अभी तो में जवान हूँ

अभी तो मैं जवान हूँ

जब पचपन के घरघाट भयन, तब देखुआ आये बड़े – बड़े। हम सादी से इनकार कीन, सबका लौटारा खड़े – खड़े॥ कविता का ये अंश अवधि के लोकप्रिय कवि रमई काका (1925-1982)की कविता “बुढ़ऊ का ब्याह” से लिया है | कविता भले ही पुरानी हो पर बुढ़ापे में जवान दिखने की खवाईश आज भी उतनी ही ताज़ा … Read more

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अथ श्री मुफ्त मेट्रो कथा

चुनाव का मौसम यानी फ्री का मौसम … हर राजनैतिक पार्टी कुछ ना कुछ फ्री देने की घोषणा करती है | मोदी जी पद्रह लाख हर गरीब के अकाउंट में डलवा रहे थे तो राहुल जी 72000 … अब केजरीवाल जी कहाँ पीछे रहते उन्होंने दिल्ली मेट्रो में सफ़र करने वाली हर महिला का किराया … Read more

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आइना देखने की दूसरी पारी

अंदाज अपना देखते हैं , आईने में वो, और ये भी देखते हैं कोई देखता ना हो                        निजाम राम पूरी जी का ये शेर जब युवावस्था की दहलीज पर पढ़ा था, तो उसका असर कई दिन तक मन की किताब पर काबिज रहा था, … Read more

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लव यू इमरान – आखिर ये पहले क्रश का मामला है

एक समय था जब लड़कियों के क्रश इमरान खान हुआ करते थे |लडकियाँ उन्हें खून से खत लिखा करती थीं |  आज शोशल मीडिया की अनेकों जगह  पर लव यू इंडिया की जगह लव यू इमरान  दिखाई पड़ रहा है | पढ़िए इसी पर एक व्यंगातमक रचना ……….. लव यू इमरान – ये पहले क्रश … Read more

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दादी कानपुर वाली -दादी और फोटो शूट

                        दादी कानपुर वाली …. प्रस्तुत है पहली कड़ी … दादी कानपुर वाली -दादी और फोटो शूट  हम दादी बोल रहे हैं कानपुर से … अरे वही रिया की दादी … पहचानी की नाही , वही दिल्ली वाली रिया की दादी …. अब तो … Read more

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साडे नाल रहोगे ते योगा करोगे

यूँ तो योग तन , मन और आत्मा सबके लिए बहुत लाभदायक है इसलिए ही इसे पूरे विश्व ने न केवल अपनाया है बल्कि इसे बढ़ावा देने के लिए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी घोषित कर दिया | लेकिन जरा सोचिये इसे योग में अगर हास्य योग भी जुड़ जाए तो …. फिर … Read more

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तानाशास्त्र

              ताना मारना एक ऐसी कला है जो किसी स्कूल में नहीं पढाई जाती | इस के ऊपर कोई शास्त्र नहीं है | फिर भी ये पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक का सफ़र बड़ी आसानी से तय कर लेती है | ताना मरने की कला में कोई धर्म  , … Read more

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ब्रांडेड का बुखार

 सिर्फ ऋतुएं ही नहीं बदलती | ऋतुओ की तरह जमाने भी बदलते हैं | यह चक्र यूँहीं चलता रहता है | पुराने से नया , नए से और नया , वगैरह –वगैरह | मुझे याद आ रहा है हेमामालिनी द्वारा पर्दे पर अभिनीत “ नया जमाना “मूवी  का पुराना गाना “ नया जमाना आएगा …. … Read more

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अप्रैल फूल – याद रहेगा होटल का वो डिनर

अप्रैल फूल है तो आयातित त्यौहार पर हम भारतीय भी अपने जीवन में हास्य और रोमांच जोड़ने के लिए इसे बड़े उत्साह से मानते हैं| मेरे द्वारा अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत बचपन में ही हो गयी थी, जब हम सहेलियाँ एक दूसरे को कहती, ये देखो छिपकली, वो देखो कॉक्रोच, फिर जैसे ही अगला … Read more

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अफसर महिमा- व्यंग

विष्णु लोक में नारायण भगवान अनमने ढंग से बैठे हैं. उन्हें बड़ी बेचैनी हो रही है. वे नारदजी की प्रतीक्षा बेसब्री से कर रहे हैं. लक्ष्मीजी आती हैं और उन्हें चिंता-मग्न देखकर पूछ बैठती हैं-  ” क्या हुआ भगवन! आप बड़े चिंतित नजर आ रहे हैं?“ भगवान उत्तर देते हैं- ” हाँ, प्रिये! मुझे चिंता … Read more

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