीड्स में हुई हिंसा

मिसेज़ चटर्जी वर्सस नॉर्वे और लीड्स में हुई हिंसा

लंदन से प्रकाशित पुरवाई के संपादकीय कई मुद्दों पर सोचने को विवश कर देते हैं। ‘प्रवासी हिंसा और दंगे” ऐसा ही संपादकीय है जिसने मुझे उसपर लिखने को विवश कर दिया l आदरणीय तेजेंद्र शर्मा जी अपने संपादकीय में लिखते हैं कि, “ब्रिटेन में ऐसे बहुत से इलाक़े हैं जिनमें एक ख़ास किस्म के प्रवासी … Read more

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गीत अटपटे-बड़े चटपटे

गीत अटपटे बड़े चटपटे

लगभग 50 वर्षों पूर्व हिन्दी के बालसाहित्यकारों का एक बड़ा जमावड़ा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। जमावड़ा शब्द का प्रयोग मैं इसलिए कर रहा हूँ कि तब बालसाहित्य भी जमने के लिए निरंतर प्रयत्नशील था, ऐसे में इस अधिवेशन को मुझे वास्तव में जमावड़ा कहना ही अधिक प्रासंगिक लगा। इसकी सबसे बड़ी … Read more

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कलर ऑफ लव – प्रेम की अनूठी दास्तान

कलर ऑफ लव

  प्रेम जो किसी पत्थर हृदय को पानी में बदल सकता है, तपती रेत में फूल खिला सकता है, आसमान से तारे तोड़ के ला सकता है तो क्या किसी मासूम बच्चे में उसकी उच्चतम संभावनाओं को विकसित नहीं कर सकता | क्या माँ और बच्चे का प्रेम जो संसार का सबसे शुद्ध, पवित्र, निश्चल … Read more

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पुस्तक समीक्षा -शंख पर असंख्य क्रंदन

संख पर असंख्य क्रंदन

    जो देश और काल को परिभाषित कर दे, उसकी समस्याओं, तकलीफों, बेचैनियों को शब्द दे दे, दुःख सुख, युद्ध शांति, संयोग वियोग, मानवता नृशंसता को व्याख्यायित कर दे, जीवन को आधार प्रदान करे, श्वास लेने के लिए मुफीद जगह उपलब्ध करवा दे, वही कविता है. कविता का संसार अत्यंत व्यापक है जिसका कोई … Read more

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हवा का झोंका थी वह -स्त्री जीवन के यथार्थ की प्रभावशाली अभिव्यक्ति    

हवा का झोंका थी वह

     समकालीन कथाकारों में अनिता रश्मि किसी परिचय की मोहताज़ नहीं है। हवा का झोंका थी वह अनिता रश्मि का छठा कहानी संग्रह है। इनके दो उपन्यास, छ: कहानी संग्रह सहित कुल 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी रचनाएँ निरंतर देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। इस संग्रह में … Read more

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पुस्तक समीक्षा -भगवतीचरण वर्मा स्मृति : समकालीन कहानी संग्रह

पुस्तक समीक्षा

  सीमा वशिष्ठ जौहरी जो कि वरिष्ठ साहित्यकार भगवतीचरण वर्मा की पोती हैं, ने अपने दादाजी भगवतीचरण वर्मा की स्मृति में समकालीन कहानी संग्रह का संपादन कर पुस्तक भगवतीचरण वर्मा स्मृति : समकालीन कहानी संग्रह का प्रकाशन संस्कृति, चेन्नई से करवाया है। सीमा जौहरी बाल साहित्य के क्षेत्र में लेखन में सक्रीय हैं। सीमा वशिष्ठ … Read more

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बेगम हज़रत महल- एक निम्नवर्ग में जन्मी लड़की से बेगम हज़रत महल बनने तक की संघर्षमय गाथा

बेगम हज़रत महल- एक निम्नवर्ग में जन्मी लड़की से बेगम हज़रत महल बनने तक की संघर्षमय गाथा

  1857 का संग्राम याद आते ही लखनऊ यानी की अवध की बेगम हज़रत महल के योगदान को कौन भूल सकता है l  खासकर तब जब आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा देश अपने देश पर जाँ निसार करने वाले वीरों को इतिहास के पीले पन्नों से निकाल कर फिर से उसे समकाल और आज … Read more

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घूरे का हंस – पुरुष शोषण की थाह लेती कथा

मैं खटता रहा दिन रात ताकि जुटा सकूँ हर सुख सुविधा का सामान तुम्हारे लिए और देख सकूँ तुम्हें मुस्कुराते हुए पर ना तुम खुश हुई ना मुस्कुराई तुमने कहा मर्दों के दिल नहीं होता और मैं चुपचाप आँसूँ पिता रहा कविता का यह अंश मैंने लिया है सुपरिचित लेखिका अर्चना चतुर्वेदी जी के उपन्यास … Read more

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सुनो कहानी नई पुरानी -कहानियों के माध्यम से बच्चों को संस्कृति से जोड़ने का अभिनव प्रयास

“मम्मी इस घर का एक रूल बना दीजिए कि चाहे जो भी हो जाए इस फॅमिली का कोई मेम्बर एक-दूसरे से बात करना बंद नहीं कर सकता है l” यूँ तो साहित्य लेखन ही जिम्मेदारी का काम है पर बाल साहित्य के कंधे पर यह जिम्मेदारी कहीं ज्यादा महती है क्योंकि यहाँ पाठक वर्ग एक … Read more

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शंख में समंदर-सोशल मीडिया के अनदेखे रिश्तों के नाम

शंख समुद्र में पाए जाते हैं और शंख में भी में समंदर रहता है l लेकिन इस आध्यात्मिक बात को अगर लौकिक जगत में ले आयें तो संसार में सोशल मीडिया है और सोशल मीडिया में जीता जागता संसारl अपने- अपने घरों में, बाजार में, स्कूल में, ऑफिस में बैठकर इसमें आवाजाही करते रहते हैं| तो कभी लाइक और कमेन्ट के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्शाते हैंl कभी कोई एक घटना हर वाल पर उसकी प्रतिक्रिया के रूप में शंख के अंदर के जल की तरह ठहर जाती है तो कहीं हम एक पोस्ट पर बधाई और दूसरी पर विनम्र श्रद्धांजलि लिखते हुए भावनाओं के सागर में लहर-लहर बहते हैंl सच तो ये है कि हम ऐसे तमाम रिश्तों में बँध जाते हैं जिनसे हम कभी मिले ही नहीं...l

शंख समुद्र में पाए जाते हैं और शंख में भी में समंदर रहता है l लेकिन इस आध्यात्मिक बात को अगर लौकिक जगत में ले आयें तो संसार में सोशल मीडिया है और सोशल मीडिया में जीता जागता संसारl अपने- अपने घरों में, बाजार में, स्कूल में, ऑफिस में बैठकर इसमें आवाजाही करते रहते हैं| … Read more

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