प्रेम कितना खूबसूरत अहसास है , ना ये उम्र देखता है ना जाति -धर्म , लेकिन समाज ये देखता है | उसे बंधन में बांधे गए घुट -घुट कर जीते जोड़े पसंद हैं पर प्रेम के नाम पर अपने मनपसंद साथी को चुनने का अधिकार नहीं |यूँ तो रोज ना जाने कितनी प्रेम कथाओं का अंत होता रहता है , ये तो महज उनकी एक कड़ी है | एक प्रेम कथा का अंत टिंग -टांग घंटी की आवाज सुनते ही निधि ने दरवाजा खोला | सामने उसकी घरेलू सहायिका की माँ देविका खड़ी थी | “अरे ! इतनी जल्दी , आज तो इतवार है , अभी तो नाश्ता भी नहीं बना “उसने दरवाजे पर ही उसे लगभग रोकते हुए कहा | पर वो एक उदास दृष्टि से उसकी ओर देख कर आगे बढ़ गयी और पंखा खोलकर सोफे पर पसर गयी | वो पीछे -पीछे आई | ” क्या हुआ ? सब ठीक तो है” , आज राधा नहीं, तुम आयीं हो |” देविका सुबकने लगी | पल्लू से अपनि आँखें पोछ कर बोली , ” का बतावे, राधा को पुलिस पकड़ कर ले गयी | “ राधा को पुलिस पकड़ कर ले गयी , आखिर किस जुर्म में , किस अपराध में ? ” का बतावें , आग लगे सबको , हमरा तो पेट जलत है “कहते हुए वो अपने पेट की मांस -पेशियों को जोर -जोर से नोचने लगी | “आखिर हुआ क्या ?” अरे , हुआ ई कि हमरी राधा के कोन्हू दिमाग नाहीं है | सब ससुरालिये पड़े रहते हैं उसके घर मा आये दिन , सब का नंबर राखत है , कई बार कहा जब ऊ सब तुम को नाहीं पूछत हैं तो तुम काहे अपनी जान होमत हो सब की खातिर , पर हर बार एक ही जवाब अम्मा हमको दया लग जाती है |अब भुगतो !! “पर हुआ क्या ?” निधि अपनी अधीरता को रोकने की असंभव कोशिश करते हुए कहा ” का बतावें , ई जो राधा के चचिया ससुर का देवर है ना , बड़ा हरामी है , ठाकुरों की बहु भगा लाया | उसकी भी राजी है , अब वो लोग क्या छोड़ देंगे … मार डालेंगे , ना अपनी बीबी बच्चों का सोचा , ना उसके बच्चे का | महतारी ने भी अपने बच्चे का नहीं सोचा ऊपर से उसने अपनी भौजाई को बता दिया कि डिल्ली में हैं | वो औरत ठाकुरों के दवाब में सब कबूल गयी | अब लगा लिए पता कि डिल्ली में तो उसकी भौजाई राधा ही राहत है तो खोजत -खोजत पुलिस आय गयी | लेडिस पुलिस ले गयी है पूछताछ के वास्ते” , कह कर वो फिर रोने लगी | निधि को कुछ भी समझ नहीं आया कि उसे कैसे चुप कराये | पूरी बात की तहकीकात करने के लिए उसने राधा को फोन मिलाया | ” आ रही हूँ भाभी , अभी रास्ते में हूँ |” उधर से राधा की आवाज़ आई | उसे कुछ तसल्ली हुई और ये बात उसकी माँ को बता कर वो चाय बनाने किचन में चली आई | थोड़ी देर में राधा आ गयी | ” क्या हुआ ? तुम्हारी माँ बहुत परेशान है, जब से आई है राये जा रही है ? ” उसने पूछा ” कुछ नहीं माँ की तो परेशान होने की आदत है |” ” राजाराम (राधा का पति ) बता रहा था लेडिस पुलिस आय के तुमको लिवा ले गयी |” देविका वहीँ से बोली | “झूठ , बोल रहा था | लड़की के ससुरालिये आये थे | कह रहे थे तुम बस उसका घर बता दो, हम तुम्हें कुछ नहीं कहेंगे | हमने भी कह दिया , हमें पता नहीं है , साथ में ढूँढने चलते हैं | खिचड़ीपुर में रहता है ,ढूंढते -ढूंढते पहुँच गए उसके घर , लड़की वही पाजामा टॉप पहने उसके साथ एक ही चारपाई पर बैठी थी | कतई कम उम्र की थी | ये राजाराम ना जाने काहे झूठ बोल रहा था , उसको तो पता था, उसी के सामने तो गए थे , का डरते हैं हम किसीसे |”राधा ने तेज आवाज़ में कहा ” अरे मरे साला , बहुतही झूठ बोलता है |” देविका मुँह बिचकाते हुए बोली इतनी गाली -गलौज की भाषा निधि को अच्छी नहीं लग रही थी | आज वो अपने स्वाभाविक रूप में थीं जैसे घर में रहतीं है पर वो उनकी इस मानसिक दशा में कुछ कह भी नहीं पायी और धीरे से चाय छानने के लिए रसोई में घुस गयी |” चाय सुडकते मठरी कुतरते राधा बोलती जा रही थी , ” बड़ी हरा.. औरत है , दो बार पहले भी भाग चुकी है , अब इसके साथ भाग आई | मैंने कहा कि तुम्हारी वजह से ठाकुर हमारे घर आये तहकीकात को , हमारा क्या दोष , दिल्ली काहे आ गयीं , कहीं और भाग जाती ,मर जातीं , तो मुझसे कहने लगी , ” आप बीच में ना बोले दीदी , आप पर दोष नहीं आएगा | हम कहेंगे पंचायत में , कोर्ट में, हम आये हैं इसके साथ , का गलत का है , आदमी नहीं है वो, नामर्द है साला , जबरजस्ती बाँध रखा है अपने साथ | जे बच्चा भी उसका ना है जेठ से करा दिया | जब उसने मिटटी पलीद कर ही दी तो काहे चाकरी करें उसकी ,जब मरद के होते हुए भी इसका उसका पेट भरे का ही है तो क्यों ना अपने मन का चुन लें | ना मायके की ठौर , ना ससुरे की | हाँ भागे हैं हम दुई बार और पहिले भी …साले डरपोंक निकले कह दिया हमरे साथ नहीं आई है | एही लिए ई बार हम कोई रिस्क ना लेवे | “ ” हे भगवान् , ऐसे बोली एकदम खुल्ला | अरी नासपीटी , ये आजकल की लडकियाँ हैंये ऐसी , ना लाज ना शरम , ना जान का डर , मरे जा के पर तुम पर मुसीबत ना आवे |” देविका अपनी छाती को लगभग पीटते हुए बोली | हम पे का मुसीबत आवेगी अम्मा , ठाकुरन की बहु है , छोड़ेंगे थोड़ी ही ना, काट डालेंगे | … Read more